For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

अप्रैल फूल(हास्य व्यंग्य )

फूलों  को तू सूंघ मत, आज अप्रैल फूल|

हो सकता है फूल में, हो मिर्ची की धूल||

 

तू देख वतन पश्चिमी, कितने होते धूर्त| 
मूर्ख दिवस देकर हमें, कहते हमको  मूर्ख||

नेता को देखो सड़क, गलत कर रहा पार|

अंधे ने बाहें पकड़, बचा लिया सरकार||

 

हाथी बोला गर्व से, मैं तगड़ा ढीठ|

चूजा बोला  मैं बड़ा, बैठा तेरी पीठ||

 

नब्बे प्रतिशत मूर्ख हम, दस प्रतिशत बेकार| 

फिर मूर्खों के देश में, क्यों करते व्यापार||

 

कौवों  में प्रतियोगिता, रखते अपनी बात|

उल्लू बैठा सो रहा, जगता सारी रात||

 

बूढ़े तोतों से  भरी, देख पेड़ की डाल

युवा देखें टुकर-टुकर, मन में उठे सवाल

*******************************************

 

Views: 790

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by राजेश 'मृदु' on April 3, 2013 at 1:18pm

हाथी बोला गर्व से, मैं तगड़ा ढीठ|

चूजा बोला  मैं बड़ा, बैठा तेरी पीठ||

 हाथी तो समझा पर ये चूजा कौन है


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on April 3, 2013 at 9:03am

आदरणीय अशोक रक्ताले जी आपको ये दोहावली  पसंद आई इन दोहों में छुपे व्यंग्य से आप प्रभावित हुए लिखना सार्थक हुआ ह्रदय से आभारी हूँ 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on April 3, 2013 at 9:01am

जवाहर लाल सिंह जी आपको ये रचना पसंद आई इन दोहों में छुपे व्यंग्य से आप प्रभावित हुए लिखना सार्थक हुआ ह्रदय से आभारी हूँ 

Comment by Ashok Kumar Raktale on April 3, 2013 at 8:20am

बूढ़े तोतों से  भरी, देख पेड़ की डाल

युवा देखें टुकर-टुकर, मन में उठे सवाल........वाह! बहुत उम्दा.

बहुत सुन्दर दोहे आदरेया राजेश कुमारी जी सादर बधाई स्वीकारें.

Comment by JAWAHAR LAL SINGH on April 3, 2013 at 4:48am

आदरणीया राजेश कुमारी जी, सादर अभिवादन!

आपकी कविता हास्य से परिपूर्ण है पर इसके अंदर छुपे व्यंग्य हम सबको सोंचने पर मजबूर करते हैं . बहुत बहुत बधाई!


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on April 2, 2013 at 10:26pm

केवल प्रसाद जी हार्दिक आभार आपको दोहावली पसंद आई और  हास्य रसास्वादन  किया 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on April 2, 2013 at 10:24pm

राम शिरोमणि पाठक जी हार्दिक आभार आपको दोहावली पसंद आई |

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on April 2, 2013 at 6:40pm

आदरणीया, राजेश कुमारी जी, हंसाते, गुद-गुदाते सुन्दर दोहे। बहुत बहुत बधाई।

Comment by ram shiromani pathak on April 2, 2013 at 1:49pm

आदरणीया बहुत सुन्दर ढंग से बात कही आपने!आपको हार्दिक बधाई!


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on April 2, 2013 at 11:11am

प्रिय प्राची जी  हार्दिक  आभार आपको दोहे रुचिकर लगे मूर्खता दिवस की बधाई   स्वीकार की 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी commented on शिज्जु "शकूर"'s blog post ग़ज़ल: मुराद ये नहीं हमको किसी से डरना है
"आदरणीय सौरभ सर, मैं इस क़ाबिल तो नहीं... ये आपकी ज़र्रा नवाज़ी है। सादर। "
3 hours ago
Sushil Sarna commented on शिज्जु "शकूर"'s blog post ग़ज़ल: मुराद ये नहीं हमको किसी से डरना है
"आदरणीय जी  इस दिलकश ग़ज़ल के लिए दिल से मुबारकबाद सर"
3 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . . उमर
"आदरणीय गिरिराज जी सृजन आपकी मनोहारी प्रतिक्रिया और सुझाव  का दिल से आभार । प्रयास रहेगा पालना…"
3 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . . उमर
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी सृजन के भावों को मान और सुझाव देने का दिल से आभार । भविष्य के लिए  अवगत…"
3 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . लक्ष्य
"आदरणीय  अशोक रक्ताले जी सृजन को आत्मीय मान से सम्मानित करने का दिल से आभार । बहुत सुन्दर सुझाव…"
3 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on शिज्जु "शकूर"'s blog post ग़ज़ल: मुराद ये नहीं हमको किसी से डरना है
"आ. शिज्जू भाई,एक लम्बे अंतराल के बाद आपकी ग़ज़ल पढ़ रहा हूँ..बहुत अच्छी ग़ज़ल हुई है.मैं देखता हूँ तुझे…"
6 hours ago
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा सप्तक. . . लक्ष्य

दोहा सप्तक. . . . . लक्ष्यकैसे क्यों को  छोड़  कर, करते रहो  प्रयास । लक्ष्य  भेद  का मंत्र है, मन …See More
8 hours ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"आदरणीय योगराज जी, ओबीओ के प्रधान संपादक हैं और हम सब के सम्माननीय और आदरणीय हैं। उन्होंने जो भी…"
8 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on शिज्जु "शकूर"'s blog post ग़ज़ल: मुराद ये नहीं हमको किसी से डरना है
"आदरणीय अमीरुद्दीन साहब, आपने जो सुझाव बताए हैं वे वस्तुतः गजल को लेकर आपकी समृद्ध समझ और आपके…"
9 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . . उमर
"आदरणीय सुशील भाई , दोहों के लिए आपको हार्दिक बधाई , आदरणीय सौरभ भाई जी की सलाहों कर ध्यान…"
9 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया. . .
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी सृजन आपकी मनोहारी प्रशंसा से समृद्ध हुआ । "
10 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया. . .
"आदरणीय शिज्जू शकूर जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय जी "
10 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service