For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

क्योकि में इक नदी हूँ
मेरा कोई दोष नहीं
फिर भी मैं दोषी हूँ
करते तुम सब लोग हो
भरती मैं हूँ ..
क्योकि में इक नदी हूँ
मुझमे भी जीवन है
मेरा भी  अस्तित्व है
मेरी एक पहचान है
जो लोग करते पूजा हैं  
वही गंदगी भी देते हैं  
चुपचाप सब सहती हूँ
क्या करूँ मैं इक नदी हूँ ...
जागो अब भी जागो
विलुप्त हो जाऊ उस से
पहले मुझे बचा लो
नहीं तो रह जाओगे प्यासे
जैसे बीन पानी मछली तरसे ,
जाने कितने दोहन हुए
सीना चीर मेरा जख्मी किये,
क्योकि में इक नदी हूँ
तुम सब को जीवन देती हूँ !!....

"मौलिक व अप्रकाशित"

आलोक

मथुरा

Views: 518

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Alok Mittal on November 1, 2014 at 12:46pm

आदरणीय जितेन्द्र 'गीत' जी आपका दिल से आभार

Comment by Alok Mittal on November 1, 2014 at 12:26pm

आदरणीय गिरिराज भंडारी जी.....बेहद शुक्रिया आपका मेरा हौसला बढाने के लिए

Comment by Alok Mittal on November 1, 2014 at 12:25pm

आदरणीय ajay sharma जी.....बहुत बहुत शुक्रिया आपका

Comment by Alok Mittal on November 1, 2014 at 11:43am

आदरणीय rajesh kumari जी.....आपका बहुत बहुत शुक्रिया मेरा हौसला बढाने का

Comment by Alok Mittal on November 1, 2014 at 11:12am

आदरणीय डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव जी.....मेरा हौसला बढाने का आपका आभार

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on November 1, 2014 at 9:55am

आदरणीय आलोक जी, बहुत ही सुंदर सार्थक चित्रण करती प्रस्तुति पर बधाई आपको


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on November 1, 2014 at 8:29am

आदरणीय आलोक भाई , सामयिक विषय में बढिया बात कही है , बधाई स्वीकार करें ।

Comment by ajay sharma on November 1, 2014 at 12:18am

पहले मुझे बचा लो 
नहीं तो रह जाओगे प्यासे 
जैसे बीन पानी मछली तरसे , 
जाने कितने दोहन हुए 
सीना चीर मेरा जख्मी किये,
क्योकि में इक नदी हूँ 
तुम सब को जीवन देती हूँ !!....samvednayon se saji rachna ,,,wah 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on October 30, 2014 at 7:44pm

सम सामयिक प्रस्तुति हमे नदियों को बचाना होगा वरना प्रकृति का कहर भुगतना होगा |बधाई आपको. 

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on October 30, 2014 at 3:23pm

ज्वलंत विषय पर अच्छी प्रस्तुति  i

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on Ravi Shukla's blog post तरही ग़ज़ल
"क्या ही शानदार ग़ज़ल कही है आदरणीय शुक्ला जी... लाभ एवं हानि का था लक्ष्य उन के प्रेम मेंअस्तु…"
6 hours ago
बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post गीत-आह बुरा हो कृष्ण तुम्हारा
"उचित है आदरणीय अजय जी ,अतिरंजित तो लग रहा है हालाँकि असंभव सा नहीं है....मेरा तात्पर्य कि…"
6 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Ravi Shukla's blog post तरही ग़ज़ल
"आदरणीय रवि भाईजी, इस प्रस्तुति के मोहपाश में तो हम एक अरसे बँधे थे. हमने अपनी एक यात्रा के दौरान…"
10 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"आ. चेतन प्रकाश जी,//आदरणीय 'नूर'साहब,  मेरे अल्प ज्ञान के अनुसार ग़ज़ल का प्रत्येक…"
10 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - यहाँ अनबन नहीं है ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय गिरिराज भाईजी, आपकी प्रस्तुति पर आने में मुझे विलम्ब हुआ है. कारण कि, मेरा निवास ही बदल रहा…"
10 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"धन्यवाद आ. लक्ष्मण धामी जी "
10 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"धन्यवाद आ. अजय गुप्ता जी "
10 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"आदरणीय अजय अजेय जी,  मेरी चाचीजी के गोलोकवासी हो जाने से मैं अपने पैत्रिक गाँव पर हूँ।…"
21 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी,   विश्वासघात के विभिन्न आयामों को आपने शब्द दिये हैं।  आपके…"
21 hours ago
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180

परम आत्मीय स्वजन,ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 180 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का…See More
22 hours ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"विस्तृत मार्गदर्शन और इतना समय लगाकर सभी विषयवस्तु स्पष्ट करने हेतू हार्दिक आभार आदरणीय सौरभ जी।…"
22 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"आ. भाई अजय जी, सादर अभिवादन। दोहों पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए आभार। पंचकल त्रिकल के प्रयोग…"
23 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service