For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

2 1 2 2   1 2 1 2   2 2

आज तेरा पयाम आया है
जैसे फिर माहताब आया है

देख लो सज गये दिवारो दर
घर मेरे कोई शाद आया है

अबके हो फैसला मेरे हक़ में
हांथ में इन्तखाब आया है

इल्म की रौशनी जली मुझमें
यूँ लगा आफ़ताब आया है

हो गये लाख़ रंग हसरत के
मेरा जोड़ा शहाब आया है

पयाम = सन्देश, माहताब = चाँद , शाद = ख़ुशी,
इन्तखाब = चुनाव, आफ़ताब = सूरज, शहाब = सुर्ख लाल रंग

अमित कुमार दुबे मौलिक व अप्रकाशित

Views: 655

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on August 27, 2013 at 3:30am

मेहनत करें

शुभेच्छाएँ

Comment by राज़ नवादवी on August 26, 2013 at 10:51pm

"प्रयास तो सही है, मगर रदीफ़ और काफिया देख लें. मंच पे उपलब्ध ग़ज़ल की कक्षा से मुफीद हुआ जा सकता है. "

Comment by अरुन 'अनन्त' on August 26, 2013 at 2:30pm

वाह भाई क्या कहने छोटी छोटी पंक्तियों में मोटी मोटी बातें कह दी आपने बेहद सुन्दर भाई हार्डीक बधाई स्वीकारें.

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on August 25, 2013 at 8:16pm

आ0 अमित भाई जी,  सादर प्रणाम!    बेहद सुन्दर गजल प्रस्तुति के लिए मेरी बधाई स्वीकारें। सादर,

Comment by mrs manjari pandey on August 25, 2013 at 2:11pm

     दुबे जी  पयाम  आा अच्छा लगा . बहुत बहुत बधाई  स्वीकारें

Comment by Dr Ashutosh Mishra on August 25, 2013 at 1:27pm

सुंदर रचना के लिए हार्दिक बधायी स्वीकारें ..सादर 

Comment by रमेश कुमार चौहान on August 25, 2013 at 10:28am
दुबेजी आपके इस प्रभावी रचना के लिये बधाई
Comment by बृजेश नीरज on August 25, 2013 at 10:03am

बहुत सुन्दर! आपको हार्दिक बधाई!

Comment by अमित वागर्थ on August 25, 2013 at 9:26am

adarniyaa annapurna ji aapka bahut-bahut shukriya

Comment by अमित वागर्थ on August 25, 2013 at 9:22am

aadarniya bhandari ji aapka tahe-dil se shukriya

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on Ravi Shukla's blog post तरही ग़ज़ल
"क्या ही शानदार ग़ज़ल कही है आदरणीय शुक्ला जी... लाभ एवं हानि का था लक्ष्य उन के प्रेम मेंअस्तु…"
6 hours ago
बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post गीत-आह बुरा हो कृष्ण तुम्हारा
"उचित है आदरणीय अजय जी ,अतिरंजित तो लग रहा है हालाँकि असंभव सा नहीं है....मेरा तात्पर्य कि…"
6 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Ravi Shukla's blog post तरही ग़ज़ल
"आदरणीय रवि भाईजी, इस प्रस्तुति के मोहपाश में तो हम एक अरसे बँधे थे. हमने अपनी एक यात्रा के दौरान…"
10 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"आ. चेतन प्रकाश जी,//आदरणीय 'नूर'साहब,  मेरे अल्प ज्ञान के अनुसार ग़ज़ल का प्रत्येक…"
10 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - यहाँ अनबन नहीं है ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय गिरिराज भाईजी, आपकी प्रस्तुति पर आने में मुझे विलम्ब हुआ है. कारण कि, मेरा निवास ही बदल रहा…"
10 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"धन्यवाद आ. लक्ष्मण धामी जी "
10 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"धन्यवाद आ. अजय गुप्ता जी "
10 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"आदरणीय अजय अजेय जी,  मेरी चाचीजी के गोलोकवासी हो जाने से मैं अपने पैत्रिक गाँव पर हूँ।…"
21 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी,   विश्वासघात के विभिन्न आयामों को आपने शब्द दिये हैं।  आपके…"
22 hours ago
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180

परम आत्मीय स्वजन,ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 180 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का…See More
22 hours ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"विस्तृत मार्गदर्शन और इतना समय लगाकर सभी विषयवस्तु स्पष्ट करने हेतू हार्दिक आभार आदरणीय सौरभ जी।…"
23 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"आ. भाई अजय जी, सादर अभिवादन। दोहों पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए आभार। पंचकल त्रिकल के प्रयोग…"
23 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service