For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

महाभुजंगप्रयात छंद में मेरी दूसरी रचना

धरें वेशभूषा तपस्वी सरीखा, जियें किन्तु जो ऐश की जिंदगानी
सने हाथ हैं खून से भी उन्हीं के, सदा बोलते जो यहाँ छद्म बानी
पता ही नहीं मूल क्या ज़िन्दगी का, लगे एक सा जिन्हें आग पानी
उन्हें आप यूँ ही मनस्वी न बोलो, जुबाँ से भले वे लगें आत्म ज्ञानी।।

शिल्प -यगण ×8

(मौलिक व अप्रकाशित)

Views: 488

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by नाथ सोनांचली on May 7, 2019 at 3:20pm

आद0 सौरभ पांडेय जी सादर अभिवादन। आपकी बहुमूल्य प्रतिक्रिया पाकर हम धन्य हुए। आपका हृदय तल से आभार व्यक्त करते हैं। सादर


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on May 7, 2019 at 3:02pm

आदरणीय सुरेन्द्र जी, आजके समाज में विभिन्न लोग हैं. कुछ सहज जीवन जीते हुए गुजार देते हैं, तो कुछ छद्म जीवन के आदती होते हैं और बहुरूप में आपना जीवन गुजारते हैं. ऐसों पर आपकी रचना सम्यक प्रहार करती हुई प्रस्तुत हुई है. 

हार्दिक बधाइयाँ 

Comment by नाथ सोनांचली on May 2, 2019 at 6:41pm

आद0 समर कबीर साहब सादर प्रणाम। रचना पर आपकी प्रतिक्रिया मिल जाती है तो ऐसा आभास होता है कि रचना पूर्ण हो गयी। आपकी प्रतिक्रिया के लिए हृदय तल से आभार।

Comment by Samar kabeer on May 2, 2019 at 11:10am

जनाब सुरेन्द्र नाथ सिंह जी आदाब,अच्छा छन्द लिखा आपने,बधाई स्वीकार करें ।

Comment by नाथ सोनांचली on May 1, 2019 at 6:19pm

आद0 सुशील सरना जी सादर अभिवादन। रचना पर आपकी आत्मीय प्रशंशाआ पाकर धन्य हुआ। बहुत बहुत आभार आपका

Comment by Sushil Sarna on May 1, 2019 at 3:22pm

वाह आदरणीय सुरेन्द्र नाथ जी , बेहद खूबसूरत, हकीकत की जमीन पर लिखे इस अद्भुत सृजन के लिए दिल से बधाई कबूल फरमाएं सर।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आदरणीय तिलकराज कपूर जी, आपने जो बात कही उस पर ध्यान दूंगा। सुझाव के लिए हार्दिक आभार।"
2 minutes ago
Hariom Shrivastava replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आदरणीय मिथिलेश वामनकर सर मेरी प्रस्तुति को मान देकर उत्साहवर्धन हेतु आपका दिल से आभार। 🙏"
4 minutes ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आदरणीय डॉ. प्राची सिंह जी, आपकी टिप्पणी से प्रोत्साहन मिला। प्रोत्साहन के लिए हार्दिक आभार।"
5 minutes ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आदरणीय मिथलेश जी, आपकी टिप्पणी का स्वागत। प्रोत्साहन के लिए हार्दिक आभार।"
8 minutes ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आदरणीय हरिओम श्रीवास्तव जी,  प्रदत्त विषय पर आपने बहुत बढ़िया कुंडलिया छंद लिखे है। दोनों…"
8 minutes ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आदरणीय हरिओम श्रीवास्तव जी, आपके शानदार सार छंद पढ़कर आनंद आ गया। इस प्रेरित करती प्रस्तुति हेतु…"
17 minutes ago
Hariom Shrivastava replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"प्रस्तुति क्रमांक - 2 - "कुण्डलिया छंद" - ============================ 1- हरियाली कम हो…"
19 minutes ago
Hariom Shrivastava replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"- सार छंद - ----------------------------------------------------------- 1- हरियाली कम करके हमने,…"
23 minutes ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आदरणीय बागी सर आपकी प्रशंसा मुग्धकारी है। मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार आपका। सादर"
25 minutes ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार आपका। सादर"
26 minutes ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आदरणीय तिलकराज कपूर सर, आपकी प्रशंसा मुग्धकारी है। हार्दिक आभार आपका। सादर"
29 minutes ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आदरणीया प्राची दीदी जी, आपको मेरा प्रयास पसंद आया, जानकर खुशी हुई। मेरे प्रयास के अनुमोदन हेतु…"
30 minutes ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service