For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

तुम्हारा घोंसला

जैसे तुमने

तिनका तिनका जोड़ कर

धीरे-धीरे, बनाया अपना घोंसला

वैसे ही

तुमको देख-देख कर

बढ़ता रहा, मेरा भी हौसला

तुम एक- एक दाना चुग कर लायीं

अपने बच्चों को भोजन कराया

मैंने भी, वेसे ही खेतों में फसल लगायीं

दिन रात श्रम कर अन्न उगाया

धीरे धीरे रेत,बजरी ,सीमेंट ले आया

एक- एक ईंट जोड़कर

अपने सपनों का महल बनाया

जिस तरह तुमने अपने बच्चों को

उनके पैरों पर खड़ा किया

उड़ना सिखाया , उड़ा दिया, विदा किया  

मैंने भी अपनी बिटिया को

पढ़ा –लिखा कर बड़ा किया

तुम्हारी प्रेरणा दे ,उसको ससुराल, विदा किया

अब अपने घर में, मैंने रख लिया है

वो खाली पड़ा तुम्हारा घोंसला

जिसे देख-देख कर

रोज बढाता रहता हूँ

अपने जीवन जीने का हौसला !!

© हरि प्रकाश दुबे

"मौलिक व अप्रकाशित"

Views: 1161

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Hari Prakash Dubey on December 16, 2014 at 8:27pm

 सोमेश भाई आपका हार्दिक धन्यवाद  !

Comment by Hari Prakash Dubey on December 16, 2014 at 8:22pm

आदरणीय  श्री गणेश जी "बागी जी,

सादर अभिवादन !

" कविता : तुम्हारा घोंसला" को "महीने की सर्वश्रेष्ठ रचना" के रूप मे सम्मानित किये जाने पर आपका एवं संपूर्ण सम्पादक मण्डल का  हार्दिक आभार, इधर संस्था के कार्यों से 5 दिसम्बर से एक ट्रेनिंग प्रोग्राम एवं सम्मलेन में बाहर जाना पडा एवं आज ही घर वापसी हुई है ,अत्यधिक व्यस्त कार्यक्रम होने के  कारण इस मंच पर सक्रिय भी नहीं रह पाया ,पर आज यह सम्मान पाकर हार्दिक प्रसन्नता हो रही है इस स्वीकारोक्ति के साथ ,की मैं साहित्यिक  रूप से सम्रध नहीं हूँ ,पर आप सभी ने बावजूद इसके रचना को इस योग्य समझा ये प्रेरणादायक है ,आपका पुनः धन्यवाद |

सादर

हरि प्रकाश दुबे  


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on December 16, 2014 at 2:28pm

संवेदना और प्रेरणा के स्तर पर सार्थक समानान्तर दृश्य प्रस्तुत हुए हैं. आपकी प्रस्तुति पर हार्दिक बधाई तथा अनेकानेक शुभकामनाएँ, आदरणीय हरी प्रकाश जी.


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on December 16, 2014 at 10:26am

एक बार फिर से इस मर्मस्पर्शी सकारात्मक सोच को जन्मती रचना हेतु हार्दिक बधाई |


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by मिथिलेश वामनकर on December 16, 2014 at 12:54am

सुंदर भावपूर्ण बेहतरीन रचना ... बेहतरीन रचना को बेहतरीन  सम्मान आपको बहुत बहुत बधाई आदरणीय  हरि प्रकाश दुबे जी 

Comment by somesh kumar on December 15, 2014 at 11:59pm

बधाई भाई जी !सुंदर और भावपूर्ण रचना को उचित स्थान मिला है 

Comment by Hari Prakash Dubey on December 1, 2014 at 11:29pm

आपकी सुन्दर प्रतिक्रिया पर आपका हार्दिक आभार सोमेश भाई ! पुनः धन्यवाद !

Comment by somesh kumar on December 1, 2014 at 11:00pm

घर हो या घोसला ,हौसला चाहिए उसे खड़ा रखने और बनाने के लिए ,सुंदर रचना पर बधाई 

Comment by Hari Prakash Dubey on December 1, 2014 at 8:46pm

आदरणीय डॉक्टर गोपाल नारायन साहब ,आपका हार्दिक आभार!सादर

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on December 1, 2014 at 10:08am

क्या बात है i अति सुन्दर i

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"तकनीकी कारणों से साइट खुलने में व्यवधान को देखते हुए आयोजन अवधि आज दिनांक 15.04.24 को रात्रि 12 बजे…"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, बहुत बढ़िया प्रस्तुति। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई। सादर।"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"आदरणीय समर कबीर जी हार्दिक धन्यवाद आपका। बहुत बहुत आभार।"
yesterday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"जय- पराजय ः गीतिका छंद जय पराजय कुछ नहीं बस, आँकड़ो का मेल है । आड़ ..लेकर ..दूसरों.. की़, जीतने…"
yesterday
Samar kabeer replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"जनाब मिथिलेश वामनकर जी आदाब, उम्द: रचना हुई है, बधाई स्वीकार करें ।"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर posted a blog post

ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना

याद कर इतना न दिल कमजोर करनाआऊंगा तब खूब जी भर बोर करना।मुख्तसर सी बात है लेकिन जरूरीकह दूं मैं, बस…See More
Saturday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"मन की तख्ती पर सदा, खींचो सत्य सुरेख। जय की होगी शृंखला  एक पराजय देख। - आयेंगे कुछ मौन…"
Saturday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"स्वागतम"
Saturday
PHOOL SINGH added a discussion to the group धार्मिक साहित्य
Thumbnail

महर्षि वाल्मीकि

महर्षि वाल्मीकिमहर्षि वाल्मीकि का जन्ममहर्षि वाल्मीकि के जन्म के बारे में बहुत भ्रांतियाँ मिलती है…See More
Wednesday
Aazi Tamaam posted a blog post

ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी

२१२२ २१२२ग़मज़दा आँखों का पानीबोलता है बे-ज़बानीमार ही डालेगी हमकोआज उनकी सरगिरानीआपकी हर बात…See More
Wednesday
Chetan Prakash commented on Samar kabeer's blog post "ओबीओ की 14वीं सालगिरह का तुहफ़ा"
"आदाब,  समर कबीर साहब ! ओ.बी.ओ की सालगिरह पर , आपकी ग़ज़ल-प्रस्तुति, आदरणीय ,  मंच के…"
Apr 10
Ashok Kumar Raktale commented on Ashok Kumar Raktale's blog post कैसे खैर मनाएँ
"आदरणीय सुशील सरना साहब सादर, प्रस्तूत रचना पर उत्साहवर्धन के लिये आपका बहुत-बहुत आभार। सादर "
Apr 9

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service