For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

गीत ' सदियों से ढूँढूं मैं कान्हा'

तम में छिपते श्याम
घटा से
कभी छिपते सित भौर
सदियों से ढूँढूं मैं
कान्हा
पाऊँ ओर ना छोर
...
घोर तिमिर की छाया
में तुम
क्षण दर्पण देते हो
धुंध कुहासा हट
ना पाये
पल अर्पण लेते हो
तुम अदृश्य अनंत
अविनाशी
बंधें भी कैसे डोर
...
गोपियों के प्रेम में
बसकर
भक्ति में हँसते हो
योगिराज युग युग
से,तंदुल
मित्र कभी रमते हो
ज्ञान भक्ति पथ हो
कोई भी
कर्म बिना नहीं ठौर

सीमा हरि शर्मा 18.08.2014
मौलिक एवं अप्रकाशित

Views: 546

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by seemahari sharma on September 2, 2014 at 6:29pm
Meena Pathak जी आपकी सुंदर प्रतिक्रिया के लिये
Comment by seemahari sharma on September 2, 2014 at 6:26pm
ह्रदय से शुक्रिया kalpna mishra bajpai जी। स्नेह बनाए रखिये
Comment by seemahari sharma on September 2, 2014 at 6:23pm
बहुत बहुत आभार laxman dhami जी।
Comment by seemahari sharma on September 2, 2014 at 6:20pm
आदरणीय rajesh kumari जी ह्रदय से आभार आपका इसी तरह स्नेह बनाये रखिये
Comment by seemahari sharma on September 2, 2014 at 6:16pm
बहुत आभार आदरणीय Vijay Nikore जी सादर
Comment by seemahari sharma on September 2, 2014 at 6:13pm
ह्रदय से आभार आदरणीय Saurabh Pandey जी आपकी प्रतिक्रिया से लेखन को प्रोत्साहन मिला सादर

सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on August 22, 2014 at 12:51am

गीत प्रयास के लिए अतिशय बधाइयाँ आदरणीया ..  आनन्द  गया..

Comment by vijay nikore on August 21, 2014 at 2:50pm

पढ़ कर आनन्द आया। बधाई, आदरणीया सीमा जी।


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on August 20, 2014 at 4:28pm

सुन्दर भक्तिमय गीत के लिए हार्दिक बधाई आपको सीमा जी. 

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on August 19, 2014 at 11:00am

सुन्दर गीत के लिए बधाई स्वीकारें आदरणीया l

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी posted a blog post

ग़ज़ल - ( औपचारिकता न खा जाये सरलता ) गिरिराज भंडारी

२१२२       २१२२        २१२२   औपचारिकता न खा जाये सरलता********************************ये अँधेरा,…See More
59 minutes ago
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा दशम्. . . . . गुरु

दोहा दशम्. . . . गुरुशिक्षक शिल्पी आज को, देता नव आकार । नव युग के हर स्वप्न को, करता वह साकार…See More
59 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post बाल बच्चो को आँगन मिले सोचकर -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। गजल आपको अच्छी लगी यह मेरे लिए हर्ष का विषय है। स्नेह के लिए…"
2 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post लौटा सफ़र से आज ही, अपना ज़मीर है -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति,उत्साहवर्धन और स्नेह के लिए आभार। आपका मार्गदर्शन…"
2 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on Saurabh Pandey's blog post कापुरुष है, जता रही गाली// सौरभ
"आदरणीय सौरभ भाई , ' गाली ' जैसी कठिन रदीफ़ को आपने जिस खूबसूरती से निभाया है , काबिले…"
2 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . नजर
"आदरणीय सुशील भाई , अच्छे दोहों की रचना की है आपने , हार्दिक बधाई स्वीकार करें "
2 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post बाल बच्चो को आँगन मिले सोचकर -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आदरणीय लक्ष्मण भाई , बहुत अच्छी ग़ज़ल हुई है , दिल से बधाई स्वीकार करें "
2 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post लौटा सफ़र से आज ही, अपना ज़मीर है -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आदरणीय लक्ष्मण भाई , खूब सूरत मतल्ले के साथ , अच्छी ग़ज़ल कही है , हार्दिक  बधाई स्वीकार…"
2 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - चली आयी है मिलने फिर किधर से ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय सौरभ भाई , ग़ज़ल  के शेर पर आपकी विस्तृत प्रतिक्रिया देख मन को सुकून मिला , आपको मेरे कुछ…"
2 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . नजर
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन आपकी मनोहारी प्रशंसा से समृद्ध हुआ । हार्दिक आभार आदरणीय "
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . नजर
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। अच्छे दोहे हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कापुरुष है, जता रही गाली// सौरभ
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, आपसे मिले अनुमोदन हेतु आभार"
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service