For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

संकुचित पर्यावरण हो रहा बाबाजी

यह जो शहरीकरण हो रहा बाबाजी

हरियाली का  हरण हो रहा बाबाजी

चीलें, कौए, चिड़ियाँ, तोते, तीतर संग
वनजीवन का मरण हो रहा बाबाजी

भौतिक सुविधाओं को तो विस्तार मिला
संकुचित पर्यावरण हो रहा बाबाजी

पेड़ काट कर, मानव मानो अपनी ही
हत्या का उपकरण हो रहा बाबाजी

इसका दुष्परिणाम देखिये घर-घर में
रोगों का अवतरण हो रहा बाबाजी

ख़बरदार ! कुदरत का क्रोध रुला देगा
उसके विरुद्ध आचरण हो रहा बाबाजी

तुम मेरी आँखों से देखो "अलबेला"
सकल सृष्टि का क्षरण हो रहा बाबाजी


JAI HIND !

Views: 758

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Nilansh on June 7, 2012 at 12:43am

पेड़ काट कर, मानव मानो अपनी ही 
हत्या का उपकरण हो रहा बाबाजी 

इसका दुष्परिणाम देखिये घर-घर में 
रोगों का अवतरण हो रहा बाबाजी 

 

albela ji aapki ghazal ke liye bahut badhai

aur ek acchi udaharan ko darshati hui is rachna ke liye saadhuvad

Comment by आशीष यादव on June 7, 2012 at 12:38am
बहुत ही अच्छी गज़ल की रचना। बहुत अच्छी बताया आपने इस कृति मेँ। बधाई स्वीकारेँ
Comment by Albela Khatri on June 6, 2012 at 11:22pm

धन्यवाद रेखा जोशी जी.............हार्दिक हार्दिक आभार आपकी सराहना के लिए

Comment by Albela Khatri on June 6, 2012 at 11:20pm

बन्धुवर उमाशंकर  मिश्रा जी, आपके शब्दों ने बड़ा उत्साह दिया है .
आभार.........दिली शुक्रिया

Comment by UMASHANKER MISHRA on June 6, 2012 at 11:08pm

अत्यंत जागरूकता भरा काव्य 

एक बहुत ही  जरुरी अभियान को पंख लगाती कविता 

पूरी दुनिया को सीख देती है ,कटु सत्य परन्तु  पूरी दुनिया पर व्यंग करती रचना 

भाई अलबेला जी हार्दिक स्नेह युक्त बधाई 

Comment by Rekha Joshi on June 6, 2012 at 10:43pm

Albela ji ,

पेड़ काट कर, मानव मानो अपनी ही 
हत्या का उपकरण हो रहा बाबाजी ,baba ji bahut khub likha hae ,badhai 

Comment by Albela Khatri on June 6, 2012 at 6:20pm

आपकी बधाई  सहेज ली है  राजेश कुमारी जी
धन्यवाद ......
आभार  इस प्रोत्साहन के लिए


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on June 6, 2012 at 4:36pm

यह भी शानदार   जानदार  पीस है बाबाजी ...बहुत बहुत बधाई 

Comment by Albela Khatri on June 6, 2012 at 2:06pm

aapka dhnyavaad Pradeep Kumar Singh Kushwaha ji.........

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on June 6, 2012 at 1:29pm

शाश्वत मूल्यों का क्षरण हो रहा बाबा जी.

बधाई.

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186

ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 186 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का मिसरा आज के दौर के…See More
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"  क्या खोया क्या पाया हमने बीता  वर्ष  सहेजा  हमने ! बस इक चहरा खोया हमने चहरा…"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"सप्रेम वंदेमातरम, आदरणीय  !"
Sunday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Saturday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
Friday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
Friday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Dec 10
anwar suhail updated their profile
Dec 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service