For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

५-जून ( विश्व पर्यावरण दिवस के उपलक्ष्य में)

५-जून ( विश्व पर्यावरण दिवस के उपलक्ष्य में)

****************************************************
पर्यावरणिक तंत्र है, सात सुरों का राग.
भू, अम्बर, जल तत्व सब, अन्तः गर्भित भाग.
****************************************************
भूधर,जलधर, वायुधर,सब की बदली चाल.
जड़ चेतन सब कांपते, हो दूषित बदहाल.
****************************************************
क्षत विक्षत जल 'औ' धरा , बदल रही जलवायु.
सुख संसाधन बड़ रहे,  घटी मनुज की आयु.
****************************************************
प्रकृति करे अनुनय विनय,सुन लो करुण पुकार.
रक्षा की कर याचना, माँग रही है प्यार.
****************************************************
डॉ. प्राची

Views: 719

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on June 6, 2012 at 10:54pm

आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी

प्रकृति की अनुनय विनय.. इसका मात्रिक दोष तो मै जान गयी थी, पर रक्षा में आधे क का मात्रिक भार र पर पढ़ रहा है, ये तो मैंने नहीं सोचा था...
क्या यही नियम "त्र" व "ज्ञ" के लिए भी लागू होते हैं...?

सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on June 6, 2012 at 10:27pm

डा प्राची, आपकी जिज्ञासा और भाई आशीष के सुझाव पर हार्दिक प्रसन्नता हुई. वस्तुतः इंगित छंदों में मात्रिक दोष ही है.

क्षत विक्षत जल और धरा = ११२११११२११२ = १४

प्रकृति की अनुनय विनय= १११ २ ११११ १११ = १२

रक्षा की करे याचना = २२ २१२२१२ = १४

देखिये, यदि मैं यथोचित कह पाया.  सधन्यवाद.


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on June 6, 2012 at 8:18pm
हार्दिक आभार आदरणीया राजेश कुमारी जी  

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on June 6, 2012 at 4:41pm

बहुत सुन्दर सार्थक दोहे रचे हैं प्राची जी हार्दिक बधाई 


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on June 6, 2012 at 12:50pm

हार्दिक आभार आशीष यादव जी


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on June 6, 2012 at 12:50pm

हार्दिक आभार आदरणीय सूर्या बाली जी

Comment by डॉ. सूर्या बाली "सूरज" on June 6, 2012 at 12:47pm

प्राची जी सादर अभिवादन ! आपने प्रकृति की पीड़ा को इन चार दोहों के माध्यम से व्यक्त कर दिया। ये अद्भुत है। बहुत सुंदर दोहे रचे हैं आपने। प्रकृति सरक्षण में इनका विशेष योगदान रहेगा। पर्यावरण  दिवस सभी को मुबारक हो !! बहुत बहुत बधाई !!


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on June 6, 2012 at 9:39am
आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी,
इस प्रयास को सराहने के लिए आपका हार्दिक आभार.
आग्रह है,  आप रेफ व पदेन की मात्रा तथा अर्धवर्णाक्षरों  की मात्रा गणना को कृपया स्पष्ट करने का कष्ट करें, ताकि नव रचनाकार इस आवश्यक बिंदु को स्पष्टता से ग्रहण कर सकें, व भविष्य में इस कारण होने वाली त्रुटियों को दूर किया जा सके.
आपका पुनः हार्दिक आभार.
सादर

सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on June 6, 2012 at 9:22am
बहुत बहुत आभार आदरणीय अलबेला खत्री जी 
आपने इन दोहों को सराह कर मेरा उत्साह बढाया है. पुनः आभार. 
Comment by आशीष यादव on June 6, 2012 at 7:57am
सारे दोहे बहुत अच्छे लगे। काफी खूबसूरती से लिखा है आपने। बधाई स्वीकारिये।
आदरणीय सौरभ सर, कृपया दोषयुक्त चरणोँ को चिन्हित कर दीजिए जिससे हम लोग भी समझ सकेँ।
सादर

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"जी आभार नई जानकारी प्राप्त हुई।"
5 minutes ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय अमीर जी सादर प्रणाम। ग़ज़ल तक आने व प्रतिक्रिया हेतु बहुत बहुत आभार आपका।"
6 minutes ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दिनेश जी, अच्छी ग़ज़ल हुई। बधाई स्वीकार करें।"
26 minutes ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय अमीर जी, अच्छी ग़ज़ल हुई। बधाई स्वीकार करें।"
28 minutes ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय प्रेम जी, ग़ज़ल का अच्छा प्रयास हुआ। बधाई स्वीकार करें।"
30 minutes ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय चेतन जी, ग़ज़ल का अच्छा प्रयास हुआ। बधाई स्वीकार करें।"
31 minutes ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीया ऋचा जी, अच्छी ग़ज़ल हुई। बधाई स्वीकार करें।"
33 minutes ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय लक्ष्मण जी, अच्छी ग़ज़ल हुई। बधाई स्वीकार करें।"
34 minutes ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय अमित जी, अच्छी ग़ज़ल हुई। बधाई स्वीकार करें। "
35 minutes ago
Admin posted a discussion

"ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)

आदरणीय साथियो,सादर नमन।."ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 में आप सभी का हार्दिक स्वागत है। आइए…See More
1 hour ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय अमीर जी आभार संज्ञान लेने के लिए आपका सादर"
1 hour ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय मिथिलेश जी बहुत शुक्रिया आपका हौसला अफ़ज़ाई के लिए सादर"
1 hour ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service