For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

सलवटें करवटें औ याद सहर से पहले

मिली हैं करवटें औ याद सहर से पहले
पिए हैं इश्क़ के प्याले जो जहर से पहले  

जो दिल के खंडहर में अब बहें खारे झरने  
यहाँ पे इश्क की बस्ती थी कहर से पहले

ग़ज़ब हैं लोग खुश हैं देख यहाँ का पानी
नदी बहती थी जहाँ एक नहर से पहले

कहाँ उलझा हुआ है गाफ़ अलिफ में अब तक
रदीफ़ो काफिया संभाल बहर से पहले

नहीं आसां है उजालों का सफ़र भी इतना  
जले है दीप सारी रात सहर से पहले

संदीप पटेल "दीप"

मौलिक व अप्रकाशित

Views: 550

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by वीनस केसरी on July 27, 2013 at 1:06am

कहाँ उलझा हुआ है गाफ़ अलिफ में अब तक
रदीफ़ो काफिया संभाल बहर से पहले

हा हा हा ... क्या कहने :))))))))))))


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on July 17, 2013 at 6:32pm

नहीं आसां है उजालों का सफ़र भी इतना  
जले है दीप सारी रात सहर से पहले ----वाह शानदार मकता ,बढ़िया ग़ज़ल दाद कबूल करें 

Comment by राजेश 'मृदु' on July 17, 2013 at 5:32pm

जय हो, आदरणीय सुंदर गजल पेश की है, सादर

Comment by अरुन 'अनन्त' on July 17, 2013 at 2:19pm

वाह प्रिय मित्रवर वाह क्या कहने बहुत ही सुन्दर लाजवाब लाजवाब लाजवाब

ग़ज़ब हैं लोग खुश हैं देख यहाँ का पानी
नदी बहती थी जहाँ एक नहर से पहले .... वाह इस शेर की गहराई ने लूट लिया भाई जी लूट लिया.

हार्दिक बधाई स्वीकारें.

Comment by SANDEEP KUMAR PATEL on July 17, 2013 at 12:08pm

aadarneey Shijju S. ji saadar prnaam

aapka bahut bahut dhanyvaad

ji haan mujhe bhi lag rhaa hai ab ki eb hai

bahut bahut aabhar aapka sneh yun hi banaye rakhiye


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on July 16, 2013 at 5:45pm

//मिली हैं करवटें औ याद सहर से पहले
पिए हैं इश्क़ के प्याले जो जहर से पहले//

बेहतरीन शेर संदीप जी

आपके ग़ज़लों की कमी खल रही थी संदीप जी, बेहतरीन ग़ज़ल बन पढ़ी है

//जो दिल के खंडहर में अब बहें खारे झरने
यहाँ पे इश्क की बस्ती थी कहर से पहले//

यहाँ कहीं तकाबुले रदीफ़ तो नही हो रहा है.

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"जय-जय, जय हो "
4 hours ago
Admin replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"स्वागतम"
6 hours ago
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186

ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 186 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का मिसरा आज के दौर के…See More
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"  क्या खोया क्या पाया हमने बीता  वर्ष  सहेजा  हमने ! बस इक चहरा खोया हमने चहरा…"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"सप्रेम वंदेमातरम, आदरणीय  !"
Sunday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Dec 13
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
Dec 13

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
Dec 12
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Dec 10
anwar suhail updated their profile
Dec 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service