For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

कुण्डलिया छंद

बरखा रानी आ गई ,लेकर बदरा श्याम |

धरा आज है पी रही ,भर भर घट के जाम|| 

भर भर घट के जाम ,हो रही धरा है तृप्त |

पानी हुआ तुषार, हो रही ग्रीष्म है लुप्त ||

लोग हुए खुशहाल ,चला जीवन का चरखा |

बच्चे  ख़ुशी मनात , मेघा ले आय बरखा ||

|............................|

मौलिक व अप्रकाशित 

Views: 968

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on July 10, 2013 at 5:54pm

आ० सरिता भाटिया जी..

सतत सजग प्रयास ही एक मात्र रास्ता है, रचनाकर्म को साधने का..

और छंदों पर आपका नव प्रयास बहुत सुखकर है..आपको ह्रदय से बधाई.

अब आपके कुंडलिया छंद पर :

कुंडलिया छंद एक दोहा और एक रोला छंद से मिल कर बनता है..तो दोहा व रोला दोनों ही छंदों का विधान आना आवश्यक है.

बरखा रानी आ गई ,लेकर बदरा श्याम |

धरा आज है पी रही ,भर भर घट के जाम|| ...दोहा भाग शिल्प की दृष्टि से तो सही है पर कथ्य और समय माँगता है 

भर भर घट के जाम ,हो रही धरा है तृप्त |.......तृप्त से अंत नहीं कर सकते सम चरण का..यह तो २१ है रोला के विषम चरण का अंत सदैव २२,  ११२,  या ११११ से ही होन चाहिए.

पानी हुआ तुषार, हो रही ग्रीष्म है लुप्त ||... इसी प्रकार इस पंक्ति में भी लुप्त से चरणान्त नहीं कर सकते 

लोग हुए खुशहाल ,चला जीवन का चरखा |

बच्चे  ख़ुशी मनात , मेघा ले आय बरखा ||.........'मनात' इस तरह के शब्द प्रयुक्त करने से तब तक बचना चाहिए जब तक रचना किसी आंचलिक विशेष शैली में न हो, अन्यथा ये आरोपित से लगने लगते हैं और रचना की अंतर्धारा के साथ मेल नहीं खाते.

मेघा ले आय बरखा को ......मेघ ले आये बरखा करना ज्यादा सही होगा.

प्रयासरत रहें.. यकीनन बहुत जल्दी ही निर्दोष छंद कहने लगेंगी.

शुभकामनाएं 

Comment by अरुन 'अनन्त' on July 10, 2013 at 5:41pm

वर्षा ऋतु पर आधारित सुन्दर कुण्डलिया छंद रचा है आपने आदरणीया सरिता जी, आपका प्रयास रंग ला रहा है जमे रहें. हार्दिक बधाई स्वीकारें.

Comment by ram shiromani pathak on July 10, 2013 at 5:38pm

आदरणीया सरिता भाटिया जी,सुन्दर कुंडलियाँ//////हार्दिक बधाई 

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on July 10, 2013 at 2:54pm

वर्षा ऋतू के महोहारी वर्णन के रूप में सुन्दर कुंडलियाँ छंद के लिए बधाई आदरणीया सरिता भाटिया जी 

Comment by राजेश 'मृदु' on July 10, 2013 at 1:43pm

भाव पक्ष बढि़या है, साथ चलते रहें थोड़े बहुत कंकड़ पत्‍थर घर्षण बल से स्‍वत: ही चिकने हो जाएंगें, सादर

Comment by coontee mukerji on July 10, 2013 at 12:49pm

कभी कभी मात्रओं के चक्कर में मूल भाव गौण हो जाता है शब्द विन्यास दोषपूर्ण हो जाता है.

शुभेच्छु

कुंती

Comment by Kavita Verma on July 10, 2013 at 12:23pm
badiya ..

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186

ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 186 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का मिसरा आज के दौर के…See More
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"  क्या खोया क्या पाया हमने बीता  वर्ष  सहेजा  हमने ! बस इक चहरा खोया हमने चहरा…"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"सप्रेम वंदेमातरम, आदरणीय  !"
Sunday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Dec 13
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
Dec 13

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
Dec 12
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Dec 10
anwar suhail updated their profile
Dec 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service