For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

खामोश हूँ

शांत सागर सी 
भीतर हलचल 
 
इक हूक 
सीने में उठती 
ज्वालामुखी सी 
 
प्यार किया 
दिल से चाहा
पर तन्हा 
 
काश कोई 
समझ पाता मुझे 
जी लेती 
 
लब खुले 
कुछ कहने को 
आवाज़ गुम
शब्द नही 
धड़कन में तुम
हूँ निशब्द  

Views: 720

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Rekha Joshi on September 3, 2012 at 6:19pm

फूल सिंह जी ,आपका बहुत बहुत आभार 

Comment by PHOOL SINGH on September 3, 2012 at 2:24pm

रेखा जी प्रणाम,

बहुत ही सुंदर व्याख्यान....

फूल सिंह

Comment by SURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMAR on August 9, 2012 at 12:42am

लब खुले 

कुछ कहने को 
आवाज़ गुम
शब्द नही 
धड़कन में तुम
हूँ निशब्द  
आदरणीय रेखा जी खूबसूरत प्यार के अहसास ....जब दिल ही बोल उठा तो जुबाँ तो मौन ही ....
जय श्री राधे ...आभार 
भ्रमर ५ 
Comment by अरुन 'अनन्त' on August 8, 2012 at 11:49am
शांत सागर सी 
भीतर हलचल
 वाह आदरणीया रेखा माँ क्या खूब, हार्दिक बधाई
Comment by Rekha Joshi on August 8, 2012 at 11:00am

आपका आभार ,आदरनीय अविनाश जी 

Comment by AVINASH S BAGDE on August 8, 2012 at 10:21am

शब्द नही 

धड़कन में तुम
हूँ निशब्द  ...khoob hai...wah.Rekha mam.
Comment by Rekha Joshi on August 6, 2012 at 9:46pm

आपका बहुत बहुत आभार राजेश जी 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on August 6, 2012 at 7:24pm

बहुत सुन्दर क्षणिकाएं बेहतरीन भाव बधाई रेखा जी 

Comment by Rekha Joshi on August 6, 2012 at 11:40am

उत्साहवर्धक कमेन्ट के लिए ,बहुत बहुत धन्यवाद ,आदरणीया डा प्राची जी 

Comment by Rekha Joshi on August 6, 2012 at 11:35am

आपका बहुत बहुत आभार संदीप जी 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
8 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार। पति-पत्नी संबंधों में यकायक तनाव आने और कोर्ट-कचहरी तक जाकर‌ वापस सकारात्मक…"
10 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदाब। सोशल मीडियाई मित्रता के चलन के एक पहलू को उजागर करती सांकेतिक तंजदार रचना हेतु हार्दिक बधाई…"
11 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार।‌ रचना पटल पर अपना अमूल्य समय देकर रचना के संदेश पर समीक्षात्मक टिप्पणी और…"
11 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदाब।‌ रचना पटल पर समय देकर रचना के मर्म पर समीक्षात्मक टिप्पणी और प्रोत्साहन हेतु हार्दिक…"
11 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, आपकी लघु कथा हम भारतीयों की विदेश में रहने वालों के प्रति जो…"
11 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय मनन कुमार जी, आपने इतनी संक्षेप में बात को प्रसतुत कर सारी कहानी बता दी। इसे कहते हे बात…"
11 hours ago
AMAN SINHA and रौशन जसवाल विक्षिप्‍त are now friends
11 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय मिथलेश वामनकर जी, प्रेत्साहन के लिए बहुत बहुत धन्यवाद।"
11 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय Dayaram Methani जी, लघुकथा का बहुत बढ़िया प्रयास हुआ है। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
13 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"क्या बात है! ये लघुकथा तो सीधी सादी लगती है, लेकिन अंदर का 'चटाक' इतना जोरदार है कि कान…"
14 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय Sheikh Shahzad Usmani जी, अपने शीर्षक को सार्थक करती बहुत बढ़िया लघुकथा है। यह…"
14 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service