For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

कुछ हाइकु 

(१)
मंदिर द्वारे 
 जीवन अभिशाप 
 देव दासी का
 (२)
लाख पहरे 
 खोल कर खिड़की 
  उड़ा परिंदा 
(३)
निगल रहा 
 आदमी को आदमी 
 अजगर सा 
 (४)
हजारों जख्म 
  जिन्दगी की पीठ पे 
  रिश्ते खंज़र
(५)
प्रथम स्पर्श 
  स्निग्ध  मंद  हवा  सा 
   प्रियतम का 
(६)
आँखों की खुश्बू
   गंधीले कर देती 
    जीवन क्षण 
(७)
मन चेतना 
  जीवन बदलती 
   मूल चेतना 

Views: 552

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by मनोज कुमार सिंह 'मयंक' on March 14, 2012 at 7:57am

निगल रहा...आदमी को आदमी...अजगर सा ...आदरणीय आशा जी वैसे तो हाइकू एक जापानी काव्य विधा है और अभिवयक्ति के हिसाब से २०/२० जैसा ही है किन्तु शेक्सपीयर के अनुसार संक्षिप्तता ही काव्य की आत्मा है ..और मुझे भी यह ठीक ही जान पड़ता है ....सतसैया के दोहरे ज्यों नाविक के तीर की तरह आपकी हृदयस्पर्शी हाइकू पर मैं क्या ..बस सुन्दर,सुन्दर,सुन्दर भाई|

Comment by Harish Bhatt on March 6, 2012 at 8:02am

आदरणीय आशा जी प्रणाम

बहुत ही शानदार.............   लाख पहरे,  खोल कर खिड़की ,  उड़ा परिंदा

हार्दिक बधाई


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on February 29, 2012 at 6:48am

आदरणीया आशाजी, आपके सद्-प्रयास से हाइकू विधा की सभी प्रविष्टियाँ उच्च श्रेणी की हैं.

सादर बधाइयाँ

Comment by Abhinav Arun on February 28, 2012 at 12:51pm

अति सुन्दर और प्रभावपूर्ण हाइकू आदरणीया आशा जी हार्दिक बधाई आपको !!

निगल रहा 
 आदमी को आदमी 
 अजगर सा 
 (४)
हजारों जख्म 
  जिन्दगी की पीठ पे 
  रिश्ते खंज़र
great aasha di congrats !!
Comment by UMASHANKER MISHRA on February 26, 2012 at 10:22pm

बहुत बढिया 

दार्शनिक है  हाइकु 

मंदिर द्वारे 

 जीवन अभिशाप 
 देव दासी का



मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on February 25, 2012 at 5:39pm

बहुत ही सुन्दर और शिल्प पर खरे हाइकु , बधाई आशा दी |

Comment by asha pandey ojha on February 24, 2012 at 3:18pm

aap sabhi ka hardik dhnywaad 

Comment by AVINASH S BAGDE on February 23, 2012 at 10:35am

३ निगल रहा 

 आदमी को आदमी 
 अजगर सा 
 ४ हजारों जख्म 
  जिन्दगी की पीठ पे 
  रिश्ते खंज़र.....आशा जी बहुत खूबसूरत हाइकू ......khs kar ye do.

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on February 23, 2012 at 9:14am

laajabaab haiku Aasha ji.

Comment by Er. Ambarish Srivastava on February 22, 2012 at 8:14pm

//निगल रहा 

 आदमी को आदमी 
 अजगर सा//
आदरणीया आशा जी बहुत खूबसूरत हाइकू रचे  हैं  आपने !  बहुत बहुत बधाई आपको !

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186

ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 186 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का मिसरा आज के दौर के…See More
8 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"  क्या खोया क्या पाया हमने बीता  वर्ष  सहेजा  हमने ! बस इक चहरा खोया हमने चहरा…"
8 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"सप्रेम वंदेमातरम, आदरणीय  !"
9 hours ago
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
yesterday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
Friday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
Friday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Wednesday
anwar suhail updated their profile
Dec 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service