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हमने घर की दीवारों में    

जीवन की इक आस सजायी

 

रत्ती-रत्ती सुबह बटोरी

टुकड़ा-टुकड़ा साँझ संजोई

इस चुभती तिमिर कौंध में

दीपों की बारात सजायी

 

तिनका-तिनका भाव बटोरे 

टूटे-फूटे सपन संजोये

साँसों की कठिन डगर पे

आशा ही दिन-रात सजायी  

 

भूख सहेजी, प्यास सहेजी 

सोती-जगती रात सहेजी 

यूँ चलते, गिरते-पड़ते 

कितनी टूटी बात सजायी

 

तेरे हाथों के स्पर्शों ने   

इन होठों की मुस्कानों ने  

मेरे इस सूने मन में

सहज सुनहरी प्रीत सजायी  

 

                  - बृजेश नीरज

(मौलिक व अप्रकाशित)

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Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on September 13, 2013 at 2:48pm

तिनका-तिनका भाव बटोरे 

टूटे-फूटे सपन संजोये

साँसों की कठिन डगर पे

उम्मीदों की बारात सजायी........बेहद सुंदर भाव

बहुत सुंदर रचना ,बहुत बहुत बधाई आदरणीय बृजेश जी

Comment by रविकर on September 13, 2013 at 1:53pm

(रत्ती रत्ती= एक माप)

थोड़ी थोड़ी सुबह शाम को, नटखट कैसे ले के आया |
तितली भौरें मोर पंख से, कूंचा कूंचा खूब सजाया-

आभार आदरणीय-

Comment by बृजेश नीरज on September 13, 2013 at 1:21pm

आदरणीय बसंत जी आपका हार्दिक आभार!

Comment by बसंत नेमा on September 13, 2013 at 11:48am

आ0 बृजेश जी

बहुत सुन्दर मनभावन  रचना के बधाई शुभकामनाये ......

Comment by बृजेश नीरज on September 13, 2013 at 11:23am

आदरणीय गिरिराज जी आपका हार्दिक आभार!

Comment by बृजेश नीरज on September 13, 2013 at 11:22am

आदरणीय निकोर साहब आपका बहुत बहुत आभार!

Comment by बृजेश नीरज on September 13, 2013 at 11:21am

आदरणीया मीना जी आपका हार्दिक आभार!


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on September 13, 2013 at 7:04am

आदरणीय बृजेश भाई सुन्दर गीत रचना के लिये बधाई !!

तिनका-तिनका भाव बटोरे 

टूटे-फूटे सपन संजोये

साँसों की कठिन डगर पे

उम्मीदों की बारात सजायी ------------ वाह भाई जी !!

Comment by vijay nikore on September 13, 2013 at 6:32am

//तेरे हाथों के स्पर्शों ने   

इन होठों की मुस्कानों ने  

मेरे इस सूने मन में

सहज सुनहरी प्रीत सजायी  //

इस सुन्दर रचना के लिए बधाई, आदरणीय बृजेश जी।

Comment by Meena Pathak on September 13, 2013 at 1:02am

भूख सहेजी, प्यास सहेजी 

सोती-जगती रात सहेजी 

यूँ चलते, गिरते-पड़ते 

कितनी टूटी बात सजायी.................बहुत सुन्दर रचना..... हार्दिक बधाई स्वीकारें आ० बृजेश जी

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