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फिर से जन्म लेकर आऊंगा !

हुए न लक्ष्य पूर्ण किन्तु
मृत्यु द्वार आ गयी ,
देखकर मृत्यु को हाय !
ज़िंदगी घबरा गयी ,
हूँ नहीं विचलित मगर मैं ,
मृत्यु से टकराउँगा !
लक्ष्य पूरे करने फिर से
जन्म लेकर आऊंगा !
.....................................
छोड़ दूंगा प्राण पर
प्रण नहीं तोड़ूँगा मैं ,
अपनी लक्ष्य-प्राप्ति से
मुंह नहीं मोड़ूँगा मैं ,
है विवशता देह की
त्याग दूंगा मैं अभी ,
पर नहीं झुक पाउँगा
मृत्यु के आगे कभी ,
मैं पुनः नई देह में
धरती पर आ जाऊंगा !
लक्ष्य पूरे करने फिर से
जन्म लेकर आऊंगा !
.......................................
जन्म-मृत्यु क्रम निरंतर
सृष्टि का है चल रहा ,
देह पलटकर प्राण किन्तु
रूप नए धर रहा ,
सब अधूरे कर्म पूरे
कर रहा जो अंश है ,
उस परम -सत्ता का ये
तेजधारी वंश है ,
जन्म-मृत्यु-जन्म चक्र
मैं भी नित निभाउंगा !
लक्ष्य पूरे करने फिर से
जन्म लेकर आऊंगा !

शिखा कौशिक 'नूतन'

[घोषणा -यह रचना मौलिक व् अप्रकाशित है ]

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Comment

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Comment by shikha kaushik on May 29, 2015 at 1:05pm

आदरणीय-केवल जी , मनोज जी , नीरज जी , मिथिलेश जी , समर जी , कृष्ण जी , मोहन जी , गोपाल नारायण जी व् श्री सुनील जी -उत्साहवर्धन हेतु आप सभी का हार्दिक आभार .

Comment by shree suneel on May 29, 2015 at 9:46am
मैं पुनः नई देह में
धरती पर आ जाऊंगा !
लक्ष्य पूरे करने फिर से
जन्म लेकर आऊंगा !... लक्ष्य के प्रति दृढ़ता का संदेश देती ये सुन्दर प्रस्तुति है आदरणीया शिखा जी. बधाई आपको.
Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on May 28, 2015 at 12:13pm

बहुत बहुत बधाई  .

Comment by Mohan Sethi 'इंतज़ार' on May 28, 2015 at 8:50am

इस सुंदर रचना के लिये बधाई 

Comment by Krish mishra 'jaan' gorakhpuri on May 28, 2015 at 7:15am
सुन्दर कविता!बधाई!
Comment by Samar kabeer on May 27, 2015 at 11:01pm
मोहतरमा शिखा कौशिक जी,आदाब,आपने अपने ख़याल को अच्छे शब्दों में पिरोया है,बहुत अच्छी लगी आपकी कविता,दाद के साथ मुबारकबाद क़ुबूल फ़रमाऐं ।

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by मिथिलेश वामनकर on May 27, 2015 at 10:55pm

बहुत बढ़िया प्रस्तुति 

हार्दिक बधाई आदरणीया शिखा जी 

Comment by Neeraj Neer on May 27, 2015 at 10:29pm

बहुत सुंदर भावों से लबरेज .... 

Comment by मनोज अहसास on May 27, 2015 at 10:13pm
खूबसूरत कविता
Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on May 27, 2015 at 10:05pm

दृढ्ता व आत्मविश्वास से परिपूर्ण कविता के हार्दिक बधाई .  आ0 नूतन जी.

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