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सार/ललित छंद, प्रथम प्रयास ----- वेदिका

सार/ललित छंद १६ + १२ मात्रा पर यति का विधान, पदांत गुरु गुरु अर्थात s s से,, छन्न पकैया पर प्रथम प्रयास / क्रिकेट विषय 

छन्न पकैया छन्न पकैया, टॉस करेगा सिक्का  

कौन चलेगा पहली चाली, हो जायेगा पक्का  ।। १ 

छन्न पकैया छन्न पकैया, कंदुक लाली लाली 

इक निशानची ठोकर मारे, गिल्ली भरे उछाली।। २ 

छन्न पकैया छन्न पकैया, बादल छटते जाये 

आँखों में है धूर झोंकते, धन भर घर ले आये  ।। ३ 

छन्न पकैया छन्न पकैया, गिरा राज का कुंदा 

हाथ हथकड़ी पांव बेड़ियाँ, गले पड़ गया फंदा  ।। ४ 

छन्न पकैया छन्न पकैया, चले काठ का बल्ला 

गेंद गयी सीमा बाहर ते, दीदों में है हल्ला      ।। ५ 

छन्न पकैया छन्न पकैया, तू जीती या हारी 

ठंडा बेचन हारों को तो, प्यारी है रिजगारी      ।। 

छन्न पकैया छन्न पकैया, अब प्रेशर है भारी 

गुट्ट्म गोल दना दन सरपट, दौड़ी जो दे मारी  ।। ७ 

                                      

                                     गीतिका 'वेदिका'  संशोधित* 

                                

मौलिक एवम अप्रकाशित 

  

 

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Comment by वेदिका on July 3, 2013 at 10:14pm

आपका बहुत बहुत आभार आदरणीय अरुण निगम जी!


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by अरुण कुमार निगम on July 3, 2013 at 9:14pm

आदरणीया गीतिका जी, क्रिकेट के बहुत से आयाम इस छंद में परिलक्षित हुए. बधाई.............

Comment by वेदिका on July 3, 2013 at 9:13pm

आपका बहुत बहुत शुक्रिया आदरणीय केवल प्रसाद जी!

Comment by वेदिका on July 3, 2013 at 9:12pm

श्रेय आपको ही है, आदरणीय सौरभ जी! मै तो ये रचना छंद पोस्टिंग में ही सकुचा रही थी.

 आपका बहुत बहुत धन्यवाद!! 

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on July 3, 2013 at 8:16pm

आ0 वेदिका जी,  अतिसुन्दर प्रस्तुति।  हार्दिक बधाई स्वीकारें।  सादर,


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on July 3, 2013 at 7:06pm

वाह पदांत में एक गुरु कौन कहे दो-दो गुरुओं से द का अंत.. . !  वाह वाह !

बहुत-बहुत धन्यवाद कि आपने सुझावों को ध्यान में रख पुनः परिश्रम किया, आदरणीया गीतिकाजी.

शुभेच्छाएँ

Comment by वेदिका on July 3, 2013 at 5:36pm

रचना कर्म की सराहना हेतु शुक्रिया आदरनीय सुमित नैथानी जी!

Comment by वेदिका on July 3, 2013 at 5:28pm

बहुत बहुत आभार राम भैया!!

आशा की अब सुधार के बाद किसी को बाउंस नही होगा :)) अब तो आप सहमत है न, ??  

Comment by वेदिका on July 3, 2013 at 5:26pm

आदरणीय बागी जी! सादर अभिवादन 

आपकी प्रतिक्रिया देख कर छन्न से राहत मिली।

आभार आपका!!     

Comment by ram shiromani pathak on July 3, 2013 at 5:22pm

वाह आदरणीया  वेदिका दीदी  अब मज़ा आया बहुत ही सुन्दर //हार्दिक बधाई 

कृपया ध्यान दे...

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