For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

जीते जी जिन्दगी खत्म नहीं होती

सिर्फ एक अध्याय खत्म होता है

जब तक एक भी साँस है

हौसले हैं

तब तक रास्ते हैं

कहीं भी, किसी पल

किसी भी मोड़ पर

नई शुरूआत हो सकती है

 

मिटा देता है वक्त गुज़रते-गुज़रते

पुरानी लिखावट को

और एक कोरा पन्ना छोड़ जाता है

आते-आते

वही वक्त एक और मौका देता है

कि उसी कोरे पन्ने पर

फिर अपनी ज़िन्दगी लिखें

फिर शुरूआत करें

 

(मौलिक व अप्रकाशित ) 

 

Views: 493

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on October 19, 2014 at 7:00pm

आदरणीय डॉ. विजयशंकर सर आपका बहुत बहुत शुक्रिया जो आपने मेरी रचना को मान दिया स्नेह बनाये रखें


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on October 19, 2014 at 6:59pm

आदरणीय गोपाल नारायण सर रचना की सराहना के लिये आपका तहे दिल से शुक्रिया


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on October 19, 2014 at 6:58pm

आदरणीय हरिवल्लभ सर रचना को समय देने के लिये आपका तहेदिल से शुक्रिया स्नेह बनाये रखें


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on October 19, 2014 at 6:57pm

आदरणीय गणेश जी बहुत बहुत शुक्रिया, आपके अनुमोदन से हौसला बढ़ा है स्नेह बनाये रखें


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on October 19, 2014 at 6:55pm

आदरणीय खुर्शीद जी रचना को मान देने के लिये आपका हार्दिक आभार

Comment by Dr. Vijai Shanker on October 15, 2014 at 6:53pm
जिंदगी है तो आस है ,
आस है तो जिंदगी है ,
और जबतक जिंदगी
तब तक हर पल एक
नई शुरुआत है ,
बहुत सुन्दर , आदरणीय शिज्जु शकूर जी , बधाई .
Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on October 15, 2014 at 6:18pm

जब तक एक भी साँस है

हौसले हैं

तब तक रास्ते हैं

कहीं भी, किसी पल

किसी भी मोड़ पर

नई शुरूआत हो सके -----------------------बेहतरीन शिज्जू भाई i

Comment by harivallabh sharma on October 15, 2014 at 4:56pm

पुराने लेख मिट जाते है नविन पृष्ट जुड़ जाते हैं...बहुत सटीक कथ्य के साथ सार्थक अतुकांत रचना हेतु बधाई आपको, आदरणीयशिज्जू 'शकूर' साहब.


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on October 15, 2014 at 1:00pm

जिंदगी को देखने का एक सकरात्मक नजरिया, कविता सन्देश छोड़ने में सफल है अर्थात कवि अपने उद्देश्य में सफल हुआ, बधाई आदरणीय शिज्जु भाई।

Comment by khursheed khairadi on October 15, 2014 at 9:29am

मिटा देता है वक्त गुज़रते-गुज़रते

पुरानी लिखावट को

और एक कोरा पन्ना छोड़ जाता है

आदरणीय शकूर सा. अच्छी आशावादी रचना है |सादर अभिनन्दन 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Vikram Motegi is now a member of Open Books Online
6 hours ago
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . . .पुष्प - अलि

दोहा पंचक. . . . पुष्प -अलिगंध चुराने आ गए, कलियों के चितचोर । कली -कली से प्रेम की, अलिकुल बाँधे…See More
6 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
23 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दयाराम जी, सादर आभार।"
23 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई संजय जी हार्दिक आभार।"
23 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
23 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद"
23 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दिनेश जी, सादर आभार।"
23 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय रिचा यादव जी, पोस्ट पर कमेंट के लिए हार्दिक आभार।"
yesterday
Shyam Narain Verma commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
yesterday
Shyam Narain Verma commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
yesterday
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दिनेश जी, बहुत धन्यवाद"
yesterday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service