For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

मौत का सघन  साया

अनुभूति बनकर आया

मेरे अंतिम क्षणों में I

*

यह आत्मीयता प्रदर्शन

करुणा  का कलित क्रंदन

चीत्कार आर्त्त रोदन

या नाट्य  अभिनय मंचन

.

इसे देख जी में आया 

छोडूं न अभी काया

मेरे अंतिम क्षणों में I

*

सर्वांग व्यथित परिजन

सूने उदास से मन

इतना असीम कम्पन

तब था न  जब था जीवन

.

यह मोह है या माया

कुछ कुछ समझ में आया

मेरे अंतिम क्षणों में I

*

वक्रोक्ति व्यंग्य दंशन 

हासोपहास लांछन

सहता रहा था जो मन

क्या यही प्रकृत जीवन ?

.

कोई न जान पाया

प्रभु ने मुझे जगाया

मेरे अंतिम  क्षणों में I

 

(मौलिक व अप्रकाशित )

 

 

Views: 744

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on November 9, 2014 at 1:01pm

निकोर सर

आपका  कोटि-कोटि आभार i

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on November 9, 2014 at 12:59pm

सीमाहरी  जी को  बहुत बहुत आभार i

Comment by seemahari sharma on September 18, 2014 at 7:53pm
जब तक जीवन समझ आता है बहुत देर हो चुकी होती है और मृत्यु जीवन को मात दे ही देती है बहुत सुंदर भाव हैं आदरणीय
Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on September 16, 2014 at 3:48pm
मित्र
आपने बिलकुल ठीक समझा . मेरा अभ्प्रेट भी वही था . सादर .

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on September 15, 2014 at 12:31pm

आदरणीय बड़े भाई गोपाल जी , जो कुछ भी समझा नहीं आया , या हम स्वयं समझना नही चाहे जीवन भर किसी अहम् के वशीभूत  , अन्तिम क्षणों में जीवन स्वयं समझा देता है , पर समय नहीं रहता उस समय , ऐसी मेरी भी मान्यता है | ऐसा ही कुछ आपकी रचना से महसूस हुआ | रचना के लिए बहुत बधाइयां , आदरणीय |

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on September 14, 2014 at 7:55pm

नीरज कुमार जी

प्रोत्साहन के लिए शुक्रिया i

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on September 14, 2014 at 7:54pm
आदरणीय पवन कुमार जी
आपका बहुत आभार i
Comment by Neeraj Neer on September 14, 2014 at 7:02pm

बहुत सुंदर नवगीत ...

Comment by Pawan Kumar on September 14, 2014 at 3:49pm

बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति.. आदरणीय ... बधाई सादर!

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on September 11, 2014 at 6:13pm

आदरणीय निकोर जी

आपका आशीष पाकर ह्रदय गदगद  हो गया i सादर i

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Admin posted discussions
10 hours ago
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ सड़सठवाँ आयोजन है।.…See More
11 hours ago
Ashok Kumar Raktale commented on Sushil Sarna's blog post दोहा दशम -. . . . . शाश्वत सत्य
" आदरणीय सुशील सरना जी सादर, जीवन के सत्य पर सुन्दर दोहावली रची है आपने. हार्दिक बधाई…"
12 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - आँखों की बीनाई जैसा
"आ. भाई नीलेश जी, सादर अभिवादन। बेहतरीन गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
13 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post मौत खुशियों की कहाँ पर टल रही है-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आ. भाई सौरभ जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थित और मार्गदर्शन के लिए आभार। कुछ सुधार किया है…"
17 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post मौत खुशियों की कहाँ पर टल रही है-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आ. भाई बृजेश जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए धन्यवाद।"
17 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post मौत खुशियों की कहाँ पर टल रही है-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आ. भाई अशोक जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए धन्यवाद।"
17 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post मौत खुशियों की कहाँ पर टल रही है-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आ. भाई अमीरुद्दीन जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए धन्यवाद।"
17 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post मौत खुशियों की कहाँ पर टल रही है-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आ. भाई नीलेश जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थित और मार्गदर्शन के लिए आभार। कुछ सुधार किया है…"
17 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post ग़ज़ल....उदास हैं कितने - बृजेश कुमार 'ब्रज'
"आ. भाई वृजेश जी, अभिवादन। अच्छी गजल हुई है। हार्दिक बधाई। मतले में यदि उन्हें सम्बोधित कर रहे हैं…"
18 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post ग़ज़ल....उदास हैं कितने - बृजेश कुमार 'ब्रज'
"अनुज बृजेश , पूरी ग़ज़ल बहुत खूबसूरत हुई है , हार्दिक बधाई स्वीकार करें मतले के उला में मुझे भी…"
19 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहा दसक- गाँठ
"आदरणीय भाई सौरभ जी, सादर अभिवादन। दोहों पर उपस्थिति और विस्तार से सुझाव के लिए आभार। इंगित…"
21 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service