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जैसे को तैसा

आज करवाचौथ के दिन मैं अपनी बीवी से बोला – “प्रिये...

तुम मेरी किडनी के समान हो,

किंतु शादी के बाद के इन 5 वर्षों में

तुम्हारी हालत बिल्कुल

हमारी सरकार जैसी हो गई है,

यानि कि बेकार जैसी हो गई है,

अब सोचता हूँ कि

किसी नई युवा किडनी से

अपने शरीर की साँठ-गाँठ करा लूँ..”

तो बीवी तपाक से बोली –

“आप भी तो मेरे लीवर जैसे हो,

मैं भी सोचती हूँ

लीवर ट्राँसप्लांट करा लूँ।”

-------------------- सुशील जोशी

"मौलिक व अप्रकाशित"

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Comment by Sushil.Joshi on November 5, 2013 at 8:23am

हा..हा..हा.... आ0 शिज्जू भाई जी..... बहुत बहुत धन्यवाद आपका...... वैसे आपको बता दूँ कि exceptions हर जगह होते हैं... हा..हा..हा......

Comment by Sushil.Joshi on October 29, 2013 at 8:28pm

आपका अतिश: धन्यवाद आदरणीया डॉ. प्राची जी......


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on October 29, 2013 at 8:28pm

ये भी खूब रही सुशील जी बधाई आपको इस हास्यपूर्ण रचना के लिये
वैसे किडनी दो होती हैं दूसरी कहाँ है :-))


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on October 29, 2013 at 8:11pm

हाहाहा हाहाहा अच्छा कम्पीटीशन है 

हार्दिक बधाई 

Comment by Sushil.Joshi on October 24, 2013 at 4:38am

अतिश: धन्यवाद आपका आदरणीय अखिलेश जी....

Comment by Sushil.Joshi on October 24, 2013 at 4:37am

आपका बहुत बहुत आभार आदरणीय जितेन्द्र भाई जी...

Comment by Sushil.Joshi on October 24, 2013 at 4:35am

बहुत बहुत आभार आपका आदरणीय बृजेश जी.....

Comment by Sushil.Joshi on October 24, 2013 at 4:35am

आदरणीय गिरिराज जी...... अनुमोदन के लिए आपका कोटि कोटि धन्यवाद....

Comment by Sushil.Joshi on October 24, 2013 at 4:34am

आदरणीया मीना जी.... बहुत बहुत धन्यवाद आपका....

Comment by Sushil.Joshi on October 24, 2013 at 4:34am

हार्दिक आभार आपका आदरणीया अन्नपूर्णा जी....

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