For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

चोरों की बारात, बजाये रविकर वंशी-

वंशीधर का मोहना, राधा-मुद्रा मस्त । 

नाचे नौ मन तेल बिन, किन्तु नागरिक त्रस्त । 

 

किन्तु नागरिक त्रस्त, मगन मन मोहन चुप्पा । 

पाई रहा बटोर, धकेले लेकिन कुप्पा । 

 

बीते बाइस साल, हुई मुद्रा विध्वंशी । 

चोरों की बारात, बजाये रविकर वंशी ॥ 

मौलिक / अप्रकाशित

Views: 651

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on September 1, 2013 at 10:45pm

आपकी संवेदनशील दृष्टि के लिए बधाई.. .

सादर आदरणीय

Comment by annapurna bajpai on August 31, 2013 at 12:52pm

बहुत सुंदर भावभिव्यक्ति आदरणीय रविकर जी । बधाई ।

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on August 30, 2013 at 7:56pm

बहुत सुन्दर भाई श्री रविकर जी, बधाई -

रविकर तू बंशी  बजा, नागिन की फुफकार 

नाचे नौ मन तेल बिन,चले मस्त सरकार |

चले मस्त सरकार,  मन  मुग्ध होय मीरा

घाटे की सरकार,   लगा जनता के चीरा

चलते अब ये चाल,देख चुनाव का चक्कर

मोहन का है राज, बजाये बंशी रविकर | -  लक्ष्मण    

 

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on August 29, 2013 at 11:59pm

अतिसुन्दर रचना, बधाई आदरणीय रविकर जी

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on August 29, 2013 at 9:13pm

आ0 रविकर भाई जी,   अतिसुन्दर ।  हृदयतल से हार्दिक बधाई।  सादर,

Comment by रविकर on August 29, 2013 at 8:02pm

आभार
आदरणीय बंधुओं -

Comment by Ashish Srivastava on August 29, 2013 at 7:57pm

ati sundar rachna , badhai 

Comment by JAWAHAR LAL SINGH on August 29, 2013 at 7:15pm

बढ़िया है! विजय जी की प्रतिक्रिया से सहमत!

Comment by विजय मिश्र on August 29, 2013 at 6:22pm
"किन्तु नागरिक त्रस्त, मगन मन मोहन चुप्पा । " - आनंद आ गया ,रविकरजी .सम्पूर्ण भारत का विश्वास ध्वस्त किया और प्रजातंत्र का इतना दुरूपयोग इतिहास में कालबद्ध होने योग्य कर दिया इस गूंगे ने . .
Comment by राजेश 'मृदु' on August 29, 2013 at 5:23pm

बहुत ही धांसू रचना है आदरणीय, सादर

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Nilesh Shevgaonkar replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"ऐसे😁😁"
55 minutes ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"अरे, ये तो कमाल  हो गया.. "
2 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"आदरणीय नीलेश भाई, पहले तो ये बताइए, ओबीओ पर टिप्पणी करने में आपने इमोजी कैसे इंफ्यूज की ? हम कई बार…"
2 hours ago
Nilesh Shevgaonkar replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"आपके फैन इंतज़ार में बूढे हो गए हुज़ूर  😜"
2 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post एक धरती जो सदा से जल रही है [ गज़ल ]
"आदरणीय लक्ष्मण भाई बहुत  आभार आपका "
4 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on गिरिराज भंडारी's blog post एक धरती जो सदा से जल रही है [ गज़ल ]
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। अच्छी गजल हुई है । आये सुझावों से इसमें और निखार आ गया है। हार्दिक…"
5 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post मौत खुशियों की कहाँ पर टल रही है-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति, उत्साहवर्धन और अच्छे सुझाव के लिए आभार। पाँचवें…"
6 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post एक धरती जो सदा से जल रही है [ गज़ल ]
"आदरणीय सौरभ भाई  उत्साहवर्धन के लिए आपका हार्दिक आभार , जी आदरणीय सुझावा मुझे स्वीकार है , कुछ…"
6 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - वो कहे कर के इशारा, सब ग़लत ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय सौरभ भाई , ग़ज़ल पर आपकी उपस्थति और उत्साहवर्धक  प्रतिक्रया  के लिए आपका हार्दिक…"
6 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - वो कहे कर के इशारा, सब ग़लत ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय गिरिराज भाईजी, आपकी प्रस्तुति का रदीफ जिस उच्च मस्तिष्क की सोच की परिणति है. यह वेदान्त की…"
7 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . . उमर
"आदरणीय गिरिराज भाईजी, यह तो स्पष्ट है, आप दोहों को लेकर सहज हो चले हैं. अलबत्ता, आपको अब दोहों की…"
7 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"आदरणीय योगराज सर, ओबीओ परिवार हमेशा से सीखने सिखाने की परम्परा को लेकर चला है। मर्यादित आचरण इस…"
8 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service