For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

एक आशु गीत (जो फेसबुक पर उपजा गीतकार आदरणीय सतीश सक्सेना जी और मेरे संवादों के बीच)

सुबह दरवाजे पे देखा

ढेरों फूल, हैं बिखरे 
कहीं से, रात को तूफ़ान 
लेकर साथ आया था 

मेरी ही याद उन्हें आई ;कुछ श्रद्धा रही होगी 

दरख्तों ने दिए आशीष कोई मर्जी रही होगी 

सोई थी बेखबर ऐसे    
वो  ख़्वाबों में आया था 
ना ये आभास था मुझको   
 कुंडा  खटखटाया था

 उनींदी पलके बोझिल सी; सपने  गढ़ती रही होगी 

दरख्तों ने दिए आशीष कोई मर्जी रही होगी 

सुबह  चिड़ियों के कलरव ने  
 
नींद  मेरी  खुलवाई 
मिले  थे पुष्प वहां अनगिन   
खोलने द्वार जो  आई 

सुभागी घर की वो देहरी; महकती ही रही होगी

दरख्तों ने दिए आशीष कोई मर्जी रही होगी 

मेरी बगिया के कुछ पुहुप 
नित  उनको चिढाते थे 
निरे जंगली  कहते  और   
मन में मुस्कुराते  थे 
दर्दे दिल की खलिश में की;कोई  मिन्नत रही होगी 

दरख्तों ने दिए आशीष कोई मर्जी रही होगी 

 लिए होंगे पवन से पंख 
उड़कर साथ आने को 

पकड़ कर हाथ तूफ़ान  का   
वो   आये    रिझाने को 

छुपी दिलों  में कोई ख्वाहिश; मचलती सी रही होगी 

दरख्तों ने दिए आशीष कोई मर्जी रही होगी

************************************

मौलिक एवं अप्रकाशित 

Views: 781

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on June 10, 2013 at 3:46pm

श्याम नारायण वर्मा जी हार्दिक आभार आपका गीत आपको पसंद आया 

Comment by Shyam Narain Verma on June 10, 2013 at 3:34pm

बहुत ही अच्छी प्रस्तुति ..


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on June 10, 2013 at 11:32am

गीत को सराहने हेतु आपका हार्दिक आभार प्रज्ञा जी |

Comment by Pragya Srivastava on June 10, 2013 at 11:19am

सुंदर रचना बधाई


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on June 10, 2013 at 10:38am

क्रांतिकारी अमन जी !!आभार आपका 

Comment by aman kumar on June 10, 2013 at 9:05am

 रचना क्रन्तिकारी है बधाई ! 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on June 9, 2013 at 6:31pm

प्रिय महिमा श्री जी आपकी प्रशंसा पाकर गीत धन्य हुआ हार्दिक आभार 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on June 9, 2013 at 6:28pm

ब्रजेश कुमार जी गीत पर आपकी प्रतिक्रिया पाकर लेखनी को संबल मिला ह्रदय तल से आभार 

Comment by MAHIMA SHREE on June 9, 2013 at 6:11pm

 

वाह !! आदरणीया .. बहुत ही सुंदर .. दिल  को छु गयी .. बहुत-२ बधाई आपको

Comment by बृजेश नीरज on June 9, 2013 at 3:20pm

आदरणीया बहुत ही सुन्दर! जितने सुन्दर भाव, उतना ही सुन्दर शब्द चयन! मेरी हार्दिक बधाई स्वीकारें! 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post ग़ज़ल....उदास हैं कितने - बृजेश कुमार 'ब्रज'
"आदरणीय सौरभ सर सादर नमन....दोष तो दोष है उसे स्वीकारने और सुधारने में कोई संकोच नहीं है।  माफ़ी…"
38 seconds ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post ग़ज़ल....उदास हैं कितने - बृजेश कुमार 'ब्रज'
"भाई बृजेश जी, आपको ओबीओ के मेल के जरिये इस व्याकरण सम्बन्धी दोष के प्रति अगाह किया था. लेकिन ऐसा…"
12 minutes ago
बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post ग़ज़ल....उदास हैं कितने - बृजेश कुमार 'ब्रज'
"आदरणीय धामी जी स्नेहिल सलाह के लिए आपका अभिनन्दन और आभार....आपकी सलाह को ध्यान में रखते हुए…"
1 hour ago
बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post ग़ज़ल....उदास हैं कितने - बृजेश कुमार 'ब्रज'
"आदरणीय गिरिराज जी उत्साहवर्धन के लिए आपका बहुत-बहुत आभार और नमन करता हूँ...आपसे आदरणीय नीलेश…"
1 hour ago
बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post ग़ज़ल....उदास हैं कितने - बृजेश कुमार 'ब्रज'
"आदरणीय नीलेश जी सर्व प्रथम रचना पटल पे उपस्थिति के लिए आपका हार्दिक आभार....वैसे ये…"
1 hour ago
Admin posted discussions
12 hours ago
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ सड़सठवाँ आयोजन है।.…See More
13 hours ago
Ashok Kumar Raktale commented on Sushil Sarna's blog post दोहा दशम -. . . . . शाश्वत सत्य
" आदरणीय सुशील सरना जी सादर, जीवन के सत्य पर सुन्दर दोहावली रची है आपने. हार्दिक बधाई…"
14 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - आँखों की बीनाई जैसा
"आ. भाई नीलेश जी, सादर अभिवादन। बेहतरीन गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
15 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post मौत खुशियों की कहाँ पर टल रही है-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आ. भाई सौरभ जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थित और मार्गदर्शन के लिए आभार। कुछ सुधार किया है…"
19 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post मौत खुशियों की कहाँ पर टल रही है-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आ. भाई बृजेश जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए धन्यवाद।"
19 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post मौत खुशियों की कहाँ पर टल रही है-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आ. भाई अशोक जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए धन्यवाद।"
19 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service