For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

चुनावी चौसर ! (चौपई छंद)

छिड़ी हुई शब्दों की जंग | दिखा रहे नेता जी रंग ||

वैचारिकता नंगधडंग | सुनकर हैरत जन-जन दंग ||

जाति धर्म के पुते सियार | इनपर कहना है बेकार ||

बात-बात पर दिल पर वार | जन मानस पर अत्याचार ||

 

पांच वर्ष में एक चुनाव | छोड़े मन पर कई प्रभाव ||

महँगाई भी देती घाव | डुबो रही है सबकी नाव ||

नारी दोहन अत्याचार | मिला नहीं अबतक उपचार ||

सरकारें करती उपकार | निर्धन फिरभी हैं बीमार ||

 

तीर तराजू औ तलवार | किसे कहें अब जिम्मेदार ||

चढ़ा देश को अजब बुखार | हर-हर घर-घर इक सरकार ||

फूल पत्तियाँ तीर-कमान |चौसर पर हैं कई निशान ||

मतदाता सारे हैरान | किसे करें अपना मतदान ||

 

 

मौलिक/अप्रकाशित.

 

-अशोक कुमार रक्ताले.

Views: 830

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by SURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMAR on June 14, 2014 at 2:31pm

जाति धर्म के पुते सियार | इनपर कहना है बेकार ||

बात-बात पर दिल पर वार | जन मानस पर अत्याचार ||

प्रिय अशोक भाई यथार्थ को दर्शाती अच्छी रचना काश ये उनके जेहन में कुछ प्रकाश भर सके
भ्रमर ५

Comment by Ashok Kumar Raktale on May 2, 2014 at 10:33pm

आदरणीय अरुण निगम साहब सादर, राजनीति के दांव पेंच सब छल ही तो हैं. सुन्दर प्रतिक्रया छंदों के लिए बधाई और मेरे प्रस्तुत छंदों का मान बढाने के लिए दिल से आभार स्वीकारें. सादर.


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by अरुण कुमार निगम on May 2, 2014 at 10:23pm

इधर  टीसते कितने प्रश्न | किन्तु  उधर  केवल हैं जश्न ||

इधर कचोटे मन में आह | किन्तु उधर किसको परवाह ||

कैसे हम कर लें स्वीकार |   उनके   भाषण   लच्छेदार ||

उनकी नजरों में हम वोट |   साधो हम चौसर की गोट  ||

बहुत सटीक सामयिक छंद के लिए बधाई आदरणीय रक्ताले जी ....

Comment by Ashok Kumar Raktale on May 2, 2014 at 9:49pm

आदरणीया डॉ. प्राची सिंह जी सादर, आप छंदों को जिस गहराई तक महसूस किया है वह मेरे रचना कर्म का मान बढाता है. आपका बहुत-बहुत आभार. सादर.

Comment by Ashok Kumar Raktale on May 2, 2014 at 9:47pm

आदरणीय सौरभ जी सादर प्रणाम, आपको यदि एक भी छंद अच्छा लगा तो मैं समझूंगा की मेरा लेखन सही दिशा में हैं. आपने कुछ छंद पसंद किये मेरा उत्साहवर्धन हुआ. सादर आभार.

Comment by Ashok Kumar Raktale on May 2, 2014 at 9:45pm

आदरणीय अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव साहब सादर, आप छंदों को आनंद लेकर पढ़ सके मेरे रचना कर्म को सार्थकता मिली. आपका दिल से आभार. आदरणीय सौरभ जी के छंद से तो मैंने सदैव ही सीखा है, सादर. 

Comment by Ashok Kumar Raktale on May 2, 2014 at 9:42pm

आदरणीया सरिता भाटिया जी सादर, रचना को समय देने के लिए आपका बहुत-बहुत आभार. 

आदरणीय विजय निकोर साहब सादर प्रणाम, रचना पर आपसे बधाई पाना सुखद लगा. सादर आभार. 

Comment by Ashok Kumar Raktale on May 2, 2014 at 9:40pm

आदरणीय लड़ीवाला साहब सादर, आपकी छंद अभिव्यक्ति से मेरी रचना की सार्थकता बढ़ी है. सादर आभार. 

Comment by Ashok Kumar Raktale on May 2, 2014 at 9:38pm

आदरणीय जीतेन्द्र गीत जी, आदरणीय अजीत शर्मा साहब, आदरणीया कुंती मुखर्जी जी, आदरणीय गिरिराज भंडारी साहब, आदरणीय सत्यनारायण सिंह साहब आप सभी का छंद रचना को समय देने और सराहने के लिए दिल से आभार. सादर.


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on May 2, 2014 at 9:07am

बहुत खूब चुनावी चौसर का शब्द-चित्र पटल पर उकेरा है 

बहुत बहुत बधाई आ० अशोक रक्ताले जी 

सादर 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - आँखों की बीनाई जैसा
"वाह, हर शेर क्या ही कमाल का कथ्य शाब्दिक कर रहा है, आदरणीय नीलेश भाई. ंअतले ने ही मन मोह…"
4 hours ago
Sushil Sarna posted blog posts
4 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . लक्ष्य
"कैसे क्यों को  छोड़  कर, करते रहो  प्रयास ।  .. क्या-क्यों-कैसे सोच कर, यदि हो…"
4 hours ago
Ashok Kumar Raktale commented on Ashok Kumar Raktale's blog post मनहरण घनाक्षरी
"  आदरणीय गिरिराज जी सादर, प्रस्तुत छंद की सराहना के लिए आपका हृदय से आभार. सादर "
5 hours ago
Ashok Kumar Raktale commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post मौत खुशियों की कहाँ पर टल रही है-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"  आदरणीय भाई लक्षमण धामी जी सादर, वाह ! उम्दा ग़ज़ल हुई है. हार्दिक बधाई स्वीकारें.…"
5 hours ago
Ashok Kumar Raktale commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . . विविध
"  आदरणीय सुशील सरना साहब सादर, सभी दोहे सुन्दर रचे हैं आपने. हार्दिक बधाई स्वीकारें. सादर "
5 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . उल्फत
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी सृजन के भावों को आत्मीय मान से अलंकृत करने का दिल से आभार"
6 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - आँखों की बीनाई जैसा
"आदरणीय नीलेश भाई , खूबसूरत ग़ज़ल के लिए बधाई आपको "
10 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी's blog post ग़ज़ल (जो उठते धुएँ को ही पहचान लेते)
"आदरणीय बाग़पतवी भाई , बेहतरीन ग़ज़ल कही , हर एक शेर के लिए बधाई स्वीकार करें "
10 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा दशम -. . . . . शाश्वत सत्य
"आदरणीय शिज्जू शकूर जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय । आपके द्वारा  इंगित…"
13 hours ago
Mayank Kumar Dwivedi commented on Mayank Kumar Dwivedi's blog post ग़ज़ल
"सादर प्रणाम आप सभी सम्मानित श्रेष्ठ मनीषियों को 🙏 धन्यवाद sir जी मै कोशिश करुँगा आगे से ध्यान रखूँ…"
13 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" commented on Sushil Sarna's blog post दोहा दशम -. . . . . शाश्वत सत्य
"आदरणीय सुशील सरना सर, सर्वप्रथम दोहावली के लिए बधाई, जा वन पर केंद्रित अच्छे दोहे हुए हैं। एक-दो…"
16 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service