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एक आशु गीत (जो फेसबुक पर उपजा गीतकार आदरणीय सतीश सक्सेना जी और मेरे संवादों के बीच)

सुबह दरवाजे पे देखा

ढेरों फूल, हैं बिखरे 
कहीं से, रात को तूफ़ान 
लेकर साथ आया था 

मेरी ही याद उन्हें आई ;कुछ श्रद्धा रही होगी 

दरख्तों ने दिए आशीष कोई मर्जी रही होगी 

सोई थी बेखबर ऐसे    
वो  ख़्वाबों में आया था 
ना ये आभास था मुझको   
 कुंडा  खटखटाया था

 उनींदी पलके बोझिल सी; सपने  गढ़ती रही होगी 

दरख्तों ने दिए आशीष कोई मर्जी रही होगी 

सुबह  चिड़ियों के कलरव ने  
 
नींद  मेरी  खुलवाई 
मिले  थे पुष्प वहां अनगिन   
खोलने द्वार जो  आई 

सुभागी घर की वो देहरी; महकती ही रही होगी

दरख्तों ने दिए आशीष कोई मर्जी रही होगी 

मेरी बगिया के कुछ पुहुप 
नित  उनको चिढाते थे 
निरे जंगली  कहते  और   
मन में मुस्कुराते  थे 
दर्दे दिल की खलिश में की;कोई  मिन्नत रही होगी 

दरख्तों ने दिए आशीष कोई मर्जी रही होगी 

 लिए होंगे पवन से पंख 
उड़कर साथ आने को 

पकड़ कर हाथ तूफ़ान  का   
वो   आये    रिझाने को 

छुपी दिलों  में कोई ख्वाहिश; मचलती सी रही होगी 

दरख्तों ने दिए आशीष कोई मर्जी रही होगी

************************************

मौलिक एवं अप्रकाशित 

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Comment

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सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on June 9, 2013 at 1:18pm

प्रिय विनीता शुक्ला जी इस उत्साह वर्धन  हेतु दिल से आभारी हूँ |

Comment by Vinita Shukla on June 9, 2013 at 1:07pm

इस सुन्दर, संवेदनशील रचना पर हार्दिक बधाई, राजेश कुमारी जी।


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on June 9, 2013 at 11:53am

आदरणीया अन्नपूर्णा जी गीत पर सराहना हेतु हार्दिक आभार 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on June 9, 2013 at 11:52am

प्रिय राम शिरोमणि पाठक जी हार्दिक आभार 

Comment by annapurna bajpai on June 9, 2013 at 11:47am

bahut hi sundar geet ke liye badhai swikaren adarniya rajesh kumari ji .

Comment by ram shiromani pathak on June 9, 2013 at 11:21am

आदरणीया राजेश कुमारीजी,बहुत सुंदर गीत लिखा है अपने //हार्दिक बधाई


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on June 9, 2013 at 9:27am

आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी गीत पर आपकी प्रतिक्रिया से मन हर्षित हुआ इस उत्साह वर्धन के लिए अतिशय आभार 


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on June 8, 2013 at 11:56pm

आदरणीया राजेश कुमारीजी, आपकी संवेदनीलता और संप्रेषण सामर्थ्य को हार्दिक बधाई व अनेकनेक शुभकामनाएँ


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on June 8, 2013 at 11:12pm

हार्दिक आभार आदरणीया कल्पना जी आपको गीत पसंद आया 

Comment by कल्पना रामानी on June 8, 2013 at 11:01pm

बहुत सुंदर भावपूर्ण गीत!  राजेश कुमारी जी हार्दिक बधाई...

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