For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

“भाभी, अगर कल तक मेरी राखी की पोस्ट आप तक नहीं पँहुची तो परसों मैं आपके यहाँ आ रही हूँ  भैया से कह देना ” कह कर रीना ने फोन रख दिया|

अगले दिन भाभी ने सुबह ११ बजे ही फोन करके कहा, "रीना राखी पहुँच गई है ”

"पर भाभी मैंने तो इस बार राखी पोस्ट ही नहीं की थी !!! "


(मौलिक एवं अप्रकाशित )

Views: 1620

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on August 5, 2016 at 7:17pm

हाँ राहिला जी ,ये मेरी  ही लघु कथा है पिछले साल भी किसी ने बताया था की आपकी लघु कथा बिना आपके नाम के कई जगह देखी गई

इस बार तो घूम घाम कर मेरे ही पास आ गई व्हाट्स अप पर :)))))))  ये  तो  अच्छा  है ओबिओ पर डेट और टाइम पड़ा रहता है पब्लिश होने के वक़्त |

आपका बहुत- बहुत शुक्रिया  

Comment by Rahila on August 5, 2016 at 10:01am
ओह आदरणीया दीदी! ये आपकी रचना है! मेरे पास भी व्हाट्स एप्प पर परसों पहुंची ।और इस पर बेहद मजेदार प्रतिक्रिया थी ग्रुप के लोगों की।बहुत बधाई दीदी!इस शानदार पॉपुलर रचना के लिये।सादर

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on August 4, 2016 at 10:27pm

आद० शेख़ उस्मानी जी, दो साल पुरानी इस लघु कथा पर किसी वजह से आज  आना हुआ आपने  इस लघु कथा पर शिरकत की तथा सराहना की इस लघु कथा का मान और बढ़ गया आपका तहे दिल से आभार |

Comment by Sheikh Shahzad Usmani on August 4, 2016 at 10:22pm
बेहतरीन लघु लघुकथा दीर्घ प्रभाव छोड़ती। रिश्तों की तह तक पहुंचाती भाव पूर्ण प्रस्तुति के लिए हृदयतल से बहुत बहुत बधाई आपको आदरणीया राजेश कुमारी जी।

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on August 4, 2016 at 9:29pm

सीमा जी ,आज  ये  लघु कथा घूमती हुई व्हाट्स अप पर मेरे ही पास आ गई चोरी की इन्तहा देखिये मेरा नाम भी डाला होता तो ख़ुशी होती |इसी बहाने आज इतने दिन बाद आपकी प्रतिक्रिया इस लघु कथा पर पढ़ी बहुत अच्छा  लगा हार्दिक आभार आपका |

Comment by seemahari sharma on September 2, 2014 at 11:34pm
बहुत कम शब्दों में बड़ी बात कहना कुछ मुश्किल होता है जो आपकी लघु कथा में बहुत आसानी से हुआ है बहुत बहुत बधाई राजेश कुमारी जी

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on September 2, 2014 at 7:28pm

बहुत- बहुत हार्दिक आभार महेश्वरी कनेरी जी. 

Comment by Maheshwari Kaneri on September 2, 2014 at 6:00pm

बहुत सुंदर व्यंग्यात्मक लघु कथा ,  बधाई ;राजेश  जी,


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on August 23, 2014 at 9:49pm

आ० कल्पना रामानी जी ,आपको ये लघु कथा पसंद आई मेरा लिखना सार्थक हुआ ,हार्दिक आभार आपका |

Comment by कल्पना रामानी on August 23, 2014 at 9:22pm

आजकल के परिवारों में यह सब आम हो गया है। कसी हुई शैली में अति सुंदर लघुकथा के लिए आपको ढेरों बधाइयाँ प्रिय राजेश कुमारी जी,

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Profile IconDr. VASUDEV VENKATRAMAN, Sarita baghela and Abhilash Pandey joined Open Books Online
1 hour ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदाब। रचना पटल पर नियमित उपस्थिति और समीक्षात्मक टिप्पणी सहित अमूल्य मार्गदर्शन प्रदान करने हेतु…"
9 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार। रचना पटल पर अपना अमूल्य समय देकर अमूल्य सहभागिता और रचना पर समीक्षात्मक टिप्पणी हेतु…"
9 hours ago
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा सप्तक. . . सागर प्रेम

दोहा सप्तक. . . सागर प्रेमजाने कितनी वेदना, बिखरी सागर तीर । पीते - पीते हो गया, खारा उसका नीर…See More
10 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदरणीय उस्मानी जी एक गंभीर विमर्श को रोचक बनाते हुए आपने लघुकथा का अच्छा ताना बाना बुना है।…"
10 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय सौरभ सर, आपको मेरा प्रयास पसंद आया, जानकार मुग्ध हूँ. आपकी सराहना सदैव लेखन के लिए प्रेरित…"
11 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय  लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर जी, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार. बहुत…"
11 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहजाद उस्मानी जी, आपने बहुत बढ़िया लघुकथा लिखी है। यह लघुकथा एक कुशल रूपक है, जहाँ…"
11 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"असमंजस (लघुकथा): हुआ यूॅं कि नयी सदी में 'सत्य' के साथ लिव-इन रिलेशनशिप के कड़वे अनुभव…"
13 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदाब साथियो। त्योहारों की बेला की व्यस्तता के बाद अब है इंतज़ार लघुकथा गोष्ठी में विषय मुक्त सार्थक…"
yesterday
Jaihind Raipuri commented on Admin's group आंचलिक साहित्य
"गीत (छत्तीसगढ़ी ) जय छत्तीसगढ़ जय-जय छत्तीसगढ़ माटी म ओ तोर मंईया मया हे अब्बड़ जय छत्तीसगढ़ जय-जय…"
yesterday
LEKHRAJ MEENA is now a member of Open Books Online
Wednesday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service