For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

एक बार फिर आओ न वैदेही
फिर राम की बनो सनेही
इस बार उसके साथ वन में मत जाओ
उसे ले चलो किसी शहर की ओर
जहाँ अनगिनत रावण तुम्हारे
अपहरण का स्वप्न सजाये बैठे हैं.
रावण द्वारा अपहृत हो जाओ,
इन नए राक्षसों के विनाश का
तुम फिर से कारण बनो.
एक नया संसार बसाओ
इनका अब संहार कराओ.

तनिक फिर भृकुटि बनालो
राम को फिर से बुला लो.

मौलिक व अप्रकाशित
विजय प्रकाश शर्मा

Views: 689

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Dr.Vijay Prakash Sharma on October 13, 2014 at 1:43pm

आ विजय निकोर जी ,
सत्य वचन माननीय , हम अगर ऐसा कर पाएं.
इस रचना की सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार .

Comment by Dr.Vijay Prakash Sharma on October 13, 2014 at 1:40pm

आ मीना पाठक जी ,
इस सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार .

Comment by Dr.Vijay Prakash Sharma on October 13, 2014 at 1:39pm

आ राजेश कुमारी जी ,
आपका बहुत आभार . हमें आशावान रहना होगा
राम को तो आना ही होगा क्योंकि वे स्वयं से प्रतिज्ञा बद्ध हैं -".विनाशाय च दुष्कृताम==== -सम्भवामि युगे- युगे",

Comment by Dr.Vijay Prakash Sharma on October 13, 2014 at 1:36pm

आ जितेन्द्र 'गीत' जी ,
आपका बहुत आभार .
आपका कहना सत्य है-वास्तविकता कछ और है- लेकिन अभी स्थिति नियंत्रण में है विस्फोटक तब होगा जब "बडहिं लम्पट चोर जुआरा,हर आनहिं पर धन अरु दारा" ऐसी स्थिति में राम को तो आना ही होगा क्योंकि वे स्वयं से प्रतिज्ञा बद्ध हैं -".विनाशाय च दुष्कृताम==== -सम्भवामि युगे- युगे",

Comment by vijay nikore on October 12, 2014 at 12:43pm

हम सभी अपने मन में राम जी को बसाए रखें, औरों में भगवान को देखें... यह संसार बदल जाएगा ... लगेगा कि राम जी ने अवतार लिया है।

इस अच्छी रचना के लिए हार्दिक बधाई, आदरणीय विजय जी।

Comment by Meena Pathak on October 12, 2014 at 11:48am

बेहद उम्दा रचना ..बधाई आदरणीय विजय जी | सादर 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on October 12, 2014 at 11:20am

काश कोई राम फिर से अवतार ले इन राक्षसों का संहार करने ..उन्नत भाव ..उम्दा रचना हार्दिक बधाई आपको आ० विजय प्रकाश जी .

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on October 12, 2014 at 10:17am

बहुत ही सुंदर, किन्तु वास्तविकता कुछ ओर ही है. बधाई आदरणीय विजय प्रकाश जी

Comment by Dr.Vijay Prakash Sharma on October 10, 2014 at 5:43pm

आ ० सन्देश नायक जी,
आपकी सराहना के लिए बहुत आभार.सादर.

Comment by Dr.Vijay Prakash Sharma on October 10, 2014 at 5:42pm

आ ० वेदिका जी,
आपकी सराहना के लिए बहुत आभार.सादर.

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186

ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 186 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का मिसरा आज के दौर के…See More
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"  क्या खोया क्या पाया हमने बीता  वर्ष  सहेजा  हमने ! बस इक चहरा खोया हमने चहरा…"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"सप्रेम वंदेमातरम, आदरणीय  !"
Sunday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Saturday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
Friday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
Friday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Dec 10
anwar suhail updated their profile
Dec 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service