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एक गाना प्यार का ...

सांस  में सुर सनसनाना प्यार का
ज़िन्दगी है  ताना बाना  प्यार का

मौत से कह दूंगा, रुक जा दो घड़ी
आने वाला है  ज़माना  प्यार का

यों तो हर मौसम का अपना रंग है
पर लगे मौसम सुहाना प्यार का

उफ़ जवानी का ये आलम जानेमन
और उस पर उमड़ आना  प्यार का

चीज  है अनमोल, पर बाज़ार में
नहीं मिलेगा चार आना प्यार का

बैठे ठाले यों ही कुछ कुछ लिख दिया
ख़ुद-ब-ख़ुद बन बैठा गाना प्यार का 

है मुकद्दरमन्द जिसको मिल गया
ज़िन्दगी में गुनगुनाना प्यार का

उस घड़ी मत रोकना "अलबेला" को
जब लबों पर हो तराना प्यार का

_______JAI HIND

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Comment

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Comment by Albela Khatri on May 30, 2012 at 11:12pm

आपका लाख लाख शुक्रिया  सौरभ पाण्डेय जी,
आपकी सराहना से  मेरी लेखनी को बल मिला है
जय हो !


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on May 30, 2012 at 10:59pm

उफ़ जवानी का ये आलम जानेमन
और उस पर उमड़ आना प्यार का

उस घड़ी मत रोकना "अलबेला" को
जब लबों पर हो तराना प्यार का

बहुत सुन्दर .. अलबेला जी.  आपकी ग़ज़ल अच्छी लगी. .. प्यार भरी !

Comment by Albela Khatri on May 30, 2012 at 10:43pm

आदरणीय उमाशंकर मिश्रा जी, आपने प्यार से देखा इस प्यार की  रचना को मेरे लिए इससे प्यारी बात और क्या हो सकती है..........आपका प्यार ज़िन्दाबाद !

सराहना के लिए दिली शुक्रिया

Comment by UMASHANKER MISHRA on May 30, 2012 at 10:23pm

प्यार भरी प्यारी रचना भाई अलबेला खत्री जी

बहुत बढिया रचना है |वाह वाह ही  कर सकते हैं|

इतनी सुन्दर रचना के लिए ..धन्यवाद

Comment by Albela Khatri on May 30, 2012 at 10:04pm

प्यार चीज़ ही ऐसी है  राजेश कुमारी जी,  इस पर सदियों से लिखा जा रहा है और आगे भी लिखा जाएगा  परन्तु  नित्य नये  अन्दाज़ मिलते रहेंगे कहन को..................बहरहाल आपने रचना को सराहा  तो  उतना सुकून और  आनन्द मिला  जितना  पद्मश्री  के अधिकारी को पद्मभूषण प्राप्त होने पर मिलता है
आपकी  सराहना महत्व रखती है . शुक्रिया............. जय हिन्द !


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on May 30, 2012 at 9:57pm

इस अकेले शेर ने ही सारे नंबर लूट लिए क्या बात है बहुत सुन्दर ग़ज़ल लिखी है 

मौत से कह दूंगा, रुक जा दो घड़ी 
आने वाला है  ज़माना  प्यार का 

Comment by Albela Khatri on May 30, 2012 at 5:02pm

बहुत बहुत शुक्रिया  "बागी" जी
नमन आपको


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on May 30, 2012 at 4:56pm

//यों तो हर मौसम का अपना रंग है
पर लगे मौसम सुहाना प्यार का//

बिलकुल सटीक कहन, बहुत ही खुबसूरत ग़ज़ल, बहुत बहुत बधाई आदरणीय खत्री साहिब |

Comment by Albela Khatri on May 30, 2012 at 3:17pm

आपका  हार्दिक धन्यवाद  प्रदीप कुमार  सिंह कुशवाहा  जी,
हम प्यार का तराना  गायेंगे साथ साथ
मौसम-ए-आशिकाना लाएंगे साथ साथ

जय हो आपकी......बहुत बहुत  शुक्रिया 

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on May 30, 2012 at 3:03pm

आदरणीय अलबेला जी, सादर 

उस घड़ी मत रोकना "अलबेला" को 
जब लबों पर हो तराना प्यार का 
कतई नहीं रोकेंगे , हम भी प्यार का तराना साथ साथ गायेंगे. बधाई 

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