For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

रोज नया त्यौहार (दोहे)- लक्ष्मण लडीवाला

सभी सहह्रदयी सदस्यों को नव वर्ष की हार्दिक मंगल कामनाएँ

 

स्वागत हो नव वर्ष का, दे सुन्दर उपहार,
मधुर गीत रच दे सके, शब्द सुमन मनुहार |
 
नए वर्ष की प्रथम किरण, दे सुन्दर अहसास,
नया जोश संचित करे, रचे नया इतिहास |
 
नवजीवन श्रृंगार से, रच नूतन संगीत,
नयी चेतना दे सके, नया सुगम नवगीत | 
 
सात्विक मन की सोच से,नित नूतन आकार 
नए वर्ष की भोर का, सुधि मन से सत्कार |
 
जीवन में माने नहीं, कभी न मन की हार,
मन की बगिया में मने, रोज नया त्यौहार |
 
सिद्धि मिले नव वर्ष में,सद्कर्मों का साथ,
स्वच्छ  ह्रदय मन भाव हो, पाँव पड़े सद्पाथ |
 
मन में नित नव कल्पना, समय जाय न व्यर्थ,  
सोच समझ कर धैर्य से, निर्णय लेता अर्थ |
(मौलिक व् अप्रकाशित)

Views: 830

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on January 8, 2014 at 6:38pm

आपकी टिपण्णी से मन सचमुच जीवंत हो उठता है, मन को संतोष मिलता है  आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी | 

तहे दिल से नव वर्ष का सादर अभिवादन 


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on January 7, 2014 at 8:41pm

लक्ष्मण जी के दोहरे, अति जीवंत सुप्राण  
मंगलमय हो वर्ष नव, आदरणीय प्रणाम

हृदय से बधाई, आदरणीय

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on January 5, 2014 at 11:10am

दोहावली आपको रुचिकर लगी यह मेरा सौभाग्य है | आपका हार्दिक आभार आदरणीया वन्दना जी 

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on January 4, 2014 at 10:51am

दोहावली आपको अच्छी लगी, यह जानकर संतोष हुआ भाई श्री अरुण शर्मा "अनंत" जी | नव वर्ष आपको मंगल मय हो 

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on January 4, 2014 at 10:48am

नव वर्ष की मंगल कामनाओं के साथ ही हार्दिक आभार स्वीकारे आदरणीय विजय निकोरे जी,श्री विन्ध्येश्वरी त्रिपाठी विनय जी और श्री लक्ष्मण धामी जी 

Comment by vandana on January 4, 2014 at 5:43am
मन में नित नव कल्पना, समय जाय न व्यर्थ,  
सोच समझ कर धैर्य से, निर्णय लेता अर्थ |
बहुत सुन्दर दोहावली आदरणीय लक्ष्मण सर 
Comment by अरुन 'अनन्त' on January 3, 2014 at 12:13pm

आदरणीय सर जी नव वर्ष आपको भी सपरिवार सहित मंगलमय हो बहुत ही सटीक संदेशात्मक दोहावली रची है आपने बहुत बहुत बधाई स्वीकारें.

Comment by vijay nikore on January 2, 2014 at 8:32am

दोहों के लिए बधाई और नव वर्ष की शुभकामनाएँ, आदरणीय।

 

सादर,

विजय निकोर

 

 

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on January 2, 2014 at 7:38am

आदरणीय हमनाम भाई जी!

नववर्ष की  शुभकामनाओं के साथ सुन्दर दोहावली के लिये बधाई। वर्ष २०१४ का आपका हर दिन आपको उर्जावान रख प्रगति पथ पर अग्रसर करे.

Comment by विन्ध्येश्वरी प्रसाद त्रिपाठी on January 1, 2014 at 6:17pm
आदरणीय लक्ष्मण जी! नववर्ष की अनेकश: शुभकामनाओं के साथ सुन्दर दोहावली के लिये बधाई।
लेकिन ये दोहे थोड़ा और मशक्कत माँग रहे हैं।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदाब साथियो। त्योहारों की बेला की व्यस्तता के बाद अब है इंतज़ार लघुकथा गोष्ठी में विषय मुक्त सार्थक…"
11 hours ago
Jaihind Raipuri commented on Admin's group आंचलिक साहित्य
"गीत (छत्तीसगढ़ी ) जय छत्तीसगढ़ जय-जय छत्तीसगढ़ माटी म ओ तोर मंईया मया हे अब्बड़ जय छत्तीसगढ़ जय-जय…"
16 hours ago
LEKHRAJ MEENA is now a member of Open Books Online
Wednesday
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"शेर क्रमांक 2 में 'जो बह्र ए ग़म में छोड़ गया' और 'याद आ गया' को स्वतंत्र…"
Sunday
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"मुशायरा समाप्त होने को है। मुशायरे में भाग लेने वाले सभी सदस्यों के प्रति हार्दिक आभार। आपकी…"
Sunday
Tilak Raj Kapoor updated their profile
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. भाई दयाराम जी, सादर अभिवादन। अच्छी गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. भाई जयहिन्द जी, सादर अभिवादन। अच्छी गजल हुई है और गुणीजनो के सुझाव से यह निखर गयी है। हार्दिक…"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. भाई विकास जी बेहतरीन गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. मंजीत कौर जी, अभिवादन। अच्छी गजल हुई है।गुणीजनो के सुझाव से यह और निखर गयी है। हार्दिक बधाई।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. भाई दयाराम जी, सादर अभिवादन। मार्गदर्शन के लिए आभार।"
Sunday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आदरणीय महेन्द्र कुमार जी, प्रोत्साहन के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। समाँ वास्तव में काफिया में उचित नही…"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service