For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

!!! लखनऊ शहर !!!

जीवन है सरस लखनऊ सदा!!!
नवाबी सुरूर,
बागों की हूर
हुस्न औ शबाब,
हजरत आदाब।
अमनों शहर मजहबी सजदा।
जीवन है सरस लखनऊ सदा!!1
मस्जिद आजान
मंदिर रस गान
अमृत औ नीरज
साहित्य धीरज।
शायर कवि कहते बेपरदा।
जीवन है सरस लखनऊ सदा!!2
भूल भुलईया
दिलकुशा छइयां
गंजो का गंज
बागों का ढंग।
यहां हरियाली रहती फिदा।
जीवन है सरस लखनऊ सदा!!3
गलियों की महक
अहातों की चहक
पतंगी जुनून
फाखता सुकून।
आन बान शान शौकत अदा।
जीवन है सरस लखनऊ सदा!!4


के0पी0सत्यम/ मौलिक एवं अप्रकाशित

Views: 843

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on May 2, 2013 at 8:44pm

आ0 मनोज भाई जी,   ’’मुस्कुराईए कि आप लखनऊ में है’’  आपका हार्दिक स्वागत है।   आपका तहेदिल से बहुत बहुत आभार।  सादर,

Comment by manoj shukla on May 2, 2013 at 8:29pm
बहुत सुन्दर ....आदर्णीय बधाई स्वीकार करें
Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on May 2, 2013 at 7:24pm

आ0 रामानी जी,  आपकी टिप्पणी मात्र से मैं धन्य हो गया।  ’मुस्कुराईए कि आप लखनऊ में है’   हर बार आपका हार्दिक स्वागत है।  लखनऊ की यात्रा पुनः स्मृति पटल पर छाने के लिए आपका तहेदिल से बहुत बहुत हार्दिक आभार।  सादर,

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on May 2, 2013 at 7:16pm

आ0 कुशवाहा जी,  ’मुस्कुराईए कि आप लखनऊ में है’  आपका हार्दिक स्वागत है।   आपका तहेदिल से बहुत बहुत आभार।  सादर,

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on May 2, 2013 at 7:11pm

आ0 बसंत नेमा जी,  आपके लखनऊ के प्रति लगाव को मेरा सादर नमन् है।  आपका तहेदिल से बहुत बहुत आभार।  सादर,

Comment by कल्पना रामानी on May 2, 2013 at 6:47pm

बहुत सजीव और सटीक वर्णन किया है,केवल प्रसाद जी, पढ़कर मुझे अपनी लखनऊ यात्रा याद आ गई।

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on May 2, 2013 at 6:17pm

सही कहा लखनऊ हेतु

स्वागत है लखनऊ में. 

बधाई 

Comment by बसंत नेमा on May 2, 2013 at 11:45am

बहुत सजीव परिचय दिया है आपने अपने शहर का ......... बधाई

 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

anwar suhail updated their profile
7 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
yesterday
ajay sharma shared a profile on Facebook
Thursday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Monday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Sunday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार। पति-पत्नी संबंधों में यकायक तनाव आने और कोर्ट-कचहरी तक जाकर‌ वापस सकारात्मक…"
Sunday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदाब। सोशल मीडियाई मित्रता के चलन के एक पहलू को उजागर करती सांकेतिक तंजदार रचना हेतु हार्दिक बधाई…"
Sunday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार।‌ रचना पटल पर अपना अमूल्य समय देकर रचना के संदेश पर समीक्षात्मक टिप्पणी और…"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदाब।‌ रचना पटल पर समय देकर रचना के मर्म पर समीक्षात्मक टिप्पणी और प्रोत्साहन हेतु हार्दिक…"
Nov 30
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, आपकी लघु कथा हम भारतीयों की विदेश में रहने वालों के प्रति जो…"
Nov 30
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय मनन कुमार जी, आपने इतनी संक्षेप में बात को प्रसतुत कर सारी कहानी बता दी। इसे कहते हे बात…"
Nov 30
AMAN SINHA and रौशन जसवाल विक्षिप्‍त are now friends
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service