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“जिन्दगी का गीत”

रास्तों में मुश्किलें हैं आज इनसे होड़ ले.

जिन्दगी भी रेस है तू दम लगा के दौड़ ले.

 

मंजिलें अलग-अलग हैं रास्ते जुदा-जुदा, 

गर तू पीछे रह गया तो साथ देगा क्या खुदा,

हिम्मतों  से काम लेके रुख हवा का मोड़ ले.

जिन्दगी भी रेस है तू दम लगा के दौड़ ले.

 

रास्तों में मुश्किलें हैं आज इनसे होड़ ले................

 

हाथ-पांव साथ देंगें रोज इम्तेहान दे, 

उड़ चलेगा हौसले बुलंद रख के ध्यान दे,

चमचमाते तारे आज आसमां से तोड़ ले.

जिन्दगी भी रेस है तू दम लगा के दौड़ ले...............

 

--अम्बरीष श्रीवास्तव

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Comment by CA (Dr.)SHAILENDRA SINGH 'MRIDU' on July 13, 2012 at 10:16pm

आदरणीय अम्बरीष सर गीत को पढके  हौंसला स्वतः बुलंद हो जाये और बिल्कुल सही कहा आपने कि

हिम्मतों  से काम लेके रुख हवा का मोड़ ले. 

क्यूंकि  किसी ने कहा है कि  कदम चूम लेती है खुद आके मंजिल मुसाफिर अगर अपनी हिम्मत  न हारे

आपकी इस चमत्कृत और संदेशपरक कृति के लिए नमन और कोटि कोटि बधाई

Comment by Er. Ambarish Srivastava on July 13, 2012 at 4:21pm

स्वागत है मित्र संदीप जी ....तथास्तु !

Comment by SANDEEP KUMAR PATEL on July 13, 2012 at 4:17pm

आपका एक बार पुनः बहुत बहुत आभार सर जी स्नेह यूँ ही बना रहे
स्नेह और ज्ञान मिलता रहे

Comment by Er. Ambarish Srivastava on July 13, 2012 at 3:35pm

स्वागत है रेखा जी ! इस जोरदार  प्रतिक्रिया के लिए आपका हार्दिक आभार .......सादर

Comment by Rekha Joshi on July 13, 2012 at 3:30pm

आदरणीय अम्बरीश जी ,

हाथ-पांव साथ देंगें रोज इम्तेहान दे, 

उड़ चलेगा हौसले बुलंद रख के ध्यान दे,

चमचमाते तारे आज आसमां से तोड़ ले.

जिन्दगी भी रेस है तू दम लगा के दौड़ ले.,बुलंद हौंसले और जोश से भरी रचना पर हार्दिक बधाई 

Comment by Er. Ambarish Srivastava on July 13, 2012 at 11:52am

भाई अरुण जी, इस रचना को सराहने के लिए आपका हार्दिक शुक्रिया ......सस्नेह 

Comment by अरुन 'अनन्त' on July 13, 2012 at 11:24am

भ्राताश्री,
बेहद खुबसूरत रचना, अति सुन्दर हौंसलों को बढाती हुई रचना.

Comment by Er. Ambarish Srivastava on July 13, 2012 at 10:56am

स्वागत है आदरणीय राजेश कुमारी जी.......गीत पर अपनी अनमोल प्रतिक्रिया देने के लिए आपके प्रति हार्दिक आभार .....सादर

Comment by Er. Ambarish Srivastava on July 13, 2012 at 10:54am

स्वागतम मित्र लक्ष्मण जी !  प्रतिक्रिया के माध्यम से उत्साहवर्धन के लिए आपका आभार ......मित्र .....जय ओ बी ओ ......

Comment by Er. Ambarish Srivastava on July 13, 2012 at 10:52am

स्वागत है डॉ०  प्राची जी, इस गीत की सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार...आप जैसी विदुषी की प्रतिक्रिया पाकर यह सृजन सार्थक हुआ  ....सादर

कृपया ध्यान दे...

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