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Ketan Parmar's Blog – July 2013 Archive (5)

उन्हें ख्वाबो में देखता हूँ

एक कोशिश विरह रस की कविता कहने की आशा है आप सब को पसंद आएगी



फिर से सावन की घटा छाई है

तन्हाई में मुझे तेरी याद आई है

क्यों है दूर मुझसे तू न जानू

क्यों है मजबूर मैं न जानू



है कुछ मेरी भी मज़बूरी 

बिन तेरे मैं भी अधूरी

क्या बताऊ दिल का हाल

करता है मुझे ये बेहाल



तुमसे मैं क्या करू सवाल

मेरा क्या तुम बिन हाल

मैं कहु कैसे मेरी प्रियतम

सहा है कितना मैंने सितम



मैं समझती हूँ तेरे दिल का हाल

तेरे…

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Added by Ketan Parmar on July 23, 2013 at 11:30am — 8 Comments

llमुहब्बत लिख देंगेll

मात्रा बह्र 

2 2 /  22 / 22 / 22 / 22 / 2

सोचा हमने तुमको इक ख़त लिख देंगे।

और तुम्हारी एक शिकायत लिख देंगे।।



ये जंग न हो दुनियाँ में मेरे मौला ।

दुनिया भर के नाम इबारत लिख देंगे।।



कर सकते हो हर एक खता दुनिया में। 

हम ये तेरे नाम इजाजत लिख देंगे।।



मिलते मिलते बिछड़ा है वो भी मुझसे।

करता मेरा यार सियासत लिख देंगे।।



इक दिन मिट जायेगा पूरा ये ज़माना।

होगी जो मातम की सूरत लिख देंगे।।



दिल…

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Added by Ketan Parmar on July 18, 2013 at 9:00pm — 17 Comments

ग़ज़ल एक कोशिश

ग़ज़ल एक कोशिश



ख्वाब दिखाकर दिलबर गायब है

रातो का वो मंज़र गायब है।।



जिसमे डूबी चाहत की किस्ती।

यारो एक समन्दर गायब है।।



खटकाता किसकी कुंडी मैं अब।

देखा जब उसका घर गायब है।।



पेट भरे वो सबका फिर भी उस।

दाता का ही लंगर गायब है।।



कापा जिस्म मिरा रातो में तब।

देखा उठ कर चादर गायब है।।



करके एक दुवा देखी मैंने।

भगवान तिरा मंदर गायब है।।



कर देता घायल मन को…

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Added by Ketan Parmar on July 10, 2013 at 1:52pm — 9 Comments

ग़ज़ल - एक प्रयास

मेरा है तू दास रे जोगी
तेरे क्या है पास रे जोगी।

मौत हुई मेरी यहाँ पर क्यों
गहरा है ये राज़ रे जोगी।

शाम हुई मदहोश आज यहाँ
जैसे हो कुछ खास रे जोगी।

रहती है मेरी नज़र में तू
आँखों की इक प्यास रे जोगी।

"मौलिक व अप्रकाशित"

Added by Ketan Parmar on July 2, 2013 at 9:00pm — 13 Comments

मौसम की मनमानी

मौसम की मनमानी है
सब आँखों में पानी है।

छाया बादल ये कैसा
दर्द दिया रूहानी है।

पावन है जग में सबसे
गंगा का ही पानी है।

जगती है आंखे तेरी
शब को यूं ही जानी है।

तुझको पाने की ख्वाहिश
हमने मन में ठानी है।

"मौलिक व अप्रकाशित"

Added by Ketan Parmar on July 2, 2013 at 4:30pm — 15 Comments

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