For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

कब बदलोगे

कभी मस्जिद में ले चलना कभी मंदिर में आओ तुम
वहीँ से चर्च में चल देंगे मिलजुलकर हम और तुम
यह दर-ओ-दीवार मज़हव की कहीं आड़े न आ जाए
कहीं इंसानियत के फूल को कम्बखत खा जाए
बदलो सोच को अपनी झाँको दिल के बाहर भी
घटिया सोच के दायरे में कहीं हो जाएँ न हम गुम
यह मेरा दावा है गुरूद्वारे में भी राम बसते हैं
ज़रा तू मान ले यह बात दीपक 'कुल्लुवी' की भी सुन

दीपक कुल्लुवी
13 जून 2012 .
09350078399

Views: 387

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Deepak Sharma Kuluvi on July 19, 2012 at 5:41pm

HAM SABKO APNE ANTARMAN MEN JHANKNE KI ZAROORAT HAI..........

DHANYABAD

DEEPAK KULUVI

09350078399

Comment by SURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMAR on July 18, 2012 at 11:41pm

यह दर-ओ-दीवार मज़हव की कहीं आड़े न आ जाए
कहीं इंसानियत के फूल को कम्बखत खा जाए
बदलो सोच को अपनी झाँको दिल के बाहर भी 
घटिया सोच के दायरे में कहीं हो जाएँ न हम गुम 

प्रिय दीपक जी ..बहुत सुन्दर सन्देश देती रचना ...आइये अपने अंतर्मन में झांके और हम कितने पानी में हैं कितने खरे इस पर आंकें 

जय साईं ..
भ्रमर ५ 

 

Comment by Deepak Sharma Kuluvi on July 16, 2012 at 10:01am

shukriya

Rekha Ji,Albela ji,patel ji.....for appriciating  my Kab Badloge..

Comment by Rekha Joshi on July 14, 2012 at 7:15pm

दीपक जी ,अति सुंदर रचना ,बहुत बहुत बधाई 

Comment by Albela Khatri on July 14, 2012 at 12:15pm

बहुत सुन्दर रचना  दीपक कुल्लुवी जी
बधाई आपको.......
जय हो !

Comment by SANDEEP KUMAR PATEL on July 14, 2012 at 11:15am

बहुत सच्ची बात कही है आपने
जिसकी सल्तनत तिनके तिनके में है उसे कहाँ ढूंढते भटकते हैं
खुद तो भटकते हैं दूसरों को भी भटकाते हैं
उसे तो जहां देखो वो ही वो है
उसके अतिरक्त है कौन
कोई भी नहीं
कोई भी नहीं

आपको सादर बधाई

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on Ravi Shukla's blog post तरही ग़ज़ल
"क्या ही शानदार ग़ज़ल कही है आदरणीय शुक्ला जी... लाभ एवं हानि का था लक्ष्य उन के प्रेम मेंअस्तु…"
19 hours ago
बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post गीत-आह बुरा हो कृष्ण तुम्हारा
"उचित है आदरणीय अजय जी ,अतिरंजित तो लग रहा है हालाँकि असंभव सा नहीं है....मेरा तात्पर्य कि…"
19 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Ravi Shukla's blog post तरही ग़ज़ल
"आदरणीय रवि भाईजी, इस प्रस्तुति के मोहपाश में तो हम एक अरसे बँधे थे. हमने अपनी एक यात्रा के दौरान…"
23 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"आ. चेतन प्रकाश जी,//आदरणीय 'नूर'साहब,  मेरे अल्प ज्ञान के अनुसार ग़ज़ल का प्रत्येक…"
23 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - यहाँ अनबन नहीं है ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय गिरिराज भाईजी, आपकी प्रस्तुति पर आने में मुझे विलम्ब हुआ है. कारण कि, मेरा निवास ही बदल रहा…"
23 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"धन्यवाद आ. लक्ष्मण धामी जी "
23 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"धन्यवाद आ. अजय गुप्ता जी "
23 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"आदरणीय अजय अजेय जी,  मेरी चाचीजी के गोलोकवासी हो जाने से मैं अपने पैत्रिक गाँव पर हूँ।…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी,   विश्वासघात के विभिन्न आयामों को आपने शब्द दिये हैं।  आपके…"
yesterday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180

परम आत्मीय स्वजन,ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 180 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का…See More
yesterday
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"विस्तृत मार्गदर्शन और इतना समय लगाकर सभी विषयवस्तु स्पष्ट करने हेतू हार्दिक आभार आदरणीय सौरभ जी।…"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"आ. भाई अजय जी, सादर अभिवादन। दोहों पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए आभार। पंचकल त्रिकल के प्रयोग…"
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service