“मीत मन से मन मिला तू और स्वर से स्वर मिला,”
 कर लिया यह कर्म जिस ने उस को ही ईश्वर मिला.
 कांच   की  कारीगरी  में  जो   निपुण  थे  साथियों,
 आजकल उन के ही  हाथों  में   हमें   पत्थर  मिला.
 पेट भर  रोटी  मिली   जब   भूखे  बच्चों को  हुज़ूर, 
 सब कठिन प्रश्नों का उन को इक सरल उत्तर मिला. 
 चापलूसी  की   कला  में  जो  है  जितना  ही चतुर,
 जग में उस को उतना ही सम्मान और आदर मिला.
 यह पुरातन सत्य  है  कि  वानर की हैं संतान हम,
 आज  मानव रूप में भी हम को  वही  बन्दर मिला.
 प्रेम  का  आश्रम   सजाने  के   लिए आ श्रम  करें,
 ऐसे  कर्मों  का जगत में फल भी सदा सुन्दर मिला.
 एक प्यारी सी  ग़ज़ल बन ही  गयी  इस पँक्ति  से ,
 बहर  भी   है  ख़ूबसूरत   क़ाफ़िया  सुन्दर  मिला.
 मन  में रामायण सा ही वो बस गया है  ऐ ‘लतीफ़’   
 यूं  सतत् पावन  पठन का  उम्र  भर अवसर मिला.
©अब्दुल लतीफ़ ख़ान (दल्ली राजहरा).
Comment
प्रेम  का  आश्रम   सजाने  के   लिए आ श्रम  करें,
ऐसे  कर्मों  का जगत में फल भी सदा सुन्दर मिला.
एक प्यारी सी  ग़ज़ल बन ही  गयी  इस पँक्ति  से ,
बहर  भी   है  ख़ूबसूरत   क़ाफ़िया  सुन्दर  मिला.
पेट भर  रोटी  मिली   जब   भूखे  बच्चों को  हुज़ूर, 
 सब कठिन प्रश्नों का उन को इक सरल उत्तर मिला.
यह पुरातन सत्य  है  कि  वानर की हैं संतान हम,
 आज  मानव रूप में भी हम को  वही  बन्दर मिला.
सुभान अल्लाह ...... ग़ज़ल के हर शे ' र तारीफ़ के काबिल हैं . खुबसूरत ख़याल ..... दाद कुबूल फरमाएं लतीफ़ साहेब .
वाह लतीफ़ खान साहिब 
क्या बेहतरीन ग़ज़ल कही है 
दिल से ढेरो दाद निकल रही है 
वाह वाह वा 
इस जमीं पर ही अभी कुछ दिन पहले सौ ग़ज़लें पढ़ने का सुख प्राप्त हुआ है आज १०१ हो गई :)))
जग में उस को उतना ही सम्मान और आदर मिला.
यह पुरातन सत्य  है  कि  वानर की हैं संतान हम,
आज  मानव रूप में हम को  ,  वही  बन्दर मिला.
प्रेम  का  आश्रम   सजाने  के   लिए आ  श्रम  करें,
ऐसे  कर्मों  का जगत में फल सदा सुन्दर मिला.
एक प्यारी सी  ग़ज़ल बन ही  गयी  इस पँक्ति  से ,
बहर  भी   है  ख़ूबसूरत   क़ाफ़िया  सुन्दर  मिला.  bahut sunder 
मन  में रामायण सा ही वो बस गया है  ऐ ‘लतीफ़’   
यूं  सतत् पावन  पठन का  उम्र  भर अवसर मिला. qabil e daad hain 
nice sharing
sir,,,,yadi gitika ki 9th pankti me """"yah puratan satya hai , vanar ki hai santaan ham
                                                     aaj manav roop me , humko vahi bandar mila ''' ho jaye to 
 zyada achcha laga ....................tathapi ,,,,rachana nihsandeh bahut achhi hai
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