For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

मुझे तलाश है उस भोर  की ,जो नव दिव्य चेतना भर दे |

निज लक्ष्य  से ना हटें कभी 

अटूट  निश्चय पे डटें सभी 

ना सत्य वचन  से फिरें कभी 

ना निज मूल्यों से गिरें कभी 

जो गर्दन नीची कर दे 

मुझे तलाश है उस भोर  की ,जो नव दिव्य चेतना भर दे |

दूजों के दुःख अपनाएँ हम 

 अक्षत पुष्प बरसायें हम 

नेह  का निर्झर  बहायें हम

जग  के संताप मिटायें हम

भगवन ऐसा अवसर दे 

मुझे तलाश है उस भोर  की ,जो नव दिव्य चेतना भर दे |

प्रीत प्रकृति नव्य सृजन करे 

पूर्ण  समर्पित हिय भाव भरे 

तन मन  में सिमटी व्याधि हरे 

कलुषित कलंकित  भाव झरें 

मति संयत  उन्नत कर दे 

मुझे तलाश है उस भोर  की ,जो नव दिव्य चेतना भर दे |

नई शक्ति का समावेश हो 

अनुद्दत आचरण विशेष  हो 

ना आक्रोश  ना आवेश हो 

नव्यजीवन सूत्र विशेष हो 

नवगीतों में नव स्वर दे   

मुझे तलाश है उस उस भोर  की ,जो नव दिव्य चेतना भर दे |

***********************************************  

Views: 760

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on October 2, 2012 at 4:30pm

बहुत बहुत हार्दिक आभार अशोक कुमार रक्तेला जी 

Comment by Ashok Kumar Raktale on October 2, 2012 at 3:44pm

दूजों के दुःख अपनाएँ हम 

 अक्षत पुष्प बरसायें हम 

नेह  का निर्झर  बहायें हम

जग  के संताप मिटायें हम

भगवन ऐसा अवसर दे 

वाह! बहुत सुन्दर रचना.हार्दिक बधाई स्वीकारें.


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on September 25, 2012 at 8:32am

प्रिय विशाल चर्चित जी हार्दिक आभार आपको रचना पसंद आई 

Comment by VISHAAL CHARCHCHIT on September 25, 2012 at 12:42am

आलस्य एवं निराशा की नीरवता को तोड्ती हुई.......तन - मन के तारों को नव उमंग - नव उत्साह से झकझोरती हुई इस अत्यन्त उत्कृष्ट रचना को  नमन !!!!!


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on September 24, 2012 at 6:42pm

आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी आपकी प्रतिक्रिया से तो लेखनी को और उर्जा मिलती है मन प्रसन्न हो गया हार्दिक आभार 


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on September 24, 2012 at 1:04pm

इस ऊर्जस्वी और ओजस्वी रचना के लिये हार्दिक बधाई, आदरणीया राजेशजी.

सादर


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on September 23, 2012 at 8:26pm

प्रिय रेखा जी बहुत बहुत धन्यवाद आपको रचना पसंद आई स्नेह बनाए रखिये 

Comment by Rekha Joshi on September 23, 2012 at 7:53pm

नई शक्ति का समावेश हो 

अनुद्दत आचरण विशेष  हो 

ना आक्रोश  ना आवेश हो 

नव्यजीवन सूत्र विशेष हो 

नवगीतों में नव स्वर दे   

मुझे तलाश है उस उस भोर  की ,जो नव दिव्य चेतना भर दे |,अति सुंदर रचना आदरणीया राजेश जी ,हार्दिक बधाई 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on September 23, 2012 at 2:01pm

प्रिय प्राची जी आपकी बहुमूल्य प्रतिक्रिया के लिए हार्दिक आभार 


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on September 23, 2012 at 1:42pm
बहुत सुन्दर रचना आदरणीय राजेश कुमारी जी..
मुझे तलाश है उस भोर की, जो नव दिव्य चेतना भर दे...हार्दिक बधाई  

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186

ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 186 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का मिसरा आज के दौर के…See More
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"  क्या खोया क्या पाया हमने बीता  वर्ष  सहेजा  हमने ! बस इक चहरा खोया हमने चहरा…"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"सप्रेम वंदेमातरम, आदरणीय  !"
Sunday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Saturday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
Friday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
Dec 12
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Dec 10
anwar suhail updated their profile
Dec 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service