For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ग़ज़ल - (रवि प्रकाश)

बहर-।ऽऽ ।ऽऽ ।ऽऽ ।ऽऽ
...
कभी चाँदनी छूने आया करेगी।
सितारों की ज़ीनत बुलाया करेगी॥
...
बदन की मुलायम तहों में समेटे,
नदी पत्थरों को सुलाया करेगी।
...
भटकता फिरेगा कहीं पे अँधेरा,
कहीं रोशनी गीत गाया करेगी।
...
परिंदों की परवाज़ क्या खूब होगी,
हवा जब उन्हें आज़माया करेगी।
...
नई चूड़ियों से खनकती कलाई,
सवेरे-सवेरे जगाया करेगी।
...
ज़रा सी किसी बात पे रो पड़ूँगा,
कभी ज़िंदगानी हँसाया करेगी।
...
कहूँगा उदासी भरा शेर कोई,
अगर याद तेरी सताया करेगी।
...
किसी और का नाम ले के जवानी,
'रवी' की कहानी सुनाया करेगी।
...
-मौलिक एवं अप्रकाशित।
-23.12.2013

Views: 906

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Ravi Prakash on December 23, 2013 at 4:28pm
कोटि कोटि धन्यवाद आ॰ ब्रह्मचारी जी।
Comment by Shyam Narain Verma on December 23, 2013 at 4:22pm

क्या बात है .... बहुत उम्दा | बधाई आप को 

Comment by S. C. Brahmachari on December 23, 2013 at 4:18pm
नई चूड़िओं मे खनकती कलाई , सबेरे सबेरे जगाया करेगी ! --- अनुपम भाव , अनुपम प्रस्तुति , बधाई ! अतीत मे गोते लगवाने के लिए .......
Comment by Ravi Prakash on December 23, 2013 at 4:14pm
ज़र्रानवाज़ी के लिए शुक्रिया आ॰ मीना जी एवं शिज्जू जी।

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on December 23, 2013 at 3:05pm

बहुत बढ़िया भाई रविप्रकाश जी बेहतरीन ग़ज़ल कहा है आपने हरेक शेर बेमिसाल है दिली दाद कुबुल करें

Comment by Meena Pathak on December 23, 2013 at 2:44pm

बहुत सुन्दर गज़ल हुई आदरणीय | सादर  बधाई 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"यूॅं छू ले आसमाॅं (लघुकथा): "तुम हर रोज़ रिश्तेदार और रिश्ते-नातों का रोना रोते हो? कितनी बार…"
Tuesday
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"स्वागतम"
Sunday
Vikram Motegi is now a member of Open Books Online
Sunday
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . . .पुष्प - अलि

दोहा पंचक. . . . पुष्प -अलिगंध चुराने आ गए, कलियों के चितचोर । कली -कली से प्रेम की, अलिकुल बाँधे…See More
Sunday
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दयाराम जी, सादर आभार।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई संजय जी हार्दिक आभार।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दिनेश जी, सादर आभार।"
Saturday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय रिचा यादव जी, पोस्ट पर कमेंट के लिए हार्दिक आभार।"
Saturday
Shyam Narain Verma commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
Saturday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service