For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

!!! एक 'बापू' फिर बुला मां शारदे !!!

!!! एक 'बापू फिर बुला मां शारदे !!!
बह्र-2122  2122  212

प्यार जीवन में बढ़ा मां शारदे।
दर्द मुफलिस का घटा मां शारदे।।

कंट के रस्ते भी फूलों से लगे,
राम का वनवास गा मां शारदे।

भील-शोषित का यहां उध्दार हो,
एक 'बापू' फिर बुला मां शारदे।

धर्म का रथ आस्मां में जा रहा,
गर्त में धरती उठा मां शारदे।

आततायी रोज बढ़ते जा रहे,
फिर शिवा-राणा बना मां शारदे।

लेखनी का रंग गहरा हो चटक,
घाव पर मलहम लगा मां शारदे।

दृढ़ करो संवेदना सदभाव से,
आप ही परमात्मा मां शारदे।

कर्म का फल भूल जाओं धर्म में,
भाव 'सत्यम' साधना मां शारदे।

के0पी0सत्यम / मौलिक व अप्रकाशित

Views: 713

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on October 3, 2013 at 8:33pm

आदरणीय भण्डारी भार्इ जी,    आपके अपार स्नेह और गजल अनुमोदन हेतु...आपका तहेदिल से आभार। सादर,

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on October 3, 2013 at 8:31pm

आदरणीय कुन्र्ती जी,    आपके स्नेह और गजल अनुमोदन हेतु...आपका तहेदिल से आभार। सादर,

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on October 3, 2013 at 8:30pm

आदरणीय अरून अनन्त भार्इ जी,    आपके स्नेह औ मार्ग दर्शन  हेतु...आपका तहेदिल से आभार। सादर,

Comment by बृजेश नीरज on October 3, 2013 at 7:43pm

इस सुन्दर अभिव्यक्ति पर आपको हार्दिक बधाई, भाई केवल प्रसाद जी!

Comment by अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव on October 3, 2013 at 4:02pm

फिर शिवा-राणा बना मां शारदे। सुंदर भाव , अच्छे शब्द ।                              

केवल भाई बधाई । गीत गज़ल दोनों का मजा आया । 

Comment by वेदिका on October 3, 2013 at 3:36pm

भक्तिरस मे भीगी उज्ज्वल कामना

बधाई आ0 सत्यम जी!

Comment by Dr Ashutosh Mishra on October 3, 2013 at 3:28pm

आदरणीय केवल जी ...भक्ति मय कर दिया आपने ...आपकी माँगी हर मुराद पूरी हो ..सादर बधाई के साथ 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on October 3, 2013 at 1:43pm

आदरणीय केवल भाई , बहुत सुन्दर गज़ल कही है आपने !! बहुत बहुत बधाई !!!! आदरणीय अरुण भाई की कही बातों को ज़रूर देख लें !!  !!! सादर !!!

Comment by coontee mukerji on October 3, 2013 at 1:38pm

बहुत सुंदर विचार

.आततायी रोज बढ़ते जा रहे,
फिर शिवा-राणा बना मां शारदे

Comment by अरुन 'अनन्त' on October 3, 2013 at 12:45pm

आदरणीय केवल भाई जी ग़ज़ल के माध्यम से बहुत ही सुन्दर आह्वान किया है आपने काश ऐसा हो, कई अशआरों में तकाबुले रदीफ़ का दोष है कृपया पुनः देख लें.

आपने ग़ज़ल का वज्न 2122  2122  2122  212 लिखा है जबकि वज्न 2122  2122  212 है.

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Chetan Prakash commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post भादों की बारिश
"यह लघु कविता नहींहै। हाँ, क्षणिका हो सकती थी, जो नहीं हो पाई !"
Tuesday
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted a blog post

भादों की बारिश

भादों की बारिश(लघु कविता)***************लाँघ कर पर्वतमालाएं पार करसागर की सर्पीली लहरेंमैदानों में…See More
Monday
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा सप्तक. . . . . विविध

मंजिल हर सोपान की, केवल है  अवसान ।मुश्किल है पहचानना, जीवन के सोपान ।। छोटी-छोटी बात पर, होने लगे…See More
Monday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - चली आयी है मिलने फिर किधर से ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय चेतन प्रकाश भाई ग़ज़ल पर उपस्थित हो उत्साह वर्धन करने के लिए आपका हार्दिक …"
Monday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - चली आयी है मिलने फिर किधर से ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय सुशील भाई  गज़ल की सराहना कर उत्साह वर्धन करने के लिए आपका आभार "
Monday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - चली आयी है मिलने फिर किधर से ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय लक्ष्मण भाई , उत्साह वर्धन के लिए आपका हार्दिक आभार "
Monday
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"विगत दो माह से डबलिन में हूं जहां समय साढ़े चार घंटा पीछे है। अन्यत्र व्यस्तताओं के कारण अभी अभी…"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"प्रयास  अच्छा रहा, और बेहतर हो सकता था, ऐसा आदरणीय श्री तिलक  राज कपूर साहब  बता ही…"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"अच्छा  प्रयास रहा आप का किन्तु कपूर साहब के विस्तृत इस्लाह के बाद  कुछ  कहने योग्य…"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"सराहनीय प्रयास रहा आपका, मुझे ग़ज़ल अच्छी लगी, स्वाभाविक है, कपूर साहब की इस्लाह के बाद  और…"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"आपका धन्यवाद,  आदरणीय भाई लक्ष्मण धानी मुसाफिर साहब  !"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"साधुवाद,  आपको सु श्री रिचा यादव जी !"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service