For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

परिवर्तन (सरसी छन्द)

प्रचंड लीला परिवर्तन की, सभी झेलते मार
पुष्प सदा जो खिलते रहते, कम्पित होती डार।1।

भृंग मधुर रव तान सुनाते, करते वे मदहोश
गम में सभी सहन करते हैं, परिवर्तन आक्रोश।2।

हरित पर्ण पर हिमकन शोभित, नर्तन करती रोज
परिवर्तन का तांडव पल में, धूमिल करता ओज ।3।

सदा बाग का माली हँसता, सुषमा देख अपार
पतझड़ में नित रुदन करे वह, दिखता हाहाकार।4।

परिवर्तन की विषम ज्वाल में, जलता राज समाज
चीख पुकार सुनाई देती, नहीं काल को लाज ।5।

बचपन की आभामय रौनक, हरपल हँसी बिखेर
पीला होकर गात जरा में, निशदिन होता ढेर ।6।

मृदुल होंठ मुस्कान झलकती, लद यौवन के भार
दुख की बदली जब छाती है, हँसी खुशी बेकार ।7।

चार नयन मिलते हैं जिस पल, रोम रोम में प्यार
गम में आठ पहर है रोता, दिल में चुभे कटार ।8।

जन्म घड़ी में खुशियाँ छायी, उत्सव में परिवार
मृत्यु गाल में थमती साँसें दुखमय ये संसार ।9।

पावस नद की उफान थमती, आता ग्रीष्म कराल
जीवन मरु सा दिखने लगता, डस जाता है व्याल।10।

नियति नटी की सच्चाई को, करे सभी स्वीकार
चमक चाँदनी धूमिल होगी, जैसे काँस सिवार।11।


मौलिक एवं अप्रकाशित

Views: 497

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by डॉ छोटेलाल सिंह on December 1, 2017 at 6:48pm
आदरणीय लक्ष्मण धामी जी आपके उत्साह वर्धन से मन प्रसन्न हुआ ,आपका दिल से आभार
Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on December 1, 2017 at 1:30pm
बेहतरीन छंद हुए हैं हार्दिक बधाई ।
Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on November 30, 2017 at 9:52pm
बेहतरीन छंद , हार्दिक बधाई ।
Comment by डॉ छोटेलाल सिंह on November 28, 2017 at 10:10pm
परमादरणीय आरिफ साहब आपके उत्साह वर्धन से मन मगन हुआ आपका दिल से आभार
Comment by डॉ छोटेलाल सिंह on November 28, 2017 at 10:09pm
परमादरणीय समर साहब शत शत नमन करते हुए तहे दिल से आभार प्रकट करता हूँ ,आपके उत्साह वर्धन से मार्गदर्शन से लेखनी सफल हुई ,पुनः दिल से आभार
Comment by Samar kabeer on November 28, 2017 at 5:15pm
जनाब डॉ.छोटेलाल सिंह जी आदाब,बहुत उम्दा सरसी छन्द हुए,इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।
Comment by Mohammed Arif on November 28, 2017 at 7:53am
आदरणीय छोटे लाल जी आदाब,
बहुत ही सुंदर सरसी छंद । प्रकृति के और मानव के हर रंग को उकेर दिया है आपने इश छंदों में । हार्दिक बधाई स्वीकार करें ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Aazi Tamaam commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post शेष रखने कुटी हम तुले रात भर -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"बहुत खूबसूरत ग़ज़ल हुई आदरणीय बधाई हो"
30 minutes ago
Aazi Tamaam commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post छन्न पकैया (सार छंद)
"अच्छी रचना हुई आदरणीय बधाई हो"
31 minutes ago
Aazi Tamaam commented on surender insan's blog post जो समझता रहा कि है रब वो।
"अच्छी ग़ज़ल हुई आदरणीय बधाई हो 3 बोझ भारी तले को सुधार की आवश्यकता है"
32 minutes ago
Aazi Tamaam commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल -मुझे दूसरी का पता नहीं ( गिरिराज भंडारी )
"खूबसूरत ग़ज़ल हुई आदरणीय इस बह्र पर हार्दिक बधाई"
36 minutes ago
Aazi Tamaam commented on Aazi Tamaam's blog post तरही ग़ज़ल: इस 'अदालत में ये क़ातिल सच ही फ़रमावेंगे क्या
"बहुत बहुत शुक्रिया आदरणीय सुरेंद्र इंसान जी इस ज़र्रा नवाज़ी का"
37 minutes ago
Aazi Tamaam commented on Aazi Tamaam's blog post तरही ग़ज़ल: इस 'अदालत में ये क़ातिल सच ही फ़रमावेंगे क्या
"बहुत शुक्रिया आदरणीय भंडारी जी इस ज़र्रा नवाज़ी का"
38 minutes ago
surender insan commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post छन्न पकैया (सार छंद)
"आदरणीय सुरेश भाई जी  छन्न पकैया (सारछंद) में आपने शानदार और सार्थक रचना की है। बहुत बहुत बधाई…"
1 hour ago
surender insan commented on Aazi Tamaam's blog post तरही ग़ज़ल: इस 'अदालत में ये क़ातिल सच ही फ़रमावेंगे क्या
"आदरणीय आज़ी भाई आदाब। बहुत बढ़िया ग़ज़ल के लिए बधाई स्वीकार करे जी।"
1 hour ago
surender insan commented on surender insan's blog post जो समझता रहा कि है रब वो।
"आदरणीय सौरभ जी सादर नमस्कार जी। ग़ज़ल पर आने के लिए और अपना कीमती वक़्त देने के लिए आपका बहुत बहुत…"
2 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post छन्न पकैया (सार छंद)
"आदरणीय सुरेश भाई ,सुन्दर  , सार्थक  देश भक्ति  से पूर्ण सार छंद के लिए हार्दिक…"
5 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . . . विविध
"आदरणीय सुशिल भाई , अच्छी दोहा वली की रचना की है , हार्दिक बधाई "
6 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on Aazi Tamaam's blog post तरही ग़ज़ल: इस 'अदालत में ये क़ातिल सच ही फ़रमावेंगे क्या
"आदरनीय आजी भाई , अच्छी ग़ज़ल कही है हार्दिक बधाई ग़ज़ल के लिए "
6 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service