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क्या बोलूँ तुम मेरे क्या हो ( गीत ) गिरिराज भंडारी

       क्या बोलूँ तुम मेरे क्या हो

 

गर्मी में तुम चन्द्र किरण हो

और शीत में ताप अगन हो

मेरा जीवन थामा  जिसने

तुम मेरा वो प्राण- पवन हो 

       मुझमे जीती तुम ममता हो

       क्या बोलूँ तुम मेरे क्या हो

तुम मेरा जीवन सम्बल हो

बाहर अन्दर तुम ही बल हो

तुम अतीत हो वर्तमान हो

आने वाला तुम ही कल हो

     तुम ही मेरा अता पता हो

     क्या बोलूँ तुम मेरे क्या हो

 

दिवा स्वप्न मेरे जीवन का

तुम उत्तर हो हर कारण का

जोड़ जिसे निर्माता खुश है

हम दोनों का वो बंधन हो

           मुझको धेरी एक लता हो

           क्या बोलूँ तुम मेरे क्या हो

मै नदिया तुम आर  पार हो

बीच भँवर मै तुम किनार हो

मै जीता  हूँ सभी  भाव  में

तुम केवल मधु भाव प्यार हो

         तुम ही  मेरी प्रियंवदा हो

         क्या बोलूँ तुम मेरे क्या हो

 


*******************************

मौलिक एवँ अप्रकाशित

 

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सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on October 24, 2013 at 7:58am

आदरणीय बृजेश भाई , !!!!! गीत की सराहना के लिये आपका आभारी हूँ !!!!!!

Comment by बृजेश नीरज on October 23, 2013 at 10:19pm

बहुत अच्छी रचना! आपको हार्दिक बधाई!

किनार?


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on October 23, 2013 at 9:54pm

आदरणीया मीना जी , उत्साह वर्धन के लिये आपका तहे दिल से शुक्रिया !!!!!!


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on October 23, 2013 at 9:53pm

आदरणीया अन्नपूरणा जी , गीत की सराहना के लिये आपका दिल से आभारी हूँ !!!!!!!


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on October 23, 2013 at 9:52pm

आदरणीय अरुण अनंत भाई , आपका अनुमोदन पा कर मै और गीत दोनो धन्य हुये ! उत्साह वर्धन के लिये आपका आभार !!!

Comment by Meena Pathak on October 23, 2013 at 7:03pm

आदरणीय गिरिराज जी आनंद आ गया गीत पढ़ कर, हार्दिक बधाई स्वीकारें 

सादर 

Comment by annapurna bajpai on October 23, 2013 at 6:13pm

आदरणीय भण्डारी जी सुंदर भावों को समेटे बहुत ही प्यारी रचना हेतु बधाई स्वीकारें । 

Comment by अरुन 'अनन्त' on October 23, 2013 at 5:51pm

आदरणीय गिरिराज जी श्रृंगार रस से ओतप्रोत प्रियतमा को समर्पित बहुत ही सुन्दर मनमोहक हृदयस्पर्शी गीत रचा है आपने आनंद आ गया पढ़कर आदरणीय. हृदयतल से बहुत बहुत बधाई स्वीकारें


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on October 23, 2013 at 2:41pm

आदरणीय विजय मिश्र भाई , आपकी उत्साह वर्धन करती प्रतिक्रिया के लिये आपका हृदय से आभारी हूँ !!!!


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on October 23, 2013 at 2:39pm

आदरणीया कुंती जी , उत्साह वर्धन के लिये आपका आभारी हूँ !!!!!

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