For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

उन्मीदों से भी ज़्यादा, बहुत ज़्यादा मिल गया है

उन्मीदों से भी ज़्यादा, बहुत ज़्यादा मिल गया है
ख्वाहिशों का मेरी बे-नूर चेहरा खिल गया है

वो दौलतमंद है इक सिक्के की क़ीमत मालूम क्या उसको
कि इक सिक्के में  इस बच्चे का बस्ता सिल गया है

ना चप्पल पाव में न सर पे कोई टोपी भी थी उसके
सुबह इस ठंड में जो बच्चा मज़ूरी को निकल गया है

मुफ़लिसी से नहीं अपनी अमीरी से बहुत लाचार था
वो बदन नंगे जो चौराहे पे , बुत में ढल गया है

वो सवारी बैठाने से पहले ही , किराया बोल देता है
हालात बदले ना बदले उसके , मगर लहज़ा बदल गया है

.

मौलिक अप्रकाशित
अजय कुमार शर्मा

Views: 476

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on August 7, 2014 at 10:42pm

भाई अजयजी, आप पुराने सदस्य हैं. ग़ज़लनुमा लिखने की ललक कइयों को ग़ज़ल की विधा पर मेहनत करने से रोकती है.

इस मंच पर आदरणीय तिलकराज कपूरजी तथा भाई वीनसजी ने ग़ज़ल विधा से सम्बन्धित कई लेख बहुत मेहनत से साझा किये हैं. आप लाभ लें तो हम पाठकों का भी भला हो. 

शुभेच्छाएँ

Comment by ajay sharma on August 7, 2014 at 10:34pm

adarniya gurujano......pranam ....bahut dino ke baad obo pe aaya ......bahar aur metre .....ki samajh nahi hai ....kriypa mardarshan kare...jo kush man me aaya ....kisi swaroop me aa gaya .....kshama prarthi hoo yadi koi galti hui hai....to.......

Comment by Dr Ashutosh Mishra on August 7, 2014 at 7:06pm

आदरणीय अजय जी ..भाव बहुत अच्छे लगे लेकिन मैं भी आदरणीय गिरिराज भाईसाब के मशविरे पर ध्यान देने के लिए कहूँगा ..सादर 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on August 6, 2014 at 8:40am

आदरणीय अजय भाई , रचना के विचार , भाव अच्छे लगे , बधाई आपको । आ. सौरभ भाई जी से मै भी सहमत हूँ , बह्र या शिल्प समझ नही आया ।


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on August 5, 2014 at 7:18pm

जो कुछ आपने कहा इसमें संवेदना है. शिल्प आप बता दें कि यह क्या है ? 

Comment by Dr. Vijai Shanker on August 5, 2014 at 2:38pm
बहुत सुन्दर , बधाई ।
Comment by savitamishra on August 5, 2014 at 9:59am

बहुत सुन्दर

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Shyam Narain Verma commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
1 hour ago
Shyam Narain Verma commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
1 hour ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दिनेश जी, बहुत धन्यवाद"
1 hour ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम जी, बहुत धन्यवाद"
1 hour ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम जी सादर नमस्कार। हौसला बढ़ाने हेतु आपका बहुत बहुत शुक्रियः"
1 hour ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय "
2 hours ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"जी ठीक है  मशविरा सब ही दे रहे हैं पर/ मगर ध्यान रख तेरे काम का क्या है ।"
2 hours ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय संजय शुक्ला जी सादर अभिवादन स्वीकार करें। अच्छी ग़ज़ल हेतु बधाई।"
2 hours ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय मिथिलेश जी सादर नमस्कार। बहुत बहुत आभार आपका।"
2 hours ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"सादर नमस्कार। बहुत बहुत शुक्रियः आपका"
2 hours ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय अमित जी सादर अभिवादन स्वीकार करें। अच्छी ग़ज़ल हेतु बधाई आपको।"
2 hours ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"सम्माननीय ऋचा जी । बहुत बहुत आभार"
2 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service