For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ये तो नही है
सपनों का भारत
देश ये मेरा

जला असम
कश्मीर में आग
सुलगे देश

आतंकवाद
का भारत देश में
है बोलबाला

भटक रहा
दर दर ईमान
फलता पाप

हुए पराये
हम भारत वासी
देश अपना

कोलगेट पे
मच रहा बवाल
है मुहं काला

ये तो नही है
सपनों का भारत
देश ये मेरा

Views: 570

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Er. Ambarish Srivastava on September 11, 2012 at 12:31pm

आदरेया रेखा जोशी जी, हाइकू रचने का बेहतर प्रयास किया है आपने ......बहुत बहुत बधाई.

Comment by MAHIMA SHREE on September 11, 2012 at 12:20pm

हाँ रेखा दी थोड़ी वयस्त थी .. संयोग से आज मेरे ऑफिस में ओबिओ की साईट खुल रही है ... वैसे हमेशा   ब्लाक रहती है .. पर आज मौका मिल गया ::)

Comment by Rekha Joshi on September 11, 2012 at 12:13pm

काफी समय बाद आप मंच पर आई महिमा जी ,हाइकू पसंद आने पर धन्यवाद ,आभार 

Comment by MAHIMA SHREE on September 11, 2012 at 12:06pm

अच्छे हायकू आदरणीया रेखा जी ..बधाई स्वीकार करें 

Comment by Rekha Joshi on September 11, 2012 at 12:05pm

आपका बहुत बहुत धन्यवाद भावेश  जी ,आभार 

Comment by Rekha Joshi on September 11, 2012 at 12:03pm

आदरणीय सौरभ जी ,कुछ सीखने के लिए मेहनत तो करनी पड़ती है ,आपका बहुत बहुत आभार 

Comment by Bhawesh Rajpal on September 11, 2012 at 10:17am

आदरणीय रेखा जी ,  बधाई !


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on September 11, 2012 at 10:16am

हाइकू पर बेहतर ज़ोर-आज़माइश हुई है, आदरणीय रेखाजी.

बधाई

Comment by Rekha Joshi on September 11, 2012 at 9:50am

धन्यवाद गौरव जी 

Comment by कुमार गौरव अजीतेन्दु on September 11, 2012 at 7:03am

आदरणीया रेखा जी........सब सुन्दर हाइकु.......और सार्थक भी......बधाई........

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sushil Sarna commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना
"वाह बहुत खूबसूरत सृजन है सर जी हार्दिक बधाई"
yesterday
Samar kabeer commented on Samar kabeer's blog post "ओबीओ की 14वीं सालगिरह का तुहफ़ा"
"जनाब चेतन प्रकाश जी आदाब, आमीन ! आपकी सुख़न नवाज़ी के लिए बहुत शुक्रिय: अदा करता हूँ,सलामत रहें ।"
Wednesday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166

परम आत्मीय स्वजन,ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 166 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का…See More
Tuesday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ पचपनवाँ आयोजन है.…See More
Tuesday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"तकनीकी कारणों से साइट खुलने में व्यवधान को देखते हुए आयोजन अवधि आज दिनांक 15.04.24 को रात्रि 12 बजे…"
Monday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, बहुत बढ़िया प्रस्तुति। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई। सादर।"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"आदरणीय समर कबीर जी हार्दिक धन्यवाद आपका। बहुत बहुत आभार।"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"जय- पराजय ः गीतिका छंद जय पराजय कुछ नहीं बस, आँकड़ो का मेल है । आड़ ..लेकर ..दूसरों.. की़, जीतने…"
Sunday
Samar kabeer replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"जनाब मिथिलेश वामनकर जी आदाब, उम्द: रचना हुई है, बधाई स्वीकार करें ।"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर posted a blog post

ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना

याद कर इतना न दिल कमजोर करनाआऊंगा तब खूब जी भर बोर करना।मुख्तसर सी बात है लेकिन जरूरीकह दूं मैं, बस…See More
Saturday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"मन की तख्ती पर सदा, खींचो सत्य सुरेख। जय की होगी शृंखला  एक पराजय देख। - आयेंगे कुछ मौन…"
Saturday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"स्वागतम"
Apr 13

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service