For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

अंजामे मुहब्बत .....

अंजामे मुहब्बत .......

कितनी अज़ीब हैं ज़िंदगी की राहें
हर मोड़

एक उलझी पहेली
हर राह पर फिसलन
हर नफ़स एक चुभन
गर्द में दफ़्न
वफ़ा और ज़फ़ा के अनसुने अनकहे
वो अफ़साने
जिन्हें सुनना चाहे
ये दिल बार बार
हर बार

कोई लफ्ज़ लबे दहलीज़ पे
इज़हार से शरम खाता है
और अश्के रवां रुखसार पे रुक जाता है
कह देती है सांस
साँसों में तपते अहसासों को
दे देती है खामोश धड़कनों को
अपनी धड़कनों की आवाज़

वो बात मुहब्बत की
जिसे लब बयां न कर पाये
शबे तारीक से कह दूँ तो
तो तड़प को करार आये
है अज़ल ही गर ज़िंदगी में अंजामे मुहब्बत
तो ऐ ख़ुदा
ये अज़ल ज़िंदगी में
हर लम्हा आये
हज़ार बार आये

सुशील सरना
मौलिक एवं अप्रकाशित

Views: 379

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Sushil Sarna on October 15, 2015 at 1:05pm

आदरणीय समीर कबीर  जी प्रस्तुति  पर आपकी आत्मीय प्रशंसा  का दिल से शुक्रिया। 

Comment by Sushil Sarna on October 15, 2015 at 1:04pm

आदरणीय गिरिराज भंडारी जी सृजन पर आपकी मधुर प्रतिक्रिया का दिल से शुक्रिया। 

Comment by Sushil Sarna on October 15, 2015 at 1:03pm

आदरणीय डॉ गोपाल नरायन श्रीवास्तव जी सृजन पर आपकी स्नेहाशीष का दिल से शुक्रिया। 

Comment by Sushil Sarna on October 15, 2015 at 1:02pm

आदरणीया कांता रॉय जी रचना में निहित भावों को स्वीकृति देती आपकी मधुर प्रशंसा का हार्दिक आभार। 

Comment by Sushil Sarna on October 15, 2015 at 1:01pm

आदरणीय मिथिलेश वामनकर जी प्रस्तुति पर आपकी स्नेहिल प्रशंसा का हार्दिक आभार। 

Comment by Samar kabeer on October 14, 2015 at 11:21pm
जनाब सुशील सरना जी,आदाब,इस सुन्दर प्रस्तुति हेतु बधाई स्वीकार करें ।

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on October 14, 2015 at 9:38pm

आदरणीय सुशील सरना भाई , खूब सूरत भाव पूर्ण रचना के लिये हार्दिक बधाई ॥

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on October 14, 2015 at 9:08pm

आ० सरना जी भाव सज्जित रचना हेतु बधाई

Comment by kanta roy on October 14, 2015 at 8:22pm
है अज़ल ही गर ज़िंदगी में अंजामे मुहब्बत
तो ऐ ख़ुदा
ये अज़ल ज़िंदगी में
हर लम्हा आये
हज़ार बार आये
----- बेहतरीन अल्फाज़ों से सजा भावपूर्ण रचना । बधाई आपको आदरणीय सुशील सरना जी

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by मिथिलेश वामनकर on October 14, 2015 at 4:16pm

आदरणीय सुशील सरना सर बढ़िया प्रस्तुति हार्दिक बधाई आपको 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

सुरेश कुमार 'कल्याण' posted a blog post

कुंडलिया छंद

आग लगी आकाश में,  उबल रहा संसार।त्राहि-त्राहि चहुँ ओर है, बरस रहे अंगार।।बरस रहे अंगार, धरा ये तपती…See More
2 hours ago
Sushil Sarna posted blog posts
2 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

सीमा के हर कपाट को - (गजल)-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'

२२१/२१२१/१२२१/२१२कानों से  देख  दुनिया  को  चुप्पी से बोलना आँखों को किसने सीखा है दिल से…See More
2 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post कहूं तो केवल कहूं मैं इतना: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीया प्राची दीदी जी, आपको नज़्म पसंद आई, जानकर खुशी हुई। इस प्रयास के अनुमोदन हेतु हार्दिक…"
23 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post कहूं तो केवल कहूं मैं इतना: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय सौरभ सर, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार। बहुत बहुत धन्यवाद। सादर"
23 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आदरणीय सुरेश कल्याण जी, आपके प्रत्युत्तर की प्रतीक्षा में हैं। "
23 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आभार "
23 hours ago

मुख्य प्रबंधक
Er. Ganesh Jee "Bagi" replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आदरणीय, यह द्वितीय प्रस्तुति भी बहुत अच्छी लगी, बधाई आपको ।"
23 hours ago

मुख्य प्रबंधक
Er. Ganesh Jee "Bagi" replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"वाह आदरणीय वाह, पर्यावरण पर केंद्रित बहुत ही सुंदर रचना प्रस्तुत हुई है, बहुत बहुत बधाई ।"
23 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आ. भाई हरिओम जी, सादर आभार।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आ. भाई हरिओम जी, सादर अभिवादन। प्रदत्त विषय पर बेहतरीन कुंडलियाँ छंद हुए है। हार्दिक बधाई।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आ. भाई हरिओम जी, सादर अभिवादन। प्रदत्त विषय पर बेहतरीन छंद हुए है। हार्दिक बधाई।"
yesterday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service