For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

सूर्य को तुम देखना अब ओट में होते हुये ( ग़ज़ल ) गिरिराज भंडारी

2122    2122     2122     212 

सच को देखा आँख मूंदे दिन चढ़े सोते हुये 

आँसुओं से भीगते , बस झींकते रोते हुये

देख भाई बचपनों से, खो न जाये,सादगी   

मैने देखा अनुभवी को धूर्त ही होते हुये

ठीक है अब खूब रोशन आज दिन लगता है पर

सूर्य को तुम देखना अब ओट में होते हुये

 

हर हक़ीकत तेज़ आन्धी की तरह झपटी उधर

जब भी देखी मुफलिसों को ख़्वाब संजोते हुये

 

फिर वही तेज़ाबी बारिश , फिर वही विष बीज है

फिर कटीली झाड़ियाँ , सब दिख रहे बोते हुये

 

रास्ते खुशियों के , मैने हर समय देखा यही

आँसुओं से या ग़मों से ही गये होते हुये    

बुलबुला है हर खुशी अब तू ग़मों का साथ कर

मैने देखा बुलबुलों को फूटते , खोते हुये 

 

ज़िंदगी का हाल तुमको क्या बताऊँ दोस्तों

पहले गुज़री पाप करते ,बाक़ी अब धोते हुये 

 

है ग़लत तक़्सीम *  दुबले हो गये हैं जाँ ब लब *

और मोटे दिख रहे ,मोटे सभी होते हुये  

मोतियाँ पा लेना भी तक़दीर की बातें लगी

कितने खाली हाथ बैठे , सैकड़ों गोते हुये

तक़्सीम = बंटवारा ,

जाँ ब लब = जान होठों तक आना

****************************************

मौलिक एवँ अप्रकाशित

 

 

Views: 740

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on February 6, 2014 at 8:03am

आदरणीया अन्नपूर्णा जी , ग़ज़ल पर उत्साह वर्धक प्रतिक्रिया के लिये आपका आभारी हूँ ॥


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on February 6, 2014 at 7:56am

आदरणीया राजेश कुमारी जी , ग़ज़ल की सराहना के लिये , और उत्साह वर्धन के लिये आपका हृदय से आभार् ॥

Comment by annapurna bajpai on February 6, 2014 at 1:38am

बहुत शानदार गजल कही , हार्दिक बधाई आपको आ0 भण्डारी जी । 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on February 5, 2014 at 8:56pm

रास्ते खुशियों के , मैने हर समय देखा यही

आँसुओं से या ग़मों से ही गये होते हुये    -----शानदार शेर ..

बहुत बढ़िया ग़ज़ल लिखी है आ० गिरिधारी जी दाद कबूलें 

 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on February 5, 2014 at 6:43pm

आदरणीय बड़े भाई , गज़ल की सराहना और उत्साह वर्धन के लिये आपका आभारी हूँ ॥


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on February 5, 2014 at 6:42pm

आदरनीय जितेन्द्र भाई , उत्साह वर्धन के लिये आपका हृदय से आभारी हूँ ॥

Comment by अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव on February 5, 2014 at 2:29pm

पहले गुज़री पाप करते ,बाक़ी अब धोते हुये 

छोटे भाई , अच्छी गज़ल की बधाई ।

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on February 4, 2014 at 11:11pm

क्या बात है, लाजवाब गजल आदरणीय गिरिराज जी दिली दाद कुबूल कीजिये

फिर वही तेज़ाबी बारिश , फिर वही विष बीज है

फिर कटीली झाड़ियाँ , सब दिख रहे बोते हुये

 रास्ते खुशियों के , मैने हर समय देखा यही

आँसुओं से या ग़मों से ही गये होते हुये    


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on February 4, 2014 at 9:57pm

आदरणीया मीना जी , ग़ज़ल की सराहना के लिये आपका हार्दिक आभार ॥


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on February 4, 2014 at 9:56pm

आदरणीय अखंड भाई , ग़ज़ल की सराहना के लिये आपका शुक्रिया ॥

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Ravi Shukla's blog post तरही ग़ज़ल
"आदरणीय रवि भाईजी, इस प्रस्तुति के मोहपाश में तो हम एक अरसे बँधे थे. हमने अपनी एक यात्रा के दौरान…"
4 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"आ. चेतन प्रकाश जी,//आदरणीय 'नूर'साहब,  मेरे अल्प ज्ञान के अनुसार ग़ज़ल का प्रत्येक…"
4 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - यहाँ अनबन नहीं है ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय गिरिराज भाईजी, आपकी प्रस्तुति पर आने में मुझे विलम्ब हुआ है. कारण कि, मेरा निवास ही बदल रहा…"
4 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"धन्यवाद आ. लक्ष्मण धामी जी "
4 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"धन्यवाद आ. अजय गुप्ता जी "
4 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"आदरणीय अजय अजेय जी,  मेरी चाचीजी के गोलोकवासी हो जाने से मैं अपने पैत्रिक गाँव पर हूँ।…"
15 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी,   विश्वासघात के विभिन्न आयामों को आपने शब्द दिये हैं।  आपके…"
15 hours ago
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180

परम आत्मीय स्वजन,ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 180 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का…See More
16 hours ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"विस्तृत मार्गदर्शन और इतना समय लगाकर सभी विषयवस्तु स्पष्ट करने हेतू हार्दिक आभार आदरणीय सौरभ जी।…"
16 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"आ. भाई अजय जी, सादर अभिवादन। दोहों पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए आभार। पंचकल त्रिकल के प्रयोग…"
17 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"आदरणीय अजय अजेय जी, आपकी प्रस्तुति के लिए बधाई के साथ-साथ धन्यवाद भी। कि, इस पटल पर, इस खुले आयोजन…"
17 hours ago
Chetan Prakash commented on Ravi Shukla's blog post तरही ग़ज़ल
"वाकई  खूबसूरत शुद्ध हिन्दी गजल हुई, आदरणीय! "कर्म हम रणछोड  के अनुसार भी करते…"
17 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service