For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

पञ्च चामर छन्द = की विधा मॆं मॆरा
प्रथम प्रयास आप सबकॆ श्री चरणॊं मॆं
==========================
 रुदान्त कंठ मातृ-भूमि वॆदना पुकारती,
प्रकॊप-दग्ध दॆश-भक्ति भावना हुँकारती,
वही सपूत धन्य भारती पुकारती जिसॆ,
अखंड सत्य-धर्म साधना सँवारती जिसॆ,


करॊ पुनीत कर्म ज़िन्दगी सँवारतॆ चलॊ ॥
सुहासिनीं सुभाषिणीं सदा पुकारतॆ चलॊ ॥१॥

खड़ा रहा अड़ा रहा डरा नहीं कु-काल सॆ,
डटा रहा नहीं हटा हिमाद्रि तुंग भाल सॆ, 
महाव्रती सपूत रक्त-सिन्धु मॆं नहा गया,
धरा प्रणम्य दॆश-भक्ति जाह्नवी बहा गया,


प्रचण्ड राष्ट्र-भक्ति चॆतना दुलारतॆ चलॊ ॥२॥
सुहासिनीं सुभाषिणीं सदा,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

उखाड़ दीं जड़ॆं गड़ी हुई अथाह भ्रान्ति की,
दहाड़ता चला गया जला मशाल क्रांति की,
अपूर्ण है स्वतंत्रता अपूर्ण शान्ति माल है,
अपूर्ण राष्ट्र संविधान जीर्ण राष्ट्र - भाल है,


प्रशस्त मार्ग क्रान्ति दूत हॊ हुँकारतॆ चलॊ ॥३॥
सुहासिनीं सुभाषिणीं सदा,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

अनादि धैर्य-वान हॊ अजॆय हॊ निशंक हॊ,

प्रचण्ड तप्त सूर्य हॊ पयॊधि हॊ मयंक हॊ,
जवान हिन्द दॆश कॆ किसान हिन्द दॆश कॆ,
अबॊध बाल बृद्ध भी महान  हिन्द दॆश कॆ,


प्रदीप्य दीप्य स्नॆह आरती उतारतॆ चलॊ ॥४॥
सुहासिनीं सुभाषिणीं सदा,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

कवि - "राज बुन्दॆली"
१६/१२/२०१३
पूर्णत: अप्रकाशित एवं मौलिक रचना,,,

Views: 5501

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by कवि - राज बुन्दॆली on December 17, 2013 at 3:06pm

आदरणीय,,,,, डा. गोपाल नारायण श्रीवास्तव जी,,,,,इस स्नेहाशीष हेतु बहुत बहुत आभार आपका,,,,,आपने जो शिल्प विधान दर्शाया है, यह रचना बिल्कुल उसी शिल्प विधान में है,,,,,धन्यवाद,,,,,

Comment by कवि - राज बुन्दॆली on December 17, 2013 at 3:02pm
Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on December 17, 2013 at 2:38pm

राज बुन्देली जी

जय शंकर प्रसाद जी की प्रसिद्ध रचना 'हिमाद्रि तुंग श्रृंग से प्रबुद्ध  शुद्ध भारती i स्वयम्प्रभासमुज्ज्वला स्वतंत्रता पुकारती ii ' से अनुप्राणित इस सुन्दर रचना के लिए आपको बधाई i आपने इसके विधान का संकेत नहीं किया i मेरी समझ में शायद  ऐसा होगा -

 

रमा रमा रमा रमा रमा रमा रमा रमा  i    आपको पुनः बधाई  i

Comment by Sushil Sarna on December 17, 2013 at 1:50pm

रुदान्त कंठ मातृ-भूमि वॆदना पुकारती,
प्रकॊप-दग्ध दॆश-भक्ति भावना हुँकारती,
वही सपूत धन्य भारती पुकारती जिसॆ,
अखंड सत्य-धर्म साधना सँवारती जिसॆ,


करॊ पुनीत कर्म ज़िन्दगी सँवारतॆ चलॊ ॥
सुहासिनीं सुभाषिणीं सदा पुकारतॆ चलॊ ॥१॥..........waaaaaaaaaaaaah waaaaaaaaaaaah kya rachna aur rachna ke paavan bhaav hain...shabd shabd men oorja hai....natmastak hoon SIR nishabd hoon aapkee dilkash prastuti pr....haaaaaaaaaaaardik badhaaee sveekaar krain aadrneey Kavi Raj Bundeli jee...jay ho

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186

ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 186 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का मिसरा आज के दौर के…See More
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"  क्या खोया क्या पाया हमने बीता  वर्ष  सहेजा  हमने ! बस इक चहरा खोया हमने चहरा…"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"सप्रेम वंदेमातरम, आदरणीय  !"
Sunday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Saturday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
Friday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
Friday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Dec 10
anwar suhail updated their profile
Dec 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service