For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

जीने का 
विश्वास जगा है 
 
मरना माना 
अटल सत्य है 
क्यूँ जीने से 
मगर पथ्य है 
 
जीवन से ये 
साफ दगा है   .... जीने का। 
 
मन को 
मुट्ठी में कर लूंगा 
नयी ऑसजन 
मै भर लूंगा 
 
कर सकता हूँ 
मुझे लगा है ... जीने का। 
 
देख रहें 
सब रिश्ते - नाते 
याद  कर रहे 
बीती बातें 
 
याद से बढ़ के 
कौन सगा है ... जीने का। 
---------------------------------
अविनाश बागड़े    
(मौलिक/अप्रकाशित )

Views: 604

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by AVINASH S BAGDE on December 26, 2013 at 10:27am
Comment by AVINASH S BAGDE on December 26, 2013 at 10:26am

अरुन शर्मा 'अनन्त' जी.बहुत बहुत शुक्रिया!  आपको .

Comment by AVINASH S BAGDE on December 26, 2013 at 10:25am

shashi purwar mam..sunder daad!....आपका आभारी हूँ 

Comment by AVINASH S BAGDE on December 26, 2013 at 10:24am
आभार आदरणीय Saurabh Pandey जी 
बहुत बहुत शुक्रिया! आपके इस शब्द बल का आभारी हूँ .

सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on December 25, 2013 at 11:49pm

इस गीत के लिए हृदय से बधाई, आदरणीय अविनशभाईजी.

बहुत खूब !!

Comment by shashi purwar on December 21, 2013 at 6:36pm

sundar rachna , sundar bhav , badhai aapko

Comment by अरुन 'अनन्त' on December 21, 2013 at 1:36pm

आदरणीय अविनाश सर बहुत ही सुन्दर ओजपूर्ण नवगीत रचा है आपने बहुत बहुत बधाई आपको इस सुन्दर नवगीत हेतु.


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on December 20, 2013 at 8:02pm

बहुत सुन्दर... सकारात्मक पहलु को उभारती प्रस्तुति हेतु बधाई आपको अविनाश जी 

Comment by AVINASH S BAGDE on December 20, 2013 at 7:19pm

coontee mukerji mam.....आभार !

Comment by AVINASH S BAGDE on December 20, 2013 at 7:18pm

ऊर्जा प्रदान करती हुई आपकी ये हौसला अफ़ज़ाई लक्ष्मण भाई 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी commented on शिज्जु "शकूर"'s blog post ग़ज़ल: मुराद ये नहीं हमको किसी से डरना है
"आदरणीय सौरभ सर, मैं इस क़ाबिल तो नहीं... ये आपकी ज़र्रा नवाज़ी है। सादर। "
13 hours ago
Sushil Sarna commented on शिज्जु "शकूर"'s blog post ग़ज़ल: मुराद ये नहीं हमको किसी से डरना है
"आदरणीय जी  इस दिलकश ग़ज़ल के लिए दिल से मुबारकबाद सर"
14 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . . उमर
"आदरणीय गिरिराज जी सृजन आपकी मनोहारी प्रतिक्रिया और सुझाव  का दिल से आभार । प्रयास रहेगा पालना…"
14 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . . उमर
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी सृजन के भावों को मान और सुझाव देने का दिल से आभार । भविष्य के लिए  अवगत…"
14 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . लक्ष्य
"आदरणीय  अशोक रक्ताले जी सृजन को आत्मीय मान से सम्मानित करने का दिल से आभार । बहुत सुन्दर सुझाव…"
14 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on शिज्जु "शकूर"'s blog post ग़ज़ल: मुराद ये नहीं हमको किसी से डरना है
"आ. शिज्जू भाई,एक लम्बे अंतराल के बाद आपकी ग़ज़ल पढ़ रहा हूँ..बहुत अच्छी ग़ज़ल हुई है.मैं देखता हूँ तुझे…"
17 hours ago
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा सप्तक. . . लक्ष्य

दोहा सप्तक. . . . . लक्ष्यकैसे क्यों को  छोड़  कर, करते रहो  प्रयास । लक्ष्य  भेद  का मंत्र है, मन …See More
19 hours ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"आदरणीय योगराज जी, ओबीओ के प्रधान संपादक हैं और हम सब के सम्माननीय और आदरणीय हैं। उन्होंने जो भी…"
19 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on शिज्जु "शकूर"'s blog post ग़ज़ल: मुराद ये नहीं हमको किसी से डरना है
"आदरणीय अमीरुद्दीन साहब, आपने जो सुझाव बताए हैं वे वस्तुतः गजल को लेकर आपकी समृद्ध समझ और आपके…"
20 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . . उमर
"आदरणीय सुशील भाई , दोहों के लिए आपको हार्दिक बधाई , आदरणीय सौरभ भाई जी की सलाहों कर ध्यान…"
20 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया. . .
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी सृजन आपकी मनोहारी प्रशंसा से समृद्ध हुआ । "
21 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया. . .
"आदरणीय शिज्जू शकूर जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय जी "
21 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service