For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ग़ज़ल ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,गुमनाम पिथौरागढ़ी

ये  तो गूंगों की नगरी है भैया जी

सरकार हमारी बहरी है भैया जी

 

दंगों में दोस्त दोस्त क्यों मरते हैं

प्यार मुहब्बत भी बकरी है भैया जी

 

राजा को वनवास कहाँ अब मिलता है

आस लगाये अब शबरी है भैया जी

 

दिखावटी का अफ़सोस जताता है वो

वो शख्स बड़ा ही शहरी है भैया जी

 

कुछ खत जले कहीं जब शहनाई गूँजी

आशिक की डूबी गगरी है भैया जी

मौलिक व अप्रकाशित

गुमनाम पिथौरागढ़ी

Views: 452

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by gumnaam pithoragarhi on July 27, 2014 at 10:56am

बलवे में दोस्त यार ही क्यों मरते हैं

प्यार मुहब्बत भी बकरी है भैया जी

 सर वाकई ध्यान से हट गयी थी ये बात शुक्रिया सर


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on July 26, 2014 at 11:30pm

दंगों में दोस्त-दोस्त क्यों मरते हैं  और  बलवे में दोस्त-दोस्त क्यों मरते हैं   में  तक्तीह करने पर क्या अंतर पड़ जायेगा ?

आदरणीय,  दोस्त का भार २ १ होता है नकि २ २ .. परेशानी यहाँ है, सर..

Comment by gumnaam pithoragarhi on July 26, 2014 at 8:22pm

सर कुछ नया जोड़ रहा हूँ,,,

 बलवे में दोस्त दोस्त क्यों मरते हैं

प्यार मुहब्बत भी बकरी है भैया जी

 


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on July 26, 2014 at 7:02pm

जी, गलत हैं .. .

Comment by gumnaam pithoragarhi on July 26, 2014 at 3:57pm

 

दंगों22  में दो22 स्त दो22  स्त क्यों22  मरते22   हैं

sir kya main galat hoon?


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on July 26, 2014 at 2:09pm

राजा को वनवास कहाँ अब मिलता है

आस लगाये अब शबरी है भैया जी ... बहुत खूब !

दोस्त-दोस्त   वाले शेर के उला पर एक बार फिर से संयत हो लें, आदरणीय

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on July 26, 2014 at 10:20am

बेहतरीन, क्या खूब शे'र कहे है..भैया जी :-))  दिली बधाइयाँ आपको

Comment by Dr. Vijai Shanker on July 24, 2014 at 11:39pm
राजा को वनवास कहाँ अब मिलता है
आम आदमी वनवासी बना फिरता है .
आदरणीय गुमनामजी , बधाई .

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
6 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दयाराम जी, सादर आभार।"
6 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई संजय जी हार्दिक आभार।"
6 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
6 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद"
6 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दिनेश जी, सादर आभार।"
6 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय रिचा यादव जी, पोस्ट पर कमेंट के लिए हार्दिक आभार।"
6 hours ago
Shyam Narain Verma commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
8 hours ago
Shyam Narain Verma commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
8 hours ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दिनेश जी, बहुत धन्यवाद"
8 hours ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम जी, बहुत धन्यवाद"
8 hours ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम जी सादर नमस्कार। हौसला बढ़ाने हेतु आपका बहुत बहुत शुक्रियः"
9 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service