For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

 दिल लगाया.

वादे बहुत किये.

मोल चुकाया! 

*

बाज,बाज है.

गिद्ध, ' दृष्टि' रखता.

चालबाज है.

*

अजगर भी.

बैठ-बैठ के खाते.

अफसर भी! 

*

रंग-बिरंगी.

गलियाँ जीवन की.

बड़ी बेढंगी!

*

खून खौलता.

मुट्ठियाँ भींच जाती.

मुख बोलता.

*

अविनाश बागडे.

Views: 394

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by AVINASH S BAGDE on February 23, 2012 at 10:51am

Ashutosh ji,rajesh kumari mam,Asha pandey oja mam,v Abhinav ji...sabka aabhar.

Comment by AVINASH S BAGDE on February 23, 2012 at 10:49am

Bhai Ganesh ji BAGI,..

MERE HAIKU PAR SAKARATMK COMMENTS V HOUSALA AFAJAI HETU AABHAR HRIDAY SE.


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on February 22, 2012 at 9:36pm

ये हुई ना बात, हाईकू शिल्प पर बिलकुल खरी रचना , कथ्य भी उम्दा , सभी पक्तियां स्वतंत्र , वाह वाह वाह, गज़ब, बहुत ही खुबसूरत रचना, बधाई आपको ।

Comment by Abhinav Arun on February 17, 2012 at 1:45pm

जीवन और जगत की विसंगतियों को उजागर कर उनपर कटाक्ष करते इन हाइकू के लिए हार्दिक साधुवाद अविनाश जी |


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on February 17, 2012 at 1:26pm

sabhi haaiku jabardast hain.

Comment by asha pandey ojha on February 16, 2012 at 4:24pm

 sashakt haiku 

Comment by AVINASH S BAGDE on February 12, 2012 at 5:23pm

सौरभ जी ,

अंतस की जिन गहराइयों के साथ आप रचनाओं की   समीक्षा करते है उस स्नेह-भाव का मै ह्रदय से कायल हूँ.



सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on February 12, 2012 at 4:55pm

आदणीय अविनाश भाईजी, आपके हाइकुओं ने मुग्ध कर दिया.  पाँच की पाँचों हाइकू कथ्य, शिल्प और प्रभाव हर तरह से उन्नत. किस एक की कहूँ !?

फिर भी, जिसने बहुत अधिक प्रभावित किया, वे हैं -

बाज,बाज है.
गिद्ध, ' दृष्टि' रखता.
चालबाज है.   .........  

ईशावास्य उपनिषद की अमृत पंक्ति का बरबस स्मरण हो आता है - तेन त्यक्तेन भुञ्जीथा, मा गृद्धः कस्यस्विद्धनम् !!

*

अजगर भी.
बैठ-बैठ के खाते.
अफसर भी!

हा हा हा हा...   मलूक बाबा के समकक्ष बैठने का विचार हो आया है क्या, सर ?

इन हाइकुओं के लिये बहुत-बहुत बधाई, आदरणीय अविनाश भाईजी.

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186

ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 186 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का मिसरा आज के दौर के…See More
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"  क्या खोया क्या पाया हमने बीता  वर्ष  सहेजा  हमने ! बस इक चहरा खोया हमने चहरा…"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"सप्रेम वंदेमातरम, आदरणीय  !"
Sunday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Saturday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
Friday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
Dec 12
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Dec 10
anwar suhail updated their profile
Dec 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service