For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ये कैसी आधुनिकता है ….

ये कैसी आधुनिकता है …. …..

.

उफ्फ !
ये कैसी आधुनिकता है ….
जिसमें हर पल …..
संस्कारों का दम घुट रहा है //
हर तरफ एक क्रंदन है ….
सभ्यता आज ….
कितनी असभ्य हो गयी है //
आज हर गली हर चौराहे पर ….
शालीनता अपनी सभी …..
मर्यादाओं की सीमाएं तोड़कर हर ……
शिष्टाचार की धज्जियां उड़ा रही है //
बदन का सार्वजनिक प्रदर्शन …..
आधुनिकता का अंग बन गया है ……
आज घर नाम की संस्था ……
शर्मसार है //
हर रिश्ते का ……
नया मायना हो गया है …..
खून के रिश्ते भी …..
बदनाम होने लगे हैं //
जिन बातों से …..
शिष्ट समाज शिष्ट परिवार, शिष्ट सम्बन्धों का ……
निर्माण होता था …..
आज उनका …..
रसातल तक अवमूल्यन हो गया है //
आज नारी को ….
विज्ञापन बना दिया है //
विकृत दृष्टि ने नारी की लाज़ को …..
तार तार कर दिया है //
आज माँ – बाप के हाथ ……
आशीर्वाद को तरसते हैं ….
भाई बहन स्नेह को तरसते हैं //
क्या यही आधुनिक शिष्ट समाज है ?
बदलती परिस्थतियों में बदलाव आवश्यक है ……
लेकिन मर्यादाओं के उल्लंघन पर नहीं //
आधुनिकता समय के साथ आगे बढ़ने का बिगुल है …..
लेकिन अपने संस्कारों की बलि चढ़ा कर नहीं //
शिष्टाचार के संस्कार ….
एक शिष्ट समाज की ……
सिर्फ आधारशिला ही नहीं …..
बल्कि …..
एक स्वर्णिम भविष्य का द्वार हैं //
एक स्वर्णिम भविष्य का द्वार हैं //….

सुशील सरना

मौलिक एवं अप्रकाशित 

Views: 970

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Sushil Sarna on December 17, 2013 at 7:14pm

aa.Meena Pathak jee rachna par aapkee snehil prashansa ka haardik aabhaar

Comment by Sushil Sarna on December 17, 2013 at 7:13pm

aa.Dr.Gopal Narain Shrivastav jee rachna par aapkee oorjaavaan pratikriya ka haardik aabhaar


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on December 17, 2013 at 3:49pm

आदरणीय सुशील भाई , तथाकथित आधुनिकता सच मे संस्कृति भूल चुकी है , बहुत सुन्दर विचार । आपको बधाई ॥

Comment by Meena Pathak on December 17, 2013 at 2:59pm

शिष्टाचार का पाठ पढाती आप की रचना हेतु सादर बधाई आप को आदरणीय 

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on December 17, 2013 at 2:48pm

susheel jee 

आपकी भावनाओ  को प्रणाम  i

सादर i

Comment by Sushil Sarna on December 17, 2013 at 12:36pm

aadrneey Shijju Shakur jee rachna par apkee snehil prashansa ka haardik aabhaar


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on December 16, 2013 at 8:15pm

आदरणीय सुशील सर आपको इस रचना के लिये बधाई अच्छी कविता हुई है

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-124 (प्रतिशोध)
"आदरणीय  उस्मानी जी डायरी शैली में परिंदों से जुड़े कुछ रोचक अनुभव आपने शाब्दिक किये…"
yesterday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-124 (प्रतिशोध)
"सीख (लघुकथा): 25 जुलाई, 2025 आज फ़िर कबूतरों के जोड़ों ने मेरा दिल दुखाया। मेरा ही नहीं, उन…"
Wednesday
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-124 (प्रतिशोध)
"स्वागतम"
Tuesday
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted a blog post

अस्थिपिंजर (लघुकविता)

लूटकर लोथड़े माँस के पीकर बूॅंद - बूॅंद रक्त डकारकर कतरा - कतरा मज्जाजब जानवर मना रहे होंगे…See More
Tuesday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"आदरणीय सौरभ भाई , ग़ज़ल की सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार , आपके पुनः आगमन की प्रतीक्षा में हूँ "
Tuesday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"आदरणीय लक्ष्मण भाई ग़ज़ल की सराहना  के लिए आपका हार्दिक आभार "
Tuesday
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"धन्यवाद आदरणीय "
Sunday
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"धन्यवाद आदरणीय "
Sunday
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"आदरणीय कपूर साहब नमस्कार आपका शुक्रगुज़ार हूँ आपने वक़्त दिया यथा शीघ्र आवश्यक सुधार करता हूँ…"
Sunday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"आदरणीय आज़ी तमाम जी, बहुत सुन्दर ग़ज़ल है आपकी। इतनी सुंदर ग़ज़ल के लिए हार्दिक बधाई स्वीकार करें।"
Sunday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, ​ग़ज़ल का प्रयास बहुत अच्छा है। कुछ शेर अच्छे लगे। बधई स्वीकार करें।"
Sunday
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"सहृदय शुक्रिया ज़र्रा नवाज़ी का आदरणीय धामी सर"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service