For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

आकर्षण के नियम (अतुकांत) -गिरिराज भंडारी

आकर्षण – विकर्षण 

चुम्बक मे ही नहीं होता  

भाव भी खींचते हैं , दूर कर देते हैं

भावों को ।

बस , नियम उलटा है

चुम्बक से ।

एक ही भावों होता है खिचाव  ,

भाव अलग हों तो दुराव ।

और फिर ,

बन जाता है / बन जायेगा

एक समूह,

समान भाव वालों का , और तब

पोषित ,पुष्पित होगा

वही भाव ,और अधिक ,

गहन होगा , विस्तारित होगा

बहेगा एक से दूसरे में ,

आच्छादित हो जायेगा

आपके आस पास का ,सब कुछ ,

उसी भाव से ।

फिर , जियेंगे ,मरेंगे भी

उसी भाव के लिये ।

सारा जीवन क्रम घूमने लगेगा

इर्द गिर्द ,उसी भाव के ।

आप माने न माने

यही सच है ,

यही हो रहा है , सदा से

यही होगा , आगे भी 

ऐसे में भावों का अशुभ होना कितना सही है ?

चलो सोचें ॥

*************

मौलिक एवँ अप्रकाशित  ( संशोधित )

Views: 770

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on January 6, 2014 at 5:03pm

आदरणीय सौरभ भाई , रचना को मान देने के लिये आपका हार्दिक आभार ॥ सीखने के क्रम मे आपकी सलाह और सहायता की हमेशा ज़रूरत रहेगी , ऐसे ही स्नेह बनाये रखें ॥


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on January 6, 2014 at 3:38pm

वैचारिक कविता के लिए बहुत-बहुत बधाई आदरणीय.

आदरणीया प्राचीजी के कहे से मैं पूरी तरह संतूष्ट नहीं हो पाया. क्योंकि वैचारिक संप्रेषणों के लिए गेयता बन्धन है. विचारों को सान्द्र होने दें. वैसे यह मेरी व्यक्तिगत सोच है.

सादर


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on January 4, 2014 at 9:47pm

आदरणीय विन्ध्येश्वरी भाई , रचना की सराहना के लिये आपका हार्दिक आभार ॥

Comment by विन्ध्येश्वरी प्रसाद त्रिपाठी on January 4, 2014 at 7:45pm
आकर्षण तो सार्वत्रिक नियम है। किन्तु यह निर्भर होता है भाव पर/ नजरिया पर।
बहुत ही सही आपने आकर्षण के नियम का उद्घाटन प्रकटन किया है। आदरणीय गिरिराज जी आपको भूरिश: बधाई।

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on January 2, 2014 at 11:33am
आदरणीय अरुण अनंत भाई , रचना की सराहना के लिये आपका बहुत आभार ॥

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on January 2, 2014 at 11:30am
आदरणीय लक्ष्मण भाई , रचना स्वीकार करने के लिये आपका आभारी हूँ ॥
Comment by अरुन 'अनन्त' on January 2, 2014 at 11:29am

आदरणीय गिरिराज सर रचना का भाव बहुत ही उम्दा है बहुत पसंद आया इस हेतु हार्दिक बधाई स्वीकारें.


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on January 2, 2014 at 11:29am
आदरणीय जितेन्द्र भाई , रचना की सराहना के लिये आपका तहे दिल से शुक्रिया ॥

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on January 2, 2014 at 11:27am
आदरणीया प्राची जी , रचना की सराहना के लिये आपका हार्दिक आभार ॥
आपकी सलाह के लिये आपका बहुत शुक्रिया ॥
टंकण की ग़लती मे सुधार कर लिया हूँ , और गेयता भी सुधारने का प्रयास किया हूँ ॥ कहाँ तक सफल हुआ कह नही सकता ॥
मै थोड़ा मठ्ठर दिमाग हूँ , आपकी सक्रिय सहायता की ज़रूरत है , गणित ले के पढ़ा होने के कारण बिना उदाहरण समझने मे मुझे मुश्किल होती है ॥ सादर ॥
Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on January 2, 2014 at 7:20am

आदरणीय भाई गिरिराज जी  बहुत अच्छी भावाभिव्यक्ति है इस रचना के लिये हार्दिक  बधाई स्वीकार करें. साथ ही नववर्ष की शुभकामनाएं भी .

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186

ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 186 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का मिसरा आज के दौर के…See More
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"  क्या खोया क्या पाया हमने बीता  वर्ष  सहेजा  हमने ! बस इक चहरा खोया हमने चहरा…"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"सप्रेम वंदेमातरम, आदरणीय  !"
Sunday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Saturday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
Friday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
Dec 12
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Dec 10
anwar suhail updated their profile
Dec 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service