For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s Blog – September 2019 Archive (2)

गजल - लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'

२२१/ २१२१/ २२२/१२१२



रस्ते सभी जहाँ के ढब आसान जिंदगी

तू ही उलझ के रह गयी नादान जिंदगी।१।



पानी हवा बहुत  है  यूँ  जीने  के वास्ते

करती इकट्ठा  मौत का सामान जिंदगी।२।



जीवन नहीं करे है तू जीवन सा पर करे

सासों पे झूठ - मूठ का अहसान जिंदगी।३।



क्यूबा बनी सोमालिया, ईराक, सीरिया

कब होगी तू पता नहीं जापान जिन्दगी।४।



देती है उसको मान ढब आती है मौत…

Continue

Added by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on September 26, 2019 at 6:54am — 8 Comments

दीप बुझा करते है जिसके चलने पर - गजल( लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर')

२२२२/२२२२/२२२


अश्क पलक से भीतर रखना सीख लिया
गम थे बेढब फिर  भी हँसना सीख लिया।१।


जख्म दिए  हैं  जब से  हँसकर  फूलों ने
काँटों को भी फूल हैं कहना सीख लिया।२।


कदम- कदम  पर  खंजर  रक्खे  अपनों  ने
हम भी शातिर जिन पर चलना सीख लिया।३।


दीप बुझा  करते  है  जिसके चलने पर
उस आँधी से हमने जलना सीख लिया।४।


उनकी कोशिश  थी  पत्थर से अटल रहें
नदिया बनकर हम ने बहना सीख लिया।५।


मौलिक/अप्रकाशित

Added by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on September 18, 2019 at 7:29pm — 4 Comments

Monthly Archives

2023

2022

2021

2020

2019

2018

2017

2016

2015

2014

2013

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Samar kabeer replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-153
"बहना राजेश कुमारी जी आदाब, तरही मिसरे पर अच्छी ग़ज़ल कही आपने, बधाई स्वीकार करें ।"
9 minutes ago
Anil Kumar Singh replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-153
"आदरणीय नीलेश जी आभार "
41 minutes ago
Anil Kumar Singh replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-153
"आदरणीय अजय गुप्ता अजेय जी ग़ज़ल पसंद करने का बेहद शुक्रिया . दरअसल नीरज जी की इन  पंक्तियों से…"
42 minutes ago
Anil Kumar Singh replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-153
"आदरणीय उस्ताद समर कबीर साहब,  हौसला अफ़जाई का तह ए दिल से शुक्रिया "
48 minutes ago
Samar kabeer replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-153
"जनाब चेतन प्रकाश जी आदाब, आयोजन में सहभागिता के लिए आपका धन्यवाद ।"
52 minutes ago
Samar kabeer replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-153
"जनाब निलेश 'नूर' जी आदाब, तरही मिसरे पर अच्छी ग़ज़ल कही आपने, बधाई स्वीकार करें ।"
53 minutes ago
Samar kabeer replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-153
"मुहतरमा ऋचा यादव जी आदाब, ग़ज़ल अभी बहुत समय चाहती है,बहरहाल इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें । जनाब…"
55 minutes ago
Samar kabeer replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-153
"जनाब लक्ष्मण धामी जी आदाब, तरही मिसरे पर ग़ज़ल का अच्छा प्रयास है, बधाई स्वीकार करें । 'करनी…"
1 hour ago
Samar kabeer replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-153
"जनाब संजय शुक्ला जी आदाब, तरही मिसरे पर ग़ज़ल का अच्छा प्रयास है, बधाई स्वीकार करें । जनाब निलेश जी…"
1 hour ago
मनोज अहसास commented on मनोज अहसास's blog post अहसास की ग़ज़ल:मनोज अहसास
"आदरणीय मुसाफिर साहब हार्दिक आभार सादर"
1 hour ago
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-153
"तुझ को खो कर मुझे जीना कहाँ आसाँ होगा ..जैसा कुछ "
1 hour ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-153
"आप से सहमत हूँ। ग़ज़ल पर उपस्थिति के लिए आपका आभार। //तू न आई तो ये जीना कहाँ आसाँ होगा // पहले ऐसा…"
1 hour ago

© 2023   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service