For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

रहीम - यार! अपन लोग की लाइफ का कोई गेरन्टी नहीं।
राम - ये सेठ लोग अक्खी दुनिया के हिस्से की गेरन्टी खुद ही ले लेना चाहता है।
-हाँ यार! देख कल अपने सेठ की गाड़ी क्या ठुकी कि बीमा का केस दायर कर दिया। अब साल्ला 4-5 लाख तो मिल ही जायेगा उसको।
-लेकिन तुझे मालूम है? कल अपन के मोहल्ले में अश्फाक मोची का इकलौता लड़का, बेचारा भूख से तड़प कर मर गया।
-काश अपन लोग के भूख भी का बीमा होता यार, तो भूख लगने या मरने पर कुछ तो मिल जाता!

मौलिक व अप्रकाशित

Views: 948

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by विन्ध्येश्वरी प्रसाद त्रिपाठी on August 8, 2013 at 5:30pm
भाई अमन कुमार जी! रचना की सराहना के लिये आपका हृदय से आभार। सच कहा आपने गरीबों की भूख केवल 5 रूपये में मिटती है। हमारe पप्पू के अनुसार तो गरीबी मानसिक होती है। ये क्या जाने गरीबी क्या होती?
Comment by विन्ध्येश्वरी प्रसाद त्रिपाठी on August 8, 2013 at 5:21pm
सच बताता हूँ बहुत ही डरते- डरते यह लघुकथा पोस्ट किया था। आप सब गुरुजनों ने रचना को पढ़ा, सराहा, मुझे आत्मिक बल मिला।
तथापि अभी भी मैं इससे संतुष्ट नहीं हूँ। अपने स्तर से संशोधन, परिमार्जन का प्रयास कर रहा हूँ। यदि आप सब सुधी गुरुजनों को रचना में कोई भी दोष, कमी नजर आये तो कृपा कर बताने का कष्ट कीजियेगा।
सादर
Comment by अरुन 'अनन्त' on August 8, 2013 at 4:55pm

बेहद सुन्दर लघुकथा आदरणीय भाई जी बारीकी से बयां की है आपने गरीबी और विवशता को. हार्दिक बधाई स्वीकारें भाई जी


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on August 8, 2013 at 3:42pm

विनय जी आपने मर्मस्पर्शी कथा सुनाई है यह आज की कड़वी सच्चाई है, अच्छा लिखा है आपने बधाई,

Comment by vijay nikore on August 8, 2013 at 11:58am

आदरणीय विन्ध्येश्वरी जी:

 

आपकी लघु कथा अच्छी लगी... इससे उद्भावित भाव मैंने सामाजिक सरोकार में लिखे हैं।

आपकी राय की प्रतीक्षा रहेगी।

 

सादर,

विजय निकोर

 

 

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on August 8, 2013 at 10:41am

सुन्दर लघु कथा, हार्दिक बधाई श्री विन्ध्येश्वरी प्रसाद त्रिपाठी "विनय" जी इससे भी बढ़कर बात है भूख का बीमा भी कराएगा कौन,

जब खाने को ही पैसे नहीं तो बीमा की प्रीमियम कौन भरेगा

Comment by AVINASH S BAGDE on August 8, 2013 at 10:22am

 भूख भी का बीमा... धारदार!

हार्दिक बधाई विन्ध्येश्वरी त्रिपाठी जी

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on August 8, 2013 at 9:37am

सन्देशप्रद रचना पर,हार्दिक बधाई आदरणीय विन्ध्येश्वरी त्रिपाठी जी

Comment by seema agrawal on August 7, 2013 at 10:41pm

मार्मिक .............

Comment by JAWAHAR LAL SINGH on August 7, 2013 at 7:29pm

बहुत तेज धारदार! गागर में सागर!

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186

ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 186 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का मिसरा आज के दौर के…See More
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"  क्या खोया क्या पाया हमने बीता  वर्ष  सहेजा  हमने ! बस इक चहरा खोया हमने चहरा…"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"सप्रेम वंदेमातरम, आदरणीय  !"
Sunday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Saturday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
Friday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
Dec 12
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Dec 10
anwar suhail updated their profile
Dec 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service