For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

साथी रे बिन प्रीत तुम्हारी  रीती है मन की गागर 

नदिया  की तृष्णा  हरे कैसे लवणित  बूँद -बूँद सागर 

 अवगुंठित भाव होकर अधीर 

गीतों में निरी  भरते हैं  पीर

विरह कंटक चुभ हिय  घाव करें  

पीड़ा अँखियन  कर जायँ उजागर

साथी रे बिन प्रीत तुम्हारी  रीती है  मन की गागर 

नदिया  की तृष्णा  हरे कैसे लवणित  बूँद -बूँद सागर 

सिसकती गलियाँ पनघट  रोता  

नीर जमुना के नैना  भिगोता   ,

श्वास मरीचिका में उलझाये

छल-बल से मोरा नटवर नागर

साथी रे बिन प्रीत तुम्हारी  रीती है  मन की गागर 

नदिया  की तृष्णा  हरे कैसे लवणित  बूँद -बूँद सागर 

संत्रस्त  सम्मूढ़ कुंदन किसलय 

तज  कदम्ब कि  डार धूरि में विलय

कर  कुंठित कर्ण भरमाय रहा  

बाँसुरिया राग तिलस्मी आगर

साथी रे बिन प्रीत तुम्हारी रीती है मन की गागर 

नदिया  की तृष्णा  हरे कैसे लवणित  बूँद -बूँद सागर 

****************************************************

 

Views: 842

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on June 8, 2013 at 9:51pm

आदरणीय अशोक रक्ताले जी आपकी प्रशंसा मिली गीत लिखना  सार्थक हुआ हार्दिक आभार आपका इस उत्साह वर्धन हेतु 

Comment by Ashok Kumar Raktale on June 8, 2013 at 9:43pm

साथी रे बिन प्रीत तुम्हारी रीती है मन की गागर
नदिया की तृष्णा हरे कैसे लवणित बूँद -बूँद सागर ....वाह!बहुत खूब.
आदरेया राजेश कुमारी जी सादर, बहुत सुन्दर रचना सादर बधाई स्वीकारें.


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on June 3, 2013 at 10:56am

आदरणीया  कुंती जी आपको गीत पसंद आया मेरा लिखना सार्थक हुआ आपका हार्दिक आभार |


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on June 3, 2013 at 10:54am

आदरणीया अन्नापूर्णा  जी  आपका हार्दिक आभार आपके हिय तल  को ये गीत छू सका लेखन को सार्थकता मिली। 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on June 3, 2013 at 10:53am

आदरणीय लक्ष्मण प्रसाद जी मेरे गीत को आत्मीय अनुमोदन देने हेतु आपका हार्दिक आभार आपके हिय तल  को ये गीत छू सका लेखन को सार्थकता मिली। 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on June 3, 2013 at 10:50am

आदरणीय विजय निकोर जी आपकी प्रतिक्रिया से लेखनी को एक नव ऊर्जा प्राप्त होती है हार्दिक आभार आपका |

Comment by coontee mukerji on June 3, 2013 at 1:52am

साथी रे बिन प्रीत तुम्हारी रीती है मन की गागर 

नदिया  की तृष्णा  हरे कैसे लवणित  बूँद -बूँद सागर........राजेश जी .....नायिका की विरह वेदना की बहुत सुंदर अभिव्यक्ति . आपकी सिद्धहस्त  लेखनी का कमाल है.../सादर / कुंती .

Comment by annapurna bajpai on June 3, 2013 at 1:12am

रीती है मन की गागर - आदरणीया राजेश कुमारी जी बहुत ही सुंदर पंक्तियाँ है मन के भावों को उद्भासित करती हुई , बहुत बधाई आपको ।

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on June 2, 2013 at 7:24pm
आदरणीया..राजेश कुमारी जी, बहुत सुंदर पंक्तियां...शुभकामनायें
Comment by ram shiromani pathak on June 2, 2013 at 1:25pm

बहुत ही सुंदर आदरणीया// हार्दिक  बधाई!

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Nilesh Shevgaonkar replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"ऐसे😁😁"
5 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"अरे, ये तो कमाल  हो गया.. "
6 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"आदरणीय नीलेश भाई, पहले तो ये बताइए, ओबीओ पर टिप्पणी करने में आपने इमोजी कैसे इंफ्यूज की ? हम कई बार…"
6 hours ago
Nilesh Shevgaonkar replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"आपके फैन इंतज़ार में बूढे हो गए हुज़ूर  😜"
6 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post एक धरती जो सदा से जल रही है [ गज़ल ]
"आदरणीय लक्ष्मण भाई बहुत  आभार आपका "
9 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on गिरिराज भंडारी's blog post एक धरती जो सदा से जल रही है [ गज़ल ]
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। अच्छी गजल हुई है । आये सुझावों से इसमें और निखार आ गया है। हार्दिक…"
9 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post मौत खुशियों की कहाँ पर टल रही है-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति, उत्साहवर्धन और अच्छे सुझाव के लिए आभार। पाँचवें…"
10 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post एक धरती जो सदा से जल रही है [ गज़ल ]
"आदरणीय सौरभ भाई  उत्साहवर्धन के लिए आपका हार्दिक आभार , जी आदरणीय सुझावा मुझे स्वीकार है , कुछ…"
10 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - वो कहे कर के इशारा, सब ग़लत ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय सौरभ भाई , ग़ज़ल पर आपकी उपस्थति और उत्साहवर्धक  प्रतिक्रया  के लिए आपका हार्दिक…"
10 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - वो कहे कर के इशारा, सब ग़लत ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय गिरिराज भाईजी, आपकी प्रस्तुति का रदीफ जिस उच्च मस्तिष्क की सोच की परिणति है. यह वेदान्त की…"
11 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . . उमर
"आदरणीय गिरिराज भाईजी, यह तो स्पष्ट है, आप दोहों को लेकर सहज हो चले हैं. अलबत्ता, आपको अब दोहों की…"
12 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"आदरणीय योगराज सर, ओबीओ परिवार हमेशा से सीखने सिखाने की परम्परा को लेकर चला है। मर्यादित आचरण इस…"
12 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service