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अच्छी ग़ज़ल है ज्यनीत जी बहुत बहुत बधाई |
मतले में आईना में ना की मात्रा नहीं गिरा सकते मेरे ख़याल से इस मिसरे को खुद गाकर पढ़े क्या आइन धोखा नहीं आ रहा
मकते में उला की बह्र भी जांच लें |
आदरणीय जयनित भाई , अच्छी ग़ज़ल हुई है , दिल से बदाइयाँ आपको । मतले का उला शायद बेबह्र हो , इजाफत की मात्रा 1 लीजाती है , ऐसा मेरा खयाल है , पता कर लीजियेगा ।
नहीं छोड़ेगी पीछा मरते दम तक,
कहाँ तक ज़िन्दगी से भागियेगा।
निहत्था आफ़ताब आया फ़लक पर,
अभी हमला भी होगा बादलों का।
बहुत खूबसूरत अशअार हैं अादरणीय .... हार्दिक बधाई इस खूबसूरत प्रस्तुति के लिए कबूल फरमाएं।
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